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थाईलैंड में क्यों हो रही है काले कपड़ों की कमी? बढ़ती जा रही है दिन पर दिन काले और सफेद रंग के कपड़ों की डिमांड

सरकारी कर्मचारियों को पूरे एक साल तक काले कपड़े पहनने होंगे. आम लोगों से भी कम से कम 90 दिनों तक काले, सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनने की अपील की गई है. शोक की वजह से थाईलैंड में काले कपड़ों की मांग अचानक बहुत बढ़ गई है.

थाईलैंड में क्यों हो रही है काले कपड़ों की कमी? बढ़ती जा रही है दिन पर दिन काले और सफेद रंग के कपड़ों की डिमांड
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( Image Source:  Create By AI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 31 Oct 2025 7:30 AM IST

थाईलैंड भारतीय लोगों का बहुत पसंदीदा घूमने का स्थान रहा है. हर साल लाखों भारतीय वहां छुट्टियां मनाने जाते हैं. लेकिन अब जो लोग जल्दी ही थाईलैंड जाने की योजना बना रहे हैं, उन्हें एक अजीब सी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. वहां काले कपड़ों की बहुत कमी हो गई है. इसलिए यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने साथ सादे, कम चमकीले और दिखावे वाले कपड़े जरूर ले कर जाएं इस कमी की मुख्य वजह है थाईलैंड की प्यारी रानी सिरीकित का निधन. उन्हें लोग प्यार से 'राष्ट्रमाता' कहते थे. उनका 25 अक्टूबर, 2025 को 93 साल की उम्र में देहांत हो गया. उनके जाने से पूरा देश गहरे शोक में डूब गया है.

थाई सरकार ने उनके सम्मान में 30 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. असल में यह शोक पूरा एक साल तक चलेगा. इस दौरान देश का झंडा आधा झुका रहेगा. सरकारी कर्मचारियों को पूरे एक साल तक काले कपड़े पहनने होंगे. आम लोगों से भी कम से कम 90 दिनों तक काले, सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनने की अपील की गई है. शोक की वजह से थाईलैंड में काले कपड़ों की मांग अचानक बहुत बढ़ गई है. दुकानों में काले कपड़े तेजी से बिक रहे हैं और स्टॉक खत्म हो रहा है. दुकानदार रंग-बिरंगे कपड़ों को हटा कर सिर्फ काले कपड़े रख रहे हैं. भारत में शोक के समय लोग सफेद कपड़े पहनते हैं, लेकिन थाईलैंड में शोक का रंग काला होता है.

अनुरोध है कोई कनूनी आदेश नहीं

ऐसा पहली बार नहीं हो रहा साल 2016 में जब थाईलैंड के राजा भूमिबोल का निधन हुआ था, तब भी ठीक यही स्थिति बनी थी. उस समय भी काले कपड़ों की भारी मांग हो गई थी. थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने साफ कहा है कि यह सिर्फ एक अनुरोध है, कोई कानूनी आदेश नहीं. यानी अगर कोई काले कपड़े नहीं पहनेगा तो उसे कोई सजा नहीं होगी लेकिन सरकारी कर्मचारियों से इस नियम का पालन करने की उम्मीद की जाती है.

थाईलैंड की 'मां' रानी सिरीकित कौन थीं?

रानी सिरीकित थाईलैंड की पूर्व महारानी थी. उनका शादी साल 1946 में राजा भूमिबोल अदुल्यादेज से हुआ था. राजा का निधन साल 2016 में हुआ था. रानी सिरीकित वर्तमान राजा महा वजीरालोंगकोर्न की मां थी. वे थाई संस्कृति को बहुत बढ़ावा देती थी. खासकर रेशम के पारंपरिक कपड़े, हस्तशिल्प और गांवों के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान था. इसलिए लोगों का उन्हें बहुत सम्मान था और वे उन्हें 'राष्ट्रमाता' कह कर पुकारते थे. उनके निधन से थाई लोगों को गहरा दुख पहुंचा है. भारतीय पर्यटकों के लिए खास सलाहहर साल लाखों भारतीय थाईलैंड घूमने जाते हैं. बैंकॉक, पटाया, फुकेत जैसे जगहें बहुत लोकप्रिय हैं.

इन बातों का रखना चाहिए ध्यान

शोक के इस समय में भारतीय पर्यटकों को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए अगर आप मंदिर, महल या सरकारी दफ्तर जा रहे हैं, तो काले, सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें. अगर काले कपड़े नहीं हैं, तो अपने कपड़ों पर काला रिबन लगा लें. यह सम्मान दिखाने का आसान तरीका है. शोक वाले स्थानों के आसपास शोर न करें, शांति बनाए रखें और संवेदनशील रहें. नाइटक्लब, बार या शराब पीने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन देश के माहौल का ध्यान रखें ज्यादा उत्साह न दिखाएं.

भावनाओं का सम्मान करें

थाई पर्यटन विभाग ने साफ कहा है कि थाईलैंड पर्यटकों के लिए पूरी तरह खुला है, सभी का स्वागत है. बस थोड़ी सी अतिरिक्त सावधानी बरतें. यह समय देश के लिए दुख का है, इसलिए स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करें. इस तरह, अगर आप सही कपड़े ले कर जाएं और थोड़ा संयम रखें, तो आपकी यात्रा खुशी और सम्मान के साथ पूरी हो सकती है.

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