80 के दशक में बॉलीवुड की 'मनहूस लड़की' थी Madhuri Dixit, डायरेक्टर Indra Kumar ने किया खुलासा
इंद्र कुमार ने 'दिल' में आमिर खान और माधुरी दीक्षित को कास्ट करने को याद किया और खुलासा किया कि, हालांकि आमिर के पास केवल एक हिट, 'कयामत से कयामत तक' थी, लेकिन माधुरी के नाम कोई हिट नहीं थी.;
अपनी खूबसूरती और डांस मूव्स से आज भी अपने फैंस का दिल धड़का देने वाली माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) ने हिंदी सिनेमा में 'हम आपके हैं कौन', 'दिल', 'बेटा', 'राजा', 'कोयला', 'दिल तो पागल है' और 'आजा नच ले' जैसी हिट फिल्मों में काम किया है. लेकिन एक दौर था जब धक-धक गर्ल ने अपने करियर की शुरुआत फ्लॉप फिल्मों से की थी.
सिद्धार्थ कन्नन के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में, फिल्म प्रोड्यूसर इंद्र कुमार जिन्हें 'दिल', 'बेटा' और 'इश्क' जैसी फिल्मों को प्रोड्यूस्ड करने के लिए जाना जाता है. उन्होंने शेयर किया कि कैसे 80 के दशक के अंत में माधुरी को 'मनहूस लड़की' के रूप में जाना जाता था, और लोगों ने उन्हें उन्हें कास्ट न करने की सलाह दी थी.
जिस फिल्म में होती फ्लॉप हो जाती
इंद्र कुमार ने 'दिल' में आमिर खान और माधुरी दीक्षित को कास्ट करने को याद किया और खुलासा किया कि, हालांकि आमिर के पास केवल एक हिट, 'कयामत से कयामत तक' थी, लेकिन माधुरी के नाम कोई हिट नहीं थी. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें 'मनहूस लड़की' करार दिया गया था. उन्होंने कहा, 'जब मैंने उन्हें आमिर खान के साथ 'दिल' के लिए साइन किया, तब भी सब ठीक था, लेकिन जब मैंने उन्हें 'बेटा' के लिए भी साइन किया, तो सभी ने कहा, 'पागल हो गया है तू, इसकी कोई फिल्म नहीं चल रही क्योंकि उस समय में कई इंटरव्यू में उन्हें मनहूस लड़की करार दिया गया था. वह जिस भी फिल्म में होती है, फ्लॉप हो जाती. फिर भी, मैंने 1988 में माधुरी के साथ 'दिल' और 'बेटा' दोनों पर काम करना शुरू किया. मुझे माधुरी पर भरोसा था. मेरे दिल में कुछ था जो कह रहा था, 'यार, इसमें बात है, कुछ है इसमें.'
बन चुकी थी स्टार
कुमार ने आगे याद करते हुए कहा कि 'तेजाब' की रिलीज के बाद उनकी 'बेचारी फ्लॉप' इमेज कैसे बदल गई, उन्होंने कहा, 'उसके बाद, मैं भी भाग्यशाली था. मैंने फिल्म अक्टूबर में शुरू की, 'तेज़ाब' दिसंबर 1988 में रिलीज़ हुई और जनवरी 1989 में 'राम लखन' रिलीज़ हुई. माधुरी का जो 'बेचारी फ्लॉप' वाला इम्प्रेशन था डिस्ट्रीब्यूटर्स का, वो चेंज हो गया. मेरा अगला शेड्यूल सीधे छह महीने बाद अक्टूबर से था, तब तक माधुरी सुपरस्टार बन चुकी थीं. वह अपने पहले दिन डाउन टू अर्थ रही हैं और अब भी है..कोई बदलाव नहीं है.'
सात फ़िल्में रही फ्लॉप
माधुरी दीक्षित ने 1984 में राजश्री प्रोडक्शंस के फिल्म 'अबोध' से एक्टिंग की शुरुआत की, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही. उनकी अगली सात रिलीज़, 'आवारा बाप', 'स्वाति', 'मानव हत्या', 'हिफ़ाज़त', 'उत्तर दक्षिण', 'मोहरे' और 'खतरों के खिलाड़ी' भी फ्लॉप रहीं. 1988 में ही उन्होंने अपनी पहली कमर्शियल रूप से सफल फिल्म 'दयावान' दी. इसके बाद 'तेज़ाब', 'वर्दी' और 'राम लखन' ने उन्हें बॉलीवुड में स्टारडम दिलवाया.