सोने के दाम में गिरावट जारी, क्या 1 लाख के नीचे जा सकता है गोल्ड का भाव? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
वर्तमान में सोने का भाव 1.21 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर गया है, जबकि कुछ समय पहले यह 1.32 लाख रुपये तक पहुंच चुका था. इस भारी गिरावट ने बाजार में हलचल मचा दी है. जिन लोगों ने ऊंची कीमतों पर सोना खरीदा था, वे थोड़े परेशान हैं, वहीं शादी-ब्याह और त्योहारी खरीदारी के लिए इंतजार कर रहे लोग राहत महसूस कर रहे हैं. अब ऐसे में जानते हैं कि क्या सोने का दाम 1 लाख से नीचे गिरेगा?;
त्योहारों के सीजन के बाद अब सोने के बाजार में ठंडक लौट आई है. जो सोना कुछ ही हफ्ते पहले रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था, अब उसकी कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. जहां कुछ दिन पहले सोना 1.32 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर था, वहीं अब यह घटकर 1.21 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ गया है.
इस अचानक आई गिरावट ने निवेशकों को हैरान कर दिया है, जबकि शादी-ब्याह की खरीदारी की सोच रहे लोगों के चेहरों पर राहत लौट आई है. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे जा सकता है?
क्या 1 लाख से नीचे गिरेगा सोने का दाम?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा गिरावट कई कारणों से जुड़ी है, जिनमें मुनाफावसूली (Profit Booking), डॉलर की मजबूती और मांग में कमी प्रमुख हैं. हालांकि, यह गिरावट लंबी अवधि की मंदी नहीं बल्कि एक ‘टेक्निकल करेक्शन’ मानी जा रही है. फिर भी, निवेशकों की नजर अब इस बात पर टिकी है कि आने वाले समय में सोने का दाम कितना गिरता है.
क्या है गिरावट के पीछे कारण?
- सोने में आई इस तेज गिरावट के पीछे कई बड़े कारण एक साथ काम कर रहे हैं. सबसे पहला कारण है ‘मुनाफावसूली’ (Profit Booking). जिन्होंने कम कीमत पर सोना खरीदा था, उन्होंने रिकॉर्ड ऊंचाई पर उसे बेचकर मुनाफा कमाने का फैसला किया. जब बाजार में अचानक बिकवाली का दबाव बढ़ता है, तो कीमतें स्वाभाविक रूप से नीचे आने लगती हैं.
- दूसरा बड़ा कारण है अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती. डॉलर और सोने के बीच अक्सर उल्टा रिश्ता देखा जाता है. जब डॉलर मजबूत होता है, तो दूसरे देशों के लिए सोना महंगा हो जाता है और मांग घटती है. निवेशक भी सुरक्षित निवेश से पैसा निकालकर मजबूत डॉलर में निवेश करने लगते हैं.
- तीसरा कारण है मांग में कमी. त्योहारों के दौरान सोने की खरीदारी चरम पर थी, लेकिन अब त्योहारी सीजन समाप्त हो गया है. इस वजह से मांग कम हुई और कीमतों पर दबाव बढ़ गया.
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
यह गिरावट केवल भारतीय बाजार तक सीमित नहीं है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में ‘स्पॉट गोल्ड’ का भाव हाल ही में 4,381.21 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचा था, लेकिन वहां से यह 4,100 डॉलर के नीचे फिसल गया. विशेषज्ञों के अनुसार, यह 2013 के बाद सोने में आई सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट में से एक है. भारत में 1.32 लाख रुपये से 1.21 लाख रुपये तक की गिरावट इसी वैश्विक उतार-चढ़ाव का नतीजा है.
आगे का अनुमान और निवेशकों की रणनीति
विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट केवल ‘टेक्निकल करेक्शन’ है. जब कोई चीज बहुत तेजी से बढ़ती है, तो उसमें थोड़ी गिरावट स्वाभाविक है. इसके अलावा, अमेरिका-भारत और अमेरिका-चीन के बीच सकारात्मक व्यापार खबरों ने निवेशकों को जोखिम भरे निवेश की ओर आकर्षित किया है.
हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों का मानना है कि सोना अभी भी सबसे सुरक्षित निवेश है. एक्सपर्ट के अनुसार, शॉर्ट-टर्म में खरीदारी धीमी हो सकती है, लेकिन लॉन्ग-टर्म निवेशक अभी भी सोने को ही भरोसेमंद विकल्प मान रहे हैं. इस गिरावट ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कब खरीदें और कब बेचें. फिलहाल, यह गिरावट एक अस्थायी करेक्शन की तरह नजर आ रही है, जबकि सोने का दीर्घकालिक महत्व और निवेशकों का भरोसा अब भी मजबूत बना हुआ है.