'शंकर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते..' Akshay Kumar स्टारर Kesari 2 पर बोले Shashi Tharoor
शशि थरूर ने फिल्म को बेहद अट्रैक्टिव और एंटरटेनिंग बताया. उन्होंने कहा, 'मेरे अनुसार यह एक शानदार और बेहद सलीके से बनाई गई फिल्म है. भले ही इसमें ऐतिहासिक फैक्ट्स से कुछ हद तक फ्रीडम ली गई हो, लेकिन इसकी शुरुआत से ही यह कल्पना पर आधारित थी.;
राजनेता शशि थरूर ने 'केसरी चैप्टर 2' (Kesari Chapter 2) की समीक्षा करते हुए इसे 'बेहतरीन ढंग से बनाए और सुंदर तरीके से प्रेजेंट की गई फिल्म करार दिया. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज़ में टिप्पणी करते हुए कहा कि सी शंकरन नायर "कभी भी उन शब्दों का प्रयोग नहीं करते, जो अक्षय कुमार ने फिल्म में इस्तेमाल किए हैं. इसके साथ ही शशि थरूर ने यह भी जिक्र किया कि फिल्म के मेकर्स ने कुछ हद तक ऐतिहासिक तथ्यों में बदलाव किया है.
शशि थरूर ने फिल्म को बेहद अट्रैक्टिव और एंटरटेनिंग बताया. उन्होंने कहा, 'मेरे अनुसार यह एक शानदार और बेहद सलीके से बनाई गई फिल्म है. भले ही इसमें ऐतिहासिक फैक्ट्स से कुछ हद तक फ्रीडम ली गई हो, लेकिन इसकी शुरुआत से ही यह कल्पना पर आधारित थी. बावजूद इसके, फिल्म ने ब्रिटिश कोर्ट सिस्टम के ज़रिए विरोध की भावना को बेहतरीन तरीके से उकेरा है. दुख की बात है कि जलियांवाला बाग जैसी टेरर के बाद भी हमें आज़ादी के लिए 28 साल और इंतजार करना पड़ा. फिर भी, फिल्म ने अपना मैसेज बेहद प्रभावशाली ढंग से दर्शकों तक पहुंचाया गया.'
बेहद इंट्रेस्टिंग है फिल्म
फिल्म मेकिंग की तारीफ करते हुए शशि थरूर ने कहा, 'मुझे हमेशा की तरह यह स्वीकार करना चाहिए कि यह एक एक्सट्रीमली हाई क्वालिटी वाला मेकिंग है. एक्टिंग से लेकर डायरेक्शन तक, और कहानी को जिस क्वालिटी से आगे बढ़ाया गया, वह वाकई बेहद शानदार था. पूरी फिल्म के दौरान एक भी पल ऐसा नहीं आया जब दर्शक बोर महसूस कर सकें. दरअसल, शुरुआत में मुझे यह चिंता थी कि कहीं केवल कोर्ट ड्रामा बेस्ड कहानी दर्शकों को बोझिल या थका देने वाली न लगे. लेकिन जिस तरह से स्टोरी को बुना गया और सीन को फिल्माया गया है, उसने हर पल को इंट्रेस्टिंग बना दिया. कहानी का फ्लो ऐसा था कि दर्शक एक सेकंड के लिए भी अपनी नज़रें स्क्रीन से हटा नहीं सकते थे.
वह ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते
शशि थरूर ने फिल्म में अक्षय कुमार द्वारा निभाए गए सी शंकरन नायर के किरदार की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, टसी शंकरन नायर एक बेहतरीन इंसान थे. वह साहस, सिद्धांत और ईमानदारी की मिसाल थे. उनके अंदर एक अलग तरह की शांति और गरिमा थी, जो हर समय दिखती थी. मैं पूरी तरह भरोसे के साथ कह सकता हूं कि असल जिंदगी में उन्होंने कभी भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया होता जैसा फिल्म में अक्षय कुमार करते हैं, खासकर एक चार अक्षरों वाला शब्द, जो उनके स्वभाव के बिल्कुल खिलाफ था. उनकी भाषा हमेशा साफ-सुथरी और सम्मानजनक होती थी.'
दर्शकों को जोड़ने में कामयाब रही
आगे शशि थरूर ने कहा, 'हालांकि फिल्म में कुछ जगह कल्पना का सहारा लिया गया है, लेकिन फिर भी फिल्म ने सी शंकरन नायर की भावना, उनके संघर्ष और उनके मैसेज को बहुत अच्छे तरीके से दिखाया है. पूरी कहानी में उनके आदर्शों और जज़्बे को जिस तरह से पेश किया गया है, वह दिल को छू जाता है. फिल्म दर्शकों को जोड़ने में पूरी तरह कामयाब रही है.