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क्या 'खूनी खेल' खेलेगा ईरान या फिर दे रहा खोखली धमकियां? सीमित हैं विकल्प

माना जा रहा है कि ईरान भी इजरायल की ही तरह बदला जरूर लेगा. लेकिन कब और कैसे इसे लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है. दूसरी ओर रविवार को अमेरिका ने इजरायल का खुलकर समर्थन किया और ईरान को बदले की किसी भी कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी भी दी.

क्या खूनी खेल खेलेगा ईरान या फिर दे रहा खोखली धमकियां? सीमित हैं विकल्प
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( Image Source:  ANI )
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 28 Oct 2024 3:14 PM IST

इजरायल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर है. इजरायल द्वारा सैन्‍य ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद से ईरान बदले की आग में जल रहा है. माना जा रहा है कि ईरान भी इजरायल की ही तरह बदला जरूर लेगा. लेकिन कब और कैसे इसे लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है. दूसरी ओर रविवार को अमेरिका ने इजरायल का खुलकर समर्थन किया और ईरान को बदले की किसी भी कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी भी दी. उधर ईरान पहले भी कई बार कह चुका है कि अगर अमेरिका बीच में आता है तो उसे भी बख्‍शा नहीं जाएगा. ईरान आखिर इजरायल से बदला कैसे लेगा और उसके पास अब कौन-कौन से विकल्‍प बचे हैं, इसे लेकर दुनिया भर में चर्चा है. तो आखिर क्या होगा ईरान का अगला कदम?

ईरान किसी भी सूरत में इजरायल के साथ सीधी जंग से बचेगा. ऐसे में उसके पास एक बार फिर अपने पालतू संगठनों हमास, हिजबुल्‍लाह और हूतयों का सहारा होगा. लेकिन इस बार यह इतना आसान नहीं होने जा रहा. इजरायल ने एक ओर जहां हमास को पूरी तरह खत्‍म कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर लेबनान में हिजबुल्‍लाह के खिलाफ उसकी कार्रवाई जारी है और उसका भी काफी हद तक खात्‍मा हो चुका है.

ईरान के पास क्या- क्या है विकल्प?

ईरान के पाले हुए मोहरे की बात करें तो हमास,हिजबुल्लाह और हूतयों है, इन देशों को लेकर ईरान दाल में जीरे की तरह काम कर सकता है. ईरान कई सालों से इन संगठनों को पानी देकर पाला-पोसा है. अब ये सारे नेस्तनाबूद होने की कगार पर है. लिहाजा ईरान जो मिडिल ईस्ट में इस्लाम का सबसे बड़ा अलंबरदार और इजरायल के अस्तित्व को खत्म करने के प्रति प्रतिबद्ध देश मानता है. उसकी सुपरमेसी पर ही खतरा मंडराने लगा है और इसका इलाज बस एक ही है कि वो इजरायल को करारा जवाब दे. पिटे हुए मोहरे को फिर से खड़ा करने के लिए ईरान को बहुत ज्यादा पैसा, हथियार और वक्त चाहिए, जो ईरान के पास नहीं है. लिहाजा जंग ही वह आखिरी विकल्प है, जिसमें हार-युद्ध की चिंता किए बिना ईरान अपनी इज्जत महफूज रख सकता है.

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी के साथ विश्लेषकों का कहना है कि तेहरान फिलहाल सीधे तौर पर जवाबी कार्रवाई न करने का फैसला ले सकता है क्योंकि ऐसा करने से उसकी कमजोरियां सामने आ सकती हैं और इसके अलावा इजरायल के प्रतिक्रिया शक्तिशाली हो सकती है. लंदन स्थित थिंक टैंक चैथम हाउस में मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम के निदेशक सनम वकील ने कहा कि ईरान हमलों के प्रभाव को कम करके मानेगा जो वास्तव में गंभीर है.

क्या होगा ईरान का खूनी प्लान?

बात करें ईरान के प्लान के तो, ईरान सिर्फ इजरायल पर मिसाइलों से हीं हमला नहीं करेगा. बल्कि इजरायल के बाहर मौजूद इसके ठिकानों पर ब्लास्ट कर सकता है. वहीं कहा जा कहा रहा है कि ईरान इजरायल के साथ - साथ अमेरिका को भी कुछ न कुछ जख्म दे सकता है. ईरान इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर सकता है. अमेरिका और यूरोप में इजराइल के दूतावास पर खतरा मंडरा रहा है. अरब में मौजूद अमेरिकी सैन्य बेस पर भी हमला कर सकता है.

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