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महिलाएं क्यों नहीं बन सकती पोप? Christianity का यह नियम है मुख्‍य वजह

Woman As Pope: हाल ही में ईसाइयो के धर्मगुरु पोप फ्रांसिसि का निधन हो गया. अब नए पोप के चुनाव की तैयारी चल रही है. उम्मीदवारों में एक भी महिला का नाम शामिल नहीं है. ऐसा माता जाता है कि यीशु मसीह ने 12 पुरुषों को अपने शिष्यों के रूप में चुना था फिर उन्होंने आगे भी सेवक के रूप में पुरुषों को ही चुना. इसलिए महिलाओं को पोप के रूप में नहीं चुना जाता है.

महिलाएं क्यों नहीं बन सकती पोप? Christianity का यह नियम है मुख्‍य वजह
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( Image Source:  canava )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Published on: 22 April 2025 2:21 PM

Woman As Pope: 21 अप्रैल को ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिसि का 88 वर्ष में निधन हो गया. उनकी मृत्यु के पीछे का कारण उनकी बीमारी थी. कई समय से वह निमोनिया से जूझ रहे थे, उनके फेफड़े खराब हो गए थे. अब अगले पोप के चुनाव की तैयारी चल रही है. अगले कुछ दिनों में कार्डिनल्स का कॉलेज नए पोप के चुनाव के लिए कॉन्क्लेव में शामिल होने वाला है.

नए पोप के लिए कई ईसाई धर्म गुरु के नाम सामने आए हैं. हैरानी की बात यह है कि इनमें एक भी महिला का नाम शामिल नहीं है. चर्च की पौराणिक परंपराओं का पालन करते हुए कभी भी किसी महिला को पोप नहीं बनाया गया है. इस संबंध में कैनन कानून में लिखा हुआ है.

महिलाएं क्यों नहीं बनती पोप?

  • कैथोलिक चर्च में केवल पुरुषों को ही पादरी (प्रिस्ट) बनने की अनुमति है. इसलिए महिलाओं को पोप के चुनाव से बाहर रखा जाता है.
  • कैनन लॉ (Canon 1024) कहता है कि जिन पुरुषों ने बपतिस्मा लिए हुआ है वही पादरी बन सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि यीशु मसीह ने केवल पुरुषों को ही अपने बारह शिष्य चुना था. यह परंपरा पिछले दो हजार वर्षों से चली आ रही है.
  • जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के रेव. थॉमस रीज के मुताबिक, कोई महिला पोप इसलिए नहीं बन सकती. क्योंकि यह पद केवल उन्हें ही मिल सकता है जिन्हें औपचारिक रूप से पादरी बनाया गया हो और कानून में महिलाओं को पादरी बनने की इजाजत नहीं है.
  • बता दें कि पोप बनने के नियम धार्मिक सिद्धांतों पर नहीं बल्कि परंपरा पर का भी पालन किया जाता है.
  • सन 1455 में पोप कैलिक्सटस III आखिरी व्यक्ति थे जो बिना पादरी बने पोप बने थे और 1378 में अर्बन VI आखिरी ऐसे पोप थे जो कार्डिनल नहीं थे.
  • कैथोलिक चर्च मानें तो यीशु मसीह ने 12 पुरुष शिष्यों को चुना था, जिन्होंने आगे चलकर अन्य पुरुषों को इस सेवा के लिए चुना. चर्च आज भी इसी परंपरा का पालन करता है.
  • 1994 में पोप जॉन पॉल II और 2023 में पोप फ्रांसिस ने भी इस परंपरा को दोहराया और कहा कि महिलाएं पादरी नहीं बन सकतीं.
  • पोप फ्रांसिस ने यह कहा कि महिलाएं पादरी नहीं बन सकतीं, लेकिन चर्च में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. चर्च में महिलाओं ने नन, धर्मशास्त्री और ऐबी प्रमुख जैसी कई भूमिकाएं निभाई हैं, लेकिन उन्हें पादरी बनने की अनुमति कभी नहीं मिली.
वर्ल्‍ड न्‍यूज
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