Mahesh Babu पर फिर कानूनी संकट, रियल एस्टेट घोटाले से जुड़ी ब्रांडिंग ने बढ़ाई मुश्किलें
यह पहली बार नहीं है जब महेश बाबू का नाम इस रियल एस्टेट कंपनी से जुड़े विवाद में आया है. इसी साल अप्रैल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान एक्टर से पूछताछ की थी.;
साउथ सुपरस्टार महेश बाबू एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं. इस बार मामला हैदराबाद की एक नामी रियल एस्टेट कंपनी साई सूर्या डेवलपर्स से जुड़ा है, जिसका ब्रांड एंबेसडर बनने के चलते एक्टर को कानूनी पचड़े में घसीटा गया है. डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले की उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Disputes Redressal Commission) ने महेश बाबू को एक नोटिस जारी किया है.
इस नोटिस का आधार बनी है हैदराबाद की एक डॉक्टर द्वारा की गई शिकायत, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने एक प्लॉट बुक करने के लिए 34.8 लाख रुपये का भुगतान किया था, लेकिन बाद में यह सामने आया कि वह प्लॉट असल में कभी था ही नहीं. शिकायतकर्ता का कहना है कि महेश बाबू जैसे एक बड़े और जाने माने स्टार ने जब इस प्रोजेक्ट का समर्थन किया, तो उन्होंने उसी भरोसे पर निवेश किया था. अब जब धोखाधड़ी सामने आई है, तो वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही हैं.
महेश बाबू का नाम शामिल
शिकायत में महेश बाबू को तीसरे प्रतिवादी के तौर पर शामिल किया गया है, क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से साई सूर्या डेवलपर्स की रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स का प्रमोशन किया था. आरोप है कि उनके प्रमोशन से आम लोगों को यह विश्वास हुआ कि प्रोजेक्ट भरोसेमंद है. अब जबकि यह पूरा मामला एक कथित घोटाले के रूप में सामने आया है, सवाल उठने लगे हैं कि क्या महेश बाबू को बिना पूरी जांच के ब्रांडिंग करनी चाहिए थी.
ईडी की पूछताछ और पिछला विवाद
यह पहली बार नहीं है जब महेश बाबू का नाम इस रियल एस्टेट कंपनी से जुड़े विवाद में आया है. इसी साल अप्रैल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान एक्टर से पूछताछ की थी. मामला साई सूर्या डेवलपर्स और सुराना ग्रुप से जुड़ा था. ईडी की जांच का केंद्र ग्रीन मीडोज नामक एक प्रोजेक्ट था, जिसे लेकर कंपनी पर डिलीवरी में गंभीर चूक के आरोप लगे हैं.
क्या कहना है अधिकारियों का
सूत्रों के मुताबिक, महेश बाबू ने इस प्रोजेक्ट के प्रमोशन के बदले 5.9 करोड़ रुपये लिए थे, जिसमें नकद और चेक दोनों माध्यम शामिल थे. हालांकि, ई़डी ने यह स्पष्ट किया था कि महेश बाबू आरोपी के रूप में नहीं, बल्कि एक गवाह या प्रमोशन से जुड़े व्यक्ति के रूप में जांच का हिस्सा थे. अधिकारियों ने यह भी कहा कि हो सकता है कि एक्टर को इस घोटाले की जानकारी न रही हो और उन्होंने ब्रांडिंग केवल बिज़नेस कॉन्ट्रैक्ट के तहत की हो.
फिल्मी करियर पर भी असर?
जहां एक ओर यह मामला कानूनी मोड़ ले रहा है, वहीं दूसरी ओर महेश बाबू का फिल्मी करियर भी सुर्खियों में है. एक्टर को आखिरी बार 2023 में त्रिविक्रम श्रीनिवास की फिल्म गुंटूर करम में देखा गया था, जिसमें उनके साथ प्रकाश राज, राम्या कृष्णन और श्रीलीला जैसे नामी कलाकार नजर आए थे. इस समय महेश बाबू निर्देशक एस.एस. राजामौली की अम्बिशयस और अभी तक अनटाइटल्ड फिल्म 'एसएसएमबी' 29 की शूटिंग में बिजी हैं. यह फिल्म एक रोमांचक जंगल एडवेंचर पर आधारित होगी, जिसकी कहानी 'बाहुबली' और 'आरआरआर' जैसी फिल्मों के राइटर के.वी. विजयेंद्र प्रसाद ने लिखी है. चर्चा है कि यह फिल्म हॉलीवुड की इंडियाना जोन्स सीरीज से इंस्पायर्ड है. फिल्म में प्रियंका चोपड़ा और पृथ्वीराज सुकुमारन भी नजर आ सकते हैं, हालांकि अभी ऑफिशियल अनाउंसमेंट बाकी है.