वाराणसी की गलियों में पैदल घूमती दिखी Preity Zinta, VIP टिकट के बिना किए काशी विश्वनाथ के दर्शन

एक्ट्रेस प्रीति जिंटा जिनकी करोड़ो की नेट वॉर्थ हैं वह बिना किसी विआपई टिकट और गार्ड्स के बिना काशी में एंजॉय करती दिखी. एक्ट्रेस की मां प्रयागराज से अपनी यात्रा को शुरू करते हुए कशी में समाप्त करना चाहती थी.;

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Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 3 March 2025 1:43 PM IST

बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा (Preity Zinta) एकलौती ऐसी स्टार हैं जो बिना पैपराजी को अपनी अपीरियंस दिए बिना अपने फैंस के लिए लाइमलाइट में बनी रहती हैं. अक्सर सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली डिंपल गर्ल प्रीति ने अपने इंस्टा हैंडल पर एक बड़ा ही खूबसूरत वीडियो शेयर किया है. जिसमें वह प्रयागराज और काशी में मुंह पर मास्क लगाए पैदल यात्रा करते हुए दिखाई दे रही हैं.

एक्ट्रेस जिनकी करोड़ो की नेट वॉर्थ हैं वह बिना किसी विआपई टिकट और गार्ड्स के बिना कशी में एंजॉय करती दिखी. एक्ट्रेस की मां प्रयागराज से अपनी यात्रा को शुरू करते हुए काशी में समाप्त करना चाहती थी. हालांकि लोगों की भीड़ की वजह से एक्ट्रेस अपनी कार से जाने में असमर्थ थी, इसलिए उन्होंने उस भीड़ में शामिल होते हुए कशी विश्वनाथ के दर्शन करने में कामयाब रही.

ऑटो रिक्शा से लेकर ई-रिक्शा की सवारी 

प्रीति ने अपने एक्स हैंडल पर वीडियो को शेयर करते हुए एक लंबा नोट शेयर लिया. उन्होंने लिखा, 'यह यात्रा कितनी साहसिक रही. मां हमारी महाकुंभ यात्रा को शिवरात्रि के लिए वाराणसी में समाप्त करना चाहती थीं तो मैंने उससे कहा, बिल्कुल मां, चलो चलते हैं.' उन्होंने ने आगे लिखा, 'एक बार जब हम वहां पहुंचे तो हमें पता चला कि भारी भीड़ के कारण, कारों को परमिशन नहीं थी और एक पॉइंट के बाद सड़कें जाम थीं, इसलिए लोग पैदल चलकर काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर सकते थे. हमने तय किया कि हम इसके लिए जाएंगे. कार में बैठने से लेकर ऑटो रिक्शा से लेकर साइकिल रिक्शा तक हमने यह सब और बहुत कुछ किया, क्योंकि हम हमेशा पागल भीड़ में चलते रहे.'

यहां के लोग बहुत अच्छे हैं

अपनी इस पोस्ट में 'सोल्जर' स्टार ने बताया कि उन्हें यहां कितना पॉजिटिव महसूस हुआ. उन्होंने यहां जो ऑब्जर्व किया उसे लेकर एक्ट्रेस ने कहा, 'वाराणसी में भीड़ बहुत अच्छी थी. मैंने कभी किसी निगेटिव चीज़ का सामना नहीं किया और यहां के लोग बहुत अच्छे हैं. भले ही यात्रा में हमें कई घंटे लग गए, लेकिन विश्वास की शक्ति और आसपास के लोगों की भरपूर एनर्जी के कारण हमने इसे कभी महसूस नहीं किया.' अपनी इस आध्यात्मिक यात्रा से शेयर करते हुए प्रीति ने कहा कि उन्होंने इससे पहले कभी अपनी मां को इतना खुश नहीं देखा.'

सच्ची सेवा माता-पिता की करो 

उन्होंने कहा, 'इस पूरी यात्रा के दौरान मुझे अपनी मां के चेहरे पर वो खुशी देखने को मिली जो मैंने पहले कभी नहीं देखी..वह चमक रही थीं. उन्हें देखकर मुझे एहसास हुआ कि सबसे बड़ी सेवा तो भगवान के प्रति नहीं बल्कि अपने माता-पिता के प्रति है. अफसोस की बात है कि हमें उनकी कीमत का एहसास केवल माता-पिता बनने के बाद ही होता है. भले ही उसने इस पूरी यात्रा की शुरुआत की थी लेकिन बुलावा मेरा था - वह तो सिर्फ एक बहाना था. हम आधी रात को पहुंचे और आधी रात की आरती देखी। यह कुछ सेकंड के लिए था क्योंकि कोई वीआईपी सेवा उपलब्ध नहीं थी लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा.'

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