अमेरिका में भारतीय छात्रों के लिए वीजा में क्यों हो रही गिरावट, क्या है इसके पीछे की वजह?
US student visas to Indians: इस साल जनवरी-सितंबर में भारतीयों को जारी किए गए अमेरिकी छात्र वीजा में 38% की गिरावट देखी गई है. कोविड के बाद मांग में स्थिरता से लेकर सख्त वीजा मानदंडों और अधिक विदेशी विकल्प इसके कारण बताए जा रहे हैं.

US student visas to Indians: अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में महामारी के बाद की वापसी के बाद भी भारत में अब तीव्र गिरावट देखी जा रही है. अमेरिकी विदेश विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 के पहले नौ महीनों में भारतीयों को जारी किए गए F-1 छात्र वीजा में पिछले साल की समान ड्यूरेशन की तुलना में 38 प्रतिशत की गिरावट आई है.
ब्यूरो ऑफ कांसुलर अफेयर्स की वेबसाइट पर दी गई मासिक गैर-आप्रवासी वीजा रिपोर्टों के मुताबिक, भारतीय छात्रों को जारी किए गए F-1 वीजा महामारी के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. इस साल जनवरी से सितंबर तक 64,008 वीजा जारी किए गए.
2023 के इन्हीं महीनों में 1,03,495 से काफी कम है. डेटा से पता चलता है कि 2021 में इसी ड्यूरेशन के दौरान 65,235 वीजा और 2022 में 93,181 वीजा जारी किए गए. वहीं महामारी के कारण साल 2020 में पहले नौ महीनों के दौरान भारतीयों को केवल 6,646 एफ-1 वीजा जारी किए गए थे.
क्या कहता है आंकड़ा?
यह गिरावट केवल भारतीय छात्रों तक ही सीमित नहीं है. उदाहरण के लिए, चीनी छात्र ने भी वीजा जारी करने में कमी देखी है, जो अब अमेरिका में दूसरे सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं. हालांकि, 2024 में तुलनात्मक रूप से मामूली 8 प्रतिशत की है. इस साल जनवरी से सितंबर तक चीनी छात्रों को कुल 73,781 एफ-1 वीजा जारी किए गए, जो पिछले साल के 80,603 से कम है, हालांकि 2022 में जारी किए गए 52,034 से अभी भी अधिक है.
एफ-1 वीजा अमेरिका में एकेडमिक इंस्टीट्यूशन में भाग लेने वाले छात्रों के लिए एक गैर-आप्रवासी श्रेणी है, जबकि एम-1 वीजा व्यावसायिक और गैर-शैक्षणिक कार्यक्रमों को कवर करता है. एफ-1 वीजा में सालाना अमेरिकी छात्र वीजा का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है. हाल ही में अमेरिकी उच्च शिक्षा में भारतीयों की हासिल की गई दो उपलब्धियों की पृष्ठभूमि में भारतीय छात्रों को एफ-1 जारी करने में गिरावट महत्वपूर्ण है.
वीजा में क्यों हो रही है गिरावट?
एफ-1 वीजा, जो शिक्षा के लिए अमेरिका भारतीय छात्रों को दे रही है. इसमें कमी देखने को मिली है. इसके पीछे अमेरिका में नौकरी की कमी और वीजा मिलने में देरी को बताया जा रहा है. देरी की वजह से छात्र कनाडा और जर्मनी जैसे विकल्प की तलाश में लगे हैं. वहीं अमेरिका की बदलती राजनीतिक ने छात्रों में असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है. अब वीजा को लेकर अधिक चुनौती भारतीय छात्र को पसंद नहीं आ रहा है और वो इससे दूरी बना रहे हैं.