एंटरटेनमेंट के नाम पर खून की नदियां.....Radhika Apte को पसंद नहीं आई Dhurandhar? फिल्मों में बढ़ते वॉयलेंस पर फूटा गुस्सा
बॉलीवुड की बोल्ड और बेबाक एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने एक बार फिर सबको चौंका दिया है. हाल ही में मां बनीं राधिका ने द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया को दिए इंटरव्यू में बॉलीवुड और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती बेरहमी भरी हिंसा पर खुलकर हमला बोला. उन्होंने साफ कहा, 'मैं अपने बच्चे को ऐसे माहौल में नहीं बड़ा करना चाहती जहाँ काटना-पीटना और खून बहाना ही एंटरटेनमेंट बन जाए.;
बॉलीवुड एक्ट्रेस राधिका आप्टे (Radhika Apte) ने भारतीय फिल्मों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स (स्ट्रीमिंग सर्विसेज) पर बहुत ज़्यादा हिंसा दिखाए जाने को लेकर खुलकर अपनी परेशानी ज़ाहिर की है. हाल ही में द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बहुत साफ-साफ कहा कि आजकल एंटरटेनमेंट के नाम पर जो खून-खराबा और क्रूर दृश्य परोसे जा रहे हैं, उससे वो बेहद दुखी और परेशान हैं. राधिका अभी-अभी मां बनी हैं और बच्चे के जन्म के बाद कुछ महीनों का ब्रेक ले रही थी.
अब काम पर लौटते वक्त उन्होंने कहा, 'मैं यह बात खुलकर कहना चाहती हूं कि मुझे यह सब देखकर बहुत तकलीफ होती है. एंटरटेनमेंट के नाम पर इस तरह की भयानक हिंसा बेची जा रही है, इससे मैं बहुत परेशान हूं. मैं अपने बच्चे को ऐसे माहौल में नहीं बड़ा करना चाहती जहां लोगों के लिए दूसरों को पीटना-काटना और खून बहाना ही एंटरटेनमेंट बन जाए. मैं यह चीज़ मैं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकती.'
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इतना खून खराबा दिखाने की क्या जरूरत है
उन्होंने आगे कहा कि आजकल फिल्ममेकर्स बिना ज़रूरत के हद से ज़्यादा भयानक और क्रूर सीन डाल रहे है. वो इसे 'कहानी कहना' समझते हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. उदाहरण देते हुए राधिका ने कहा, 'मान लीजिए मुझे एक सीरियल किलर की कहानी दिखानी है जो लोगों के टुकड़े-टुकड़े कर देता है, तो क्या इसके लिए मुझे हर कटिंग, हर खून और हर भयानक सीन डिटेल से दिखाना ज़रूरी है? नहीं न! यह कहानी कहना नहीं है, यह सिर्फ दर्शकों को डराने और सनसनी फैलाने की कोशिश है. मैंने अपनी ज़िंदगी में इतनी भयानक चीज़ें कभी नहीं देखीं. लेकिन आजकल यही सबसे ज़्यादा बिक रहा है और यह देखकर मुझे बहुत दुख होता है कि समाज पर इसका बुरा असर पड़ रहा है.'
कहानी और किरदार मायने रखते है
राधिका का मानना है कि कोविड महामारी के बाद से फिल्म और वेब सीरीज़ इंडस्ट्री में गहराई और संवेदनशीलता की जगह सिर्फ तमाशा और सनसनी पर ज़ोर दिया जाने लगा है. पहले जहां किरदारों की बारीकियां और कहानी की बारीकियां मायने रखती थी, अब बस ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने और खून-खराबा दिखाने से काम चलाया जा रहा है. उन्होंने सभी फिल्ममेकर्स और कंटेंट क्रिएटर्स से अपील की कि वे यह समझें कि उनकी बनाई फिल्में या सीरीज़ समाज और आने वाली जनरेशन पर कितना गहरा असर डालती हैं. हमें ज़िम्मेदारी के साथ कंटेंट बनाना चाहिए.'
राधिका आप्टे की नई फिल्म
इन सबके बीच राधिका आप्टे बहुत जल्दी एक नई मनोवैज्ञानिक थ्रिलर फिल्म में नज़र आने वाली हैं. फिल्म का नाम है 'साली मोहब्बत', इसे एक्ट्रेस टिस्का चोपड़ा ने डायरेक्ट किया है और यह उनकी पहली फीचर फिल्म है. यह फिल्म आज यानी 12 दिसंबर 2025 को ZEE5 पर रिलीज़ हो रही है. इस फिल्म को पहले ही गोवा में हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) और शिकागो साउथ एशियन फिल्म फेस्टिवल में बहुत सराहना मिल चुकी है. गहरा और रहस्यमयी माहौल वाली इस फिल्म में राधिका का किरदार बहुत दमदार बताया जा रहा है और लोग कह रहे हैं कि यह उनके करियर के हाल के सबसे शानदार परफॉर्मेंस में से एक होगा. तो हिंसा के बढ़ते चलन पर चिंता जताने वाली राधिका आप्टे अब एक ऐसी फिल्म लेकर आ रही हैं जो रोमांच भी देगी और सोचने पर भी मजबूर करेगी.
'धुरंधर' भी उनमे से एक है
राधिका ने जिन फिल्मों का ज़िक्र किया है, उनमें हाल ही में रिलीज़ होने वाली कई बड़े बजट की फिल्में भी शामिल हैं. मिसाल के तौर पर रणवीर सिंह की फिल्म 'धुरंधर' भी ठीक उसी तरह की अत्यधिक हिंसा और गैंगस्टर-क्राइम की दुनिया को ग्लोरिफाई करने वाली फिल्मों में गिनी जा रही है. ट्रेलर में ही लगातार गोलियां चलती हैं, लोग मारे जाते हैं, खून की नदियां बहती दिखाई गई हैं. राधिका आप्टे का कहना बिल्कुल साफ है, 'ऐसी फिल्में एंटरटेनमेंट के नाम पर हिंसा को नॉर्मलाइज़ कर रही हैं. हम अपने बच्चों को यही सिखाना चाहते हैं कि ताकत का मतलब बंदूक और खून है?' 'धुरंधर' जैसी फिल्में ठीक इसी ट्रेंड का हिस्सा हैं जिसे लेकर राधिका इतनी चिंतित हैं.