कौन हैं भारतीय मूल की सीईओ जयश्री उलाल जो सत्‍य नडेला और सुंदर पिचई से भी हैं ज्‍यादा अमीर?

वर्ल्ड टेक्नोलॉजी जगत में भारतीय मूल की जयश्री उल्लाल ने एक बार फिर अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है. हुरुन इंडिया की 2025 की रिच लिस्ट में जगह बनाकर उन्होंने साबित किया है कि सुर्खियों से दूर रहकर भी गहरी इंजीनियरिंग समझ के दम पर शीर्ष पर पहुंचा जा सकता है. अरिस्टा नेटवर्क्स की प्रेसिडेंट और सीईओ जयश्री उल्लाल इस सूची में कई चर्चित नामों जैसे सुंदर पिचाई और सत्य नडेला से आगे निकल गई हैं.;

( Image Source:  X/ @RohitRaj1331108 @0xChiraag @ShaykhSulaiman )
Edited By :  विशाल पुंडीर
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वर्ल्ड टेक्नोलॉजी जगत में भारतीय मूल की जयश्री उल्लाल ने एक बार फिर अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है. हुरुन इंडिया की 2025 की रिच लिस्ट में जगह बनाकर उन्होंने साबित किया है कि सुर्खियों से दूर रहकर भी गहरी इंजीनियरिंग समझ के दम पर शीर्ष पर पहुंचा जा सकता है.

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अरिस्टा नेटवर्क्स की प्रेसिडेंट और सीईओ जयश्री उल्लाल इस सूची में कई चर्चित नामों जैसे सुंदर पिचाई और सत्य नडेला से आगे निकल गई हैं. उनका सफर दिखाता है कि टेक्नोलॉजी की समझ, एग्जीक्यूशन और आगे की रणनीति कैसे किसी नेता को वैश्विक मंच पर अलग पहचान दिला सकती है.

भारतीय जड़ों से विश्व में पहचान तक

जयश्री उल्लाल का जन्म लंदन में हुआ था, लेकिन उनका बचपन और शुरुआती शिक्षा नई दिल्ली में हुई. उन्होंने कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी से पढ़ाई की. बाद में इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा के लिए वह अमेरिका चली गईं, जहां उन्होंने सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री हासिल की. इसके बाद 1986 में उन्होंने सांता क्लारा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री पूरी की. टेक्नोलॉजी क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए साल 2025 में उन्हें इंजीनियरिंग में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित किया गया.

सिलिकॉन वैली में तीन दशक लंबा करियर

जयश्री उल्लाल का पेशेवर करियर तीन दशकों से अधिक समय तक सिलिकॉन वैली के केंद्र में फैला रहा है. अरिस्टा नेटवर्क्स से पहले उन्होंने सिस्को सिस्टम्स में अहम नेतृत्व भूमिकाएं निभाईं. वहां उन्होंने डेटा सेंटर और स्विचिंग बिजनेस का नेतृत्व किया और अरबों डॉलर के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो खड़े करने का श्रेय उन्हें जाता है. अपने करियर के शुरुआती दौर में वह एएमडी और फेयरचाइल्ड सेमीकंडक्टर से भी जुड़ी रहीं. इस दौरान उन्होंने आईबीएम और हिताची जैसी कंपनियों के लिए एडवांस्ड चिप्स डिजाइन करने वाले इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स पर काम किया.

अरिस्टा नेटवर्क्स को बनाया ग्लोबल पावरहाउस

जयश्री उल्लाल साल 2008 में अरिस्टा नेटवर्क्स से जुड़ीं, जब कंपनी नेटवर्किंग बाजार में एक उभरती हुई और घाटे में चल रही चुनौतीकर्ता थी. उनके नेतृत्व में अरिस्टा ने धीरे-धीरे खुद को हाई-स्पीड क्लाउड नेटवर्किंग सॉल्यूशंस की प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किया. सॉफ्टवेयर-ड्रिवन नेटवर्क्स पर कंपनी का फोकस क्लाउड कंप्यूटिंग के तेज विस्तार और हाल के सालों में एआई-आधारित डेटा सेंटर्स के उभार के साथ पूरी तरह मेल खाता रहा. यही रणनीति अरिस्टा की तेज ग्रोथ की सबसे बड़ी वजह बनी.

अरबों डॉलर की संपत्ति

फोर्ब्स के अनुसार, जयश्री उल्लाल की निजी संपत्ति अब लगभग 5.7 अरब डॉलर आंकी गई है. वहीं, अरिस्टा नेटवर्क्स ने 2024 में करीब 7 अरब डॉलर का राजस्व दर्ज किया. वैश्विक अमीरों की सूची में उनका स्थान लगातार मजबूत हुआ है, जबकि कई अन्य टेक लीडर्स की संपत्ति में उतार-चढ़ाव देखा गया.

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