चाय बेचने से 'तेरी दीवानी' तक, ऐसे बनी थी Kailash Kher की सिंगिंग की राह, करना चाहते थे सुसाइड
2004 में, कैलाश ने मुंबई के म्यूजिशियन भाइयों नरेश और परेश कामथ के साथ मिलकर 'कैलासा' बैंड की स्थापना की. उनके पहले एल्बम 'कैलासा' (2006) के गाने 'तेरी दीवानी' और 'तौबा तौबा' सुपरहिट रहे.

कैलाश खेर एक मशहूर भारतीय सिंगर, म्यूजिशियन और गीतकार हैं. 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में जन्में कैलाश एक कश्मीरी पंडित परिवार से हैं. उनके पिता, मेहर सिंह खेर, लोक गीत गाते थे. इसी वजह से कैलाश खेर का बचपन संगीत से भरा रहा. कैलाश खेर को बचपन से ही गाने का बहुत शौक था. जब वह सिर्फ चार साल के थे, तभी उन्होंने अपनी दमदार आवाज से अपने परिवार और आसपास के लोगों को चौंका दिया था. कैलाश अब तक अपने करियर में 21 भाषाओं में 2000 से ज्यादा गाना गाएं हैं.
जब कैलाश खेर 14 साल के थे, तब वह संगीत सिखने की तलाश में किसी अच्छे गुरु या म्यूजिक स्कूल की तलाश में निकले, लेकिन उन्हें कोई सही जगह नहीं मिली. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और पंडित कुमार गंधर्व, पंडित भीमसेन जोशी और नुसरत फतेह अली खान जैसे बड़े गायकों के गाने सुन-सुनकर खुद ही संगीत सीखना शुरू किया. उस समय उनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. पैसे कमाने के लिए वे बच्चों को संगीत सिखाने लगे और हर क्लास के 150 रुपये लेते थे. इसके अलावा उन्होंने चाय बेची, सेल्समैन का काम किया और रेडियो पर भी काम किया.
आत्महत्या करना चाहते थे सिंगर
1998 में उन्होंने हैंड क्राफ्ट (हाथ से बनी चीजें) का कारोबार शुरू किया, लेकिन वह चल नहीं पाया. इसके बाद उन्होंने फिर से म्यूजिक की राह पकड़ी. जब वे 27 साल के थे, तब एक बिज़नेस डील में उन्हें 22 लाख रुपये का नुकसान हो गया. इससे वे बहुत दुखी हो गए और उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन उनके एक दोस्त ने उन्हें समय रहते बचा लिया.
विज्ञापनों के लिए गाए जिंगल्स
2001 में, कैलाश मुंबई चले गए, जहां उन्हें उम्मीद थी कि वहां काम मिल जाएगा शुरुआती दिनों में उन्होंने सस्ते होटलों में रहकर गुजारा किया और टीवी और रेडियो विज्ञापनों के लिए जिंगल्स गाए. नक्षत्र डायमंड्स के लिए उनका पहला जिंगल उन्हें 5000 रुपये दिला सका, जो उस समय उनके लिए बड़ी राहत थी. कोका-कोला, पेप्सी, सिटीबैंक, और होंडा जैसे बड़े ब्रांडों के लिए जिंगल्स गाकर उन्होंने अपनी यूनिक स्टाइल से पहचान बनाई. 2002 में, फिल्म 'अंदाज़' के गाने 'रब्बा इश्क ना होवे' ने उन्हें पहली सफलता दिलाई, और 2003 में "वैसा भी होता है पार्ट II" के अल्बम 'अल्लाह के बांदे' ने उन्हें रातोंरात प्रसिद्धि दी.
हिट हुआ 'तेरी दीवानी'
2004 में, कैलाश ने मुंबई के म्यूजिशियन भाइयों नरेश और परेश कामथ के साथ मिलकर 'कैलासा' बैंड की स्थापना की. उनके पहले एल्बम 'कैलासा' (2006) के गाने 'तेरी दीवानी' और 'तौबा तौबा' सुपरहिट रहे. इसके बाद 'झूमो रे' (2007), 'चांदन में' (2009), और 'रंगीले' (2012) जैसे एल्बमों ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया. कैलाश ने 20 से अधिक भारतीय भाषाओं में 500 से ज्यादा गाने गाए, जिनमें हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली, और पंजाबी शामिल हैं। उनके गीतों में भारतीय लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, और सूफी रहस्यवाद का अनूठा मिश्रण होता है.
पद्म श्री से सम्मानित
कैलाश खेर को 2017 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया. उन्होंने 'फना' (2006) के लिए बेस्ट मेल सिंगर का फिल्मफेयर अवार्ड और 'मिर्ची' (2013) के लिए फिल्मफेयर अवार्ड (तेलुगु) जीता. इसके अलावा, उन्होंने IIFA, ज़ी सिने, और मिर्ची म्यूजिक अवार्ड्स जैसे कई अवार्ड्स भी अपने नाम किए.
यौन उत्पीड़न का आरोप
2018 में, मी टू कैंपिंग के दौरान, कैलाश पर कई महिलाओं ने अनुचित व्यवहार और उत्पीड़न के आरोप लगाए. कैलाश ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि बिना औपचारिक शिकायत के आरोप के प्रूफ नहीं हैं. बाद में, उन्होंने अनजाने में किसी को असहज करने के लिए सार्वजनिक माफी मांगी. इसके अलावा, उनके सॉन्ग 'बाबम बम' पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2022 में इसे खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं था.
अलग रहती हैं पत्नी
कैलाश खेर की शादी शीतल भान से हुई थी, और उनका एक बेटा, कबीर, है. हालांकि, 2024 में एक पॉडकास्ट में उन्होंने खुलासा किया कि वह और उनकी पत्नी कई सालों से अलग हैं. वह सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं, जहां उनके 1.3 मिलियन फॉलोअर्स हैं.