कौन है Soham Parekh? मूनलाइटिंग को लेकर इंडिया से लेकर अमेरिका तक विवादों में, रोज कमा रहे 2.5 लाख रुपये
अमेरिका में एक भारतीय मूल के कंसल्टेंट सोहम पारेख इन दिनों सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना झेल रहे हैं. दावा है कि वह एक साथ 5 रिमोट जॉब्स कर रहे थे और ₹2.5 लाख प्रतिदिन (करीब $3,000 प्रतिदिन) कमा रहे थे.
अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के कंसल्टेंट सोहम पारेख आज सोशल मीडिया पर एक बड़े विवाद का केंद्र बन गए हैं. आरोप है कि पारेख एक साथ 5 अलग-अलग रिमोट जॉब्स कर रहे थे और 2.5 लाख रुपये प्रति दिन की कमाई कर रहे थे - वो भी धोखे और चालाकी के सहारे. उनकी पहचान तब चर्चा में आई जब Mixpanel के को-फाउंडर सुहैल दोशी ने पारेख पर मूनलाइटिंग यानी कई कंपनियों से एकसाथ पैसा वसूलने का आरोप लगाया.
इसके बाद AI इनवेस्टर डीडी दास ने भी खुलासा किया कि पारेख जैसे लोग ‘ओवरइंप्लॉयमेंट’ के जरिये स्टार्टअप्स को गुमराह कर रहे हैं. Reddit के एक चर्चित पोस्ट के मुताबिक, पारेख जैसे 'कंसल्टेंट्स' माउस जगलर, AI टूल्स, आउटसोर्सिंग, और फेक मीटिंग्स का सहारा लेकर दिन में केवल उतना ही काम करते हैं, जितना ज़रूरी हो - बाकी समय 'ऑफिस में एक्टिव' दिखते रहते हैं.
पारेख की सफलता का सूत्रवाक्य: "Lie, Cheat and Steal" यानी झूठ बोलो, धोखा दो और जो मिल सकता है, हथिया लो. इस ट्रेंड ने अब रिमोट वर्क कल्चर और कॉर्पोरेट नैतिकता को लेकर गहरी बहस छेड़ दी है.
Mixpanel के को-फाउंडर ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप
Mixpanel के को-फाउंडर सुहैल दोशी ने पारेख पर मूनलाइटिंग और स्टार्टअप्स को धोखा देने का आरोप लगाया है. इसके बाद AI इनवेस्टर डीडी दास ने भी पारेख पर निशाना साधा और कहा कि यह तो बस 'आइसबर्ग की नोक है', ऐसे हजारों लोग हैं जो इस तरह से एक साथ कई नौकरियां करते हैं.
Reddit पर खुला पूरा खेल
Das ने Reddit के एक पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें एक अनाम यूज़र ने बताया कि कैसे उन्होंने 5 नौकरियों के जरिए $800,000 (₹6.85 करोड़ सालाना) कमाने की तरकीब निकाली. वो खुद को 'कंसल्टेंट' बताते हैं, कैमरा ऑफ रखते हैं, केवल मुख्य काम करते हैं और बाकी काम आउटसोर्स कर देते हैं.
कैसे करते हैं मैनेज?
- Mouse Juggler जैसे टूल का इस्तेमाल, ताकि कर्सर एक्टिव दिखे
- AI टूल्स से काम तेज़ और सटीक
- LinkedIn प्रोफाइल छिपा कर रखते हैं
- मीटिंग्स में बस कहते हैं: "Nothing from my end"
- पहली ही हफ्ते छुट्टी ले लेते हैं
- "Focus Time" कह कर कैलेंडर ब्लॉक कर देते हैं
'सच मत बोलो, बस इंटरव्यू जीतो'
रेडिट पोस्ट में दावा किया गया कि आज की दुनिया में सफल होने के लिए झूठ बोलना, धोखा देना और AI का इस्तेमाल करना ही गेम जीतने की कुंजी है. "इंटरव्यू को गेम की तरह ट्रीट करो: Lie, Cheat, and Steal,” यही उनका मंत्र है.
LinkedIn पर भी चर्चा
LinkedIn पर कई यूज़र्स ने इसे आधुनिक वर्क कल्चर की नाकामी बताया. एक यूज़र ने लिखा: “यह सिर्फ कर्मचारी की चालाकी नहीं, बल्कि कमजोर लीडरशिप की पहचान है.”
सोहम पारेख का मामला सिर्फ एक इंसान की नहीं, बल्कि वर्क फ्रॉड के नए दौर की कहानी है, जहां डिजिटल युग में स्मार्ट वर्क और धोखाधड़ी के बीच की रेखा धुंधली हो चुकी है. यह मामला अमेरिका समेत दुनियाभर के रिमोट वर्क कल्चर और हाइब्रिड जॉब्स को लेकर बड़ी बहस छेड़ रहा है.





