कौन है TTP चीफ नूर वली महसूद, जिसके मारे जाने की खबर ने भड़काई थी पाक-अफगान बॉर्डर पर जंग?
काबुल में पाकिस्तान के एयरस्ट्राइक के एक हफ्ते बाद TTP सरगना नूर वली महसूद के जिंदा होने का वीडियो सामने आया है. उसने “जिहाद से आज़ादी” का संदेश देते हुए मौत की खबरों को खारिज किया. महसूद का यह पुनःप्रकट होना पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव को और भड़काने वाला साबित हो सकता है. यह वही आतंकी है जिसने बेनज़ीर भुट्टो की हत्या का जिम्मा लिया था और TTP को फिर से एकजुट किया था.

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां उसे मरा हुआ समझकर राहत की सांस ले रही थीं, लेकिन अब वो फिर सामने आ गया, वही चेहरा जिसने कभी कराची की गलियों से लेकर खैबर तक खून की नदियां बहा दी थीं. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का सरगना नूर वली महसूद (Noor Wali Mehsud), जिसे 9 अक्टूबर को काबुल में पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक में मारा गया बताया गया था, अब एक ताज़ा वीडियो में जिंदा और पहले से ज्यादा उग्र दिखाई दिया है. चेहरे पर ठंडी मुस्कान और हाथों में कुरान लिए महसूद ने कैमरे के सामने कहा, “जिहाद ही आज़ादी का रास्ता है, वरना कौमें गुलाम बन जाती हैं.”
उसका यह बयान सिर्फ एक सफाई नहीं, बल्कि पाकिस्तान को सीधी धमकी है. इस वीडियो ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर फिर से बारूद भर दिया है. पहले से ही तनावग्रस्त हालात अब जंग के मुहाने पर पहुंच गए हैं. काबुल पर पाकिस्तान का यह सबसे बड़ा हमला था जब से 2022 में अमेरिकी ड्रोन ने अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को मारा था. अब महसूद के जिंदा लौटने से इस्लामाबाद की सुरक्षा नीति और उसकी सैन्य रणनीति दोनों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पाकिस्तान का दुश्मन अब उसकी पहुंच से इतना दूर कैसे हो गया?
काबुल स्ट्राइक से शुरू हुआ नया टकराव
9 अक्टूबर 2025 को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक आर्मर्ड लैंड क्रूज़र पर हवाई हमला किया था. माना गया कि उस गाड़ी में नूर वली महसूद सवार था. इस हमले में उसके मारे जाने की खबर फैली, लेकिन अब उसका वीडियो सामने आने से पाकिस्तान की “क्लेम्ड सफलता” पर सवाल उठ गए हैं. हमले के बाद दोनों देशों के बीच भारी गोलीबारी और प्रतिशोधी हमलों की श्रृंखला शुरू हो गई थी. सीमाई इलाकों में सैकड़ों लोग मारे गए, दर्जनों घायल हुए, और दोनों तरफ से चेतावनियों का दौर चल पड़ा.
पाकिस्तान का आरोप - अफगानिस्तान दे रहा है आतंकियों को पनाह
पाकिस्तान लंबे समय से आरोप लगाता आ रहा है कि अफगान तालिबान TTP को सुरक्षित ठिकाने दे रहा है. यही संगठन पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर रोज़ हमले करता है. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि अब वह “अपने लोगों की सुरक्षा के लिए जो भी ज़रूरी होगा, करेगा.” इस बीच अफगान रक्षा मंत्रालय ने इस हमले को “उकसाने वाला और अभूतपूर्व कदम” बताया और चेतावनी दी कि इसके परिणामों की जिम्मेदारी पाकिस्तान की होगी. काबुल प्रशासन ने पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान खुद इस्लामिक स्टेट (ISIS-K) जैसे गुटों को परोक्ष रूप से सपोर्ट करता है ताकि सीमा के पार अस्थिरता बनी रहे.
कंधार पर भी एयरस्ट्राइक
हमले के ठीक दो दिन बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक इलाके में एक और एयरस्ट्राइक की. पाकिस्तान का दावा था कि उसने तालिबान की एक ब्रिगेड को निशाना बनाया, जिसमें कई लोग मारे गए. हालांकि, अफगानिस्तान ने इस दावे की पुष्टि नहीं की. दोनों देशों के बीच यह सबसे गंभीर सैन्य टकराव माना जा रहा है, जब से 2021 में तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था.
वीडियो में क्या बोला महसूद?
वीडियो में महसूद ने कहा, “जिहाद से ही आज़ादी और सम्मान मिलता है, वरना कौमें गुलाम बन जाती हैं.” उसने अपनी मौत की खबरों को “झूठा और मनोवैज्ञानिक युद्ध” बताया. इस वीडियो ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान का टारगेट नाकाम रहा और महसूद अब भी TTP का नेतृत्व कर रहा है.
कौन है नूर वली महसूद?
- नूर वली महसूद का असली नाम मुफ्ती नूर वली महसूद है.
- जन्म: 26 जून 1978, दक्षिण वज़ीरिस्तान (पाकिस्तान)
- समुदाय: महसूद जनजाति
- शिक्षा: मदरसा से इस्लामी कानून (शरीअत) में प्रशिक्षण
- शुरुआती दौर में: 1990 के दशक में अफगान तालिबान के साथ लड़ा
- धीरे-धीरे उसने TTP के भीतर न्यायाधीश, कराची प्रमुख और फिर वरिष्ठ कमांडर के रूप में पद संभाले.
TTP में सत्ता की वापसी
2018 में जब अमेरिकी ड्रोन हमले में मुल्ला फ़ज़लुल्लाह मारा गया, तब महसूद को नया चीफ बनाया गया. उसके आने से TTP की बिखरी हुई ताकत फिर से एकजुट होने लगी. महसूद ने विभिन्न टूटे धड़ों को मिलाया और संगठन की रणनीति बदली. पहले जो TTP आम नागरिकों को निशाना बनाती थी, महसूद के दौर में उसने मुख्य रूप से सुरक्षा बलों और सरकारी ठिकानों पर हमले केंद्रित कर दिए. यह रणनीतिक बदलाव TTP को अधिक टिकाऊ और कम भेद्य बना गया.
लेखक और विचारक भी है आतंकी सरगना
महसूद सिर्फ बंदूक चलाने वाला आतंकी नहीं, बल्कि एक विचारधारा गढ़ने वाला लेखक भी है. उसकी 700 पन्नों की किताब ‘इंकलाब-ए-मेहसूद (The Mehsud Revolution)’ में उसने धर्म, जनजातीय परंपराओं और जिहादी इतिहास को जोड़ा है. इस किताब में वह 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या की जिम्मेदारी स्वीकार करता है. कई विश्लेषक कहते हैं कि यह किताब TTP की “संविधान समान” दस्तावेज़ बन चुकी है.
तालिबान की वापसी के बाद और खतरनाक हुआ TTP
2021 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण किया, तो महसूद के लिए हालात और आसान हो गए. अब उसके लड़ाके अफगान सीमा पार स्वतंत्र रूप से आवाजाही कर सकते हैं, नए हथियारों की आपूर्ति भी सुगम हो गई है. विश्लेषकों के अनुसार, यह “नई रणनीतिक गहराई” TTP को अब तक का सबसे बड़ा सैन्य लाभ दे रही है.
पाकिस्तान के लिए लगातार सिरदर्द
पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों के लिए महसूद सबसे वांछित आतंकी है. उस पर सैकड़ों सुरक्षाकर्मियों की हत्या, सीमा-पार हमले और आत्मघाती बम धमाकों के आरोप हैं. इस्लामाबाद की कोशिश है कि TTP को या तो खत्म किया जाए या फिर अफगानिस्तान की जमीन से निकाला जाए, लेकिन तालिबान शासन इसकी अनुमति देने को तैयार नहीं.
सीमा पर बन रहा है नया युद्धक्षेत्र
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,600 किलोमीटर लंबी ड्यूरंड लाइन अब एक विस्फोटक सीमा बन चुकी है. दोनों तरफ की सेनाएं लगातार सशस्त्र हैं और आपसी विश्वास लगभग खत्म हो चुका है. पाकिस्तान की “नो-टॉलरेंस” नीति और अफगानिस्तान की “संप्रभुता की रक्षा” की जिद दोनों देशों को सीधे युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर रही हैं.
काबुल बनाम इस्लामाबाद: रिश्तों का पतन
कभी पाकिस्तान, तालिबान का सबसे बड़ा संरक्षक माना जाता था. लेकिन अब वही तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ खुला मोर्चा ले चुका है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति दक्षिण एशिया में नई सुरक्षा चुनौती पैदा कर रही है, जहां अफगानिस्तान “तालिबानाइज्ड”, पाकिस्तान “मिलिट्राइज़्ड”, और सीमा क्षेत्र “रैडिकलाइज़्ड” हो चुका है.