इसे अब रोकना बहुत ज़रूरी है....पॉडकास्टर्स और ज्योतिषियों के बढ़ते सब-कल्चर पर भड़के Karan Johar
करण जौहर ने हाल ही में अपनी अगली फिल्म 'धड़क 2' के बारे में भी बात की. इसमें सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी मुख्य भूमिका में हैं. उन्होंने फिल्म की निर्देशक शाज़िया इक़बाल की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने कहानी को एक नए और ताज़ा तरीके से पेश किया है.;
बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता और निर्देशक करण जौहर ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक लंबा और कड़ा मैसेज लिखा है. उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर उन पॉडकास्टर्स और ज्योतिषियों की आलोचना की, जो उनके अनुसार फिल्म इंडस्ट्री का सम्मान नहीं कर रहे हैं और ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के नाम पर हदें पार कर रहे हैं. करण जौहर ने साफ कहा कि उन्हें मीडिया के उन लोगों से कोई दिक्कत नहीं है जो ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ अपना काम करते हैं. उन्होंने लिखा, 'मेरे मन में मीडिया के सम्मानित और विश्वसनीय सदस्यों के लिए हमेशा बहुत इज़्ज़त है. लेकिन आजकल कुछ ऐसे प्लेटफ़ॉर्म उभर रहे हैं, जो केवल निगेटिविटी फैलाने के लिए बनाए गए हैं और ये बात नज़रअंदाज़ नहीं की जा सकती.'
पॉडकास्टर्स पर तंज
करण ने खास तौर पर पॉडकास्ट्स पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये पॉडकास्ट्स असल में नए ज़माने के चैट शो जैसे हैं, जो अचानक ऐसे जगहों से निकल आए हैं जैसे कोई अनजाना जंगल, जिसका कोई नक्शा भी नहीं. उनका आरोप है कि इन पॉडकास्ट्स पर ऐसे मेहमान बुलाए जाते हैं जिनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है और जिन्हें लोग सालों से याद भी नहीं कर रहे थे. ऐसे मेहमान शो पर आकर फिल्म इंडस्ट्री के मेहनती और सीनियर कलाकारों के बारे में जहर उगलते हैं और अपमानजनक बातें करते हैं. करण ने लिखा, 'इसे अब रोकना बहुत ज़रूरी है.'
ज्योतिषियों और मनोविज्ञानियों पर भी निशाना
करण यहीं नहीं रुके उन्होंने उन ज्योतिषियों और मनोविज्ञानियों पर भी गुस्सा जताया, जो लोगों की निजी ज़िंदगी और मौत तक को सनसनीखेज़ बनाने की कोशिश करते हैं. उन्होंने लिखा, 'कुछ ज्योतिषी और मनोविज्ञानी यह दावा करते हैं कि वे किसी इंसान की जल्दी होने वाली मौत के बारे में जानते हैं. ये बातें न सिर्फ असंवेदनशील हैं बल्कि घटिया भी हैं. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अपनी जगह है, लेकिन लोगों के दर्द और निजी मामलों को क्लिकबेट बनाने का अधिकार किसी को नहीं है.'
'धड़क 2' और बदलता हुआ नजरिया
करण जौहर ने हाल ही में अपनी अगली फिल्म 'धड़क 2' के बारे में भी बात की. इसमें सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी मुख्य भूमिका में हैं. उन्होंने फिल्म की निर्देशक शाज़िया इक़बाल की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने कहानी को एक नए और ताज़ा तरीके से पेश किया है. करण ने इमोशनल होकर अपनी तीन दशक लंबी फिल्मी यात्रा को भी याद किया. उन्होंने कहा कि जब वे 2003 में 'कल हो ना हो' के निर्माता बने थे, तो उनका मकसद केवल कमर्शियल सक्सेस पाना और अपनी कंपनी को बड़ा बनाना था. लेकिन समय के साथ उनका दृष्टिकोण बदल गया. अब वे मानते हैं कि फिल्म निर्माण सिर्फ एक बिजनेस नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है. उनका मानना है कि फिल्में सिर्फ एंटरटेन ही न दें, बल्कि समाज से जुड़ी गहरी बातें और सोच भी दर्शकों तक पहुंचाए.
करण का करियर
करण जौहर की पहली फिल्म बतौर निर्देशक 'कुछ कुछ होता है' (1998) थी, जिसमें शाहरुख खान, काजोल और रानी मुखर्जी थे. यह फिल्म अपने समय की सुपरहिट रोमांटिक ड्रामा बनी और लोगों के दिलों में आज भी बसती है. इसके बाद 2001 में उन्होंने 'कभी खुशी कभी ग़म' बनाई, जो आज भी हिंदी सिनेमा की सबसे लोकप्रिय पारिवारिक फिल्मों में से एक मानी जाती है. वक़्त बीतने के साथ उन्होंने कई बड़ी और यादगार फिल्में दी. साल 2023 में उन्होंने 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' के ज़रिए निर्देशन में वापसी की. रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की इस फिल्म में पुराने ज़माने की रोमांस की छाप थी, लेकिन कहानी में मॉडर्न सोसाइटी और रिश्तों की हकीकत को भी दिखाया गया.