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कौन हैं ट्रंप के करीबी सर्जियो गोर? भारत में नए अमेरिकी राजदूत बने, टैरिफ तनाव के बीच होगी सीधी भिड़ंत; जानें ताशकंद कनेक्शन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भरोसेमंद सहयोगी सर्जियो गोर को भारत का नया राजदूत नियुक्त किया है. यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ और रूस से तेल आयात को लेकर तनाव गहराया हुआ है. गोर न केवल राजदूत होंगे बल्कि दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत की जिम्मेदारी भी संभालेंगे.

कौन हैं ट्रंप के करीबी सर्जियो गोर? भारत में नए अमेरिकी राजदूत बने, टैरिफ तनाव के बीच होगी सीधी भिड़ंत; जानें ताशकंद कनेक्शन
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( Image Source:  X/SergioGor )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 23 Aug 2025 6:45 AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के लिए एक अहम कूटनीतिक फैसला लिया है. ट्रंप ने अपने भरोसेमंद सहयोगी और लंबे समय से साथ निभा रहे सर्जियो गोर को भारत में अगला अमेरिकी राजदूत नियुक्त करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही उन्हें दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों का विशेष दूत भी बनाया गया है. इस घोषणा के बाद भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं.

यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और टैरिफ को लेकर तनाव चरम पर है. रूस से भारत द्वारा बढ़ते तेल आयात को लेकर अमेरिका ने नाराजगी जताई है और टैरिफ में कई गुना बढ़ोतरी की गई है. ऐसे हालात में ट्रंप ने अपने सबसे करीबी सहयोगी को भारत भेजकर यह साफ संकेत दिया है कि आने वाले समय में वह भारत से सीधे और कड़े तौर पर बातचीत करना चाहते हैं.

कौन हैं सर्जियो गोर?

सर्जियो गोर लंबे समय से डोनाल्ड ट्रंप के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने ट्रंप के चुनाव अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनकी बेस्टसेलर किताबों को प्रकाशित किया और उन सुपर पैक्स का संचालन किया जो ट्रंप के राजनीतिक आंदोलन को समर्थन देते थे. व्हाइट हाउस में वे प्रेसिडेंशियल पर्सनल ऑफिस के निदेशक रहे और ट्रंप प्रशासन में 4,000 से ज्यादा नियुक्तियों में अहम योगदान दिया.

भारत के लिए सही या गलत

भारत के लिए सर्जियो गोर की नियुक्ति एक मिश्रित संकेत है. एक ओर उनका ट्रंप पर गहरा भरोसा भारत के साथ प्रत्यक्ष और मजबूत संवाद की उम्मीद जगाता है. वहीं दूसरी ओर, मौजूदा व्यापार विवाद और रूस से तेल आयात जैसे मुद्दों पर उनका कड़ा रुख भारत के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि गोर का रवैया सहयोगात्मक होगा या दबाव बनाने वाला.

ट्रंप का भरोसा और रणनीति

ट्रंप ने गोर को अपना “महान मित्र” बताते हुए कहा है कि वह भारत में अमेरिका के एजेंडे को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे. ट्रंप को विश्वास है कि गोर उनकी नीतियों को भारत और एशिया क्षेत्र में मजबूती से लागू करेंगे. ट्रंप का यह कदम साफ दर्शाता है कि वह भारत में किसी ऐसे राजदूत को भेजना चाहते थे जिस पर उन्हें पूर्ण विश्वास हो.

व्यापार तनाव के बीच नियुक्ति

भारत और अमेरिका के बीच मौजूदा समय में व्यापार तनाव बढ़ा हुआ है. अमेरिका ने भारत पर 50% तक का टैरिफ लगाया है और रूस से तेल खरीद पर 25% अतिरिक्त शुल्क भी जोड़ा है. गोर की नियुक्ति इसी माहौल में की गई है, जो बताता है कि ट्रंप इन जटिल मुद्दों को अपने भरोसेमंद सहयोगी के जरिए सीधे सुलझाना चाहते हैं.

एरिक गार्सेटी की जगह संभालेंगे जिम्मेदारी

सर्जियो गोर मौजूदा अंतरिम प्रभार संभाल रहे डी’अफेयर्स जॉर्गन के. एंड्रयूज से जिम्मेदारी लेंगे. इससे पहले एरिक गार्सेटी मई 2023 से जनवरी 2025 तक भारत में अमेरिकी राजदूत रहे. गार्सेटी के कार्यकाल के दौरान कई अहम समझौते हुए, लेकिन रूस-भारत संबंधों पर अमेरिका की नाराजगी बनी रही. अब गोर इस चुनौतीपूर्ण पृष्ठभूमि में भारत पहुंचेंगे.

आने वाले समय की दिशा

सर्जियो गोर की नियुक्ति भारत-अमेरिका संबंधों की नई दिशा तय कर सकती है. उनके कड़े लेकिन स्पष्ट रवैये से जहां रिश्तों में पारदर्शिता बढ़ सकती है, वहीं दबाव की राजनीति भी सामने आ सकती है. आने वाले महीनों में यह साफ हो जाएगा कि गोर का कार्यकाल भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती देगा या फिर और ज्यादा तनाव की ओर ले जाएगा.

डोनाल्ड ट्रंप
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