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याह्या सिनवार के बाद कौन संभालेगा हमास की कमान? दावेदारों में खालिद मशाल का नाम सबसे ऊपर

हमास चीफ याह्या सिनवार की मौत के बाद अब हमास का नेतृत्व कौन करेगा? इसकी चर्चाएं इस समय काफी तेज है. लेकिन इस बीच हमास का नेतृत्व करने वालों के नाम की भी जानकारी सामने आ चुकी है. लिस्ट में सबसे मजबूत दावेदार खालिद मशाल को माना जा रहा है.कहा जा रहा है कि याह्या की मौत के बाद हमास के नेतृत्व के लिए खालिद मशाल को चुना जा सकता है.

याह्या सिनवार के बाद कौन संभालेगा हमास की कमान? दावेदारों में खालिद मशाल का नाम सबसे ऊपर
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( Image Source:  Social Media: X )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 18 Oct 2024 3:36 PM IST

इजराइली हमले के दौरान हमास चीफ याह्या सिनवार की मौत हो गई. अब इस हमले के बाद एक सवाल सामने आता है कि आखिर याह्या सिनवार की मौत के बाद अब हमास का नेतृत्व कौन करेगा? जानकारों के अनुसार सिनवार की मौत के बाद खालिद मेशाल हमास का नेतृत्व करने के लिए एक मजबूत दावेदार साबित हो सकता है. लेकिन इस लिस्ट में खालिद मशाल के साथ-साथ अन्य नाम भी शामिल है.

दावेदारों की लिस्ट में सिनवार का भाई मोहम्मद सिनवार का नाम भी सामने आया है. कहा जा रहा है कि हमास का नेतृत्व करने के लिए उसे भी चुनने पर फैसला किया जा सकता है. यदि याह्या के भाई को चुना जाता है तो वह अपने भाई जैसे तेवर और बर्ताव को जारी रख सकता है. इस संबंध में अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा कि मोहम्मद सिनवार भी अपने भाई के जैसा ही कट्टर विचारधारा रखने वाला व्यक्ति है. लेकिन खालिद मशाल के नाम की चर्चा सबसे तेज है.

सुसाइड बॉम्बर्स का था मास्टरमाइंड

साल 1994 जब हमास की स्थापना हुई थी. इसके बाद से ही सुसाइड बॉम्बर बनने की शुरुआत हुई थी. कहा जाता है कि इन सुसाइड बॉम्बर के पीछे खालिद मशाल का हाथ होता था. मास्टरमाइंड के रूप में उसे देखा जाता है. अब तक कुवैत, जॉर्डन, कतर और सीरिया में रहकर खालिद हमास की कमान संभाल चुका है. हालांकि 2017 में ये जिम्मेदारी हमास समूह ने हनिया को संगठन की जिम्मेदारी दी थी. बावजूद इसके उसे मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. साल 1992 में उसने पोलित ब्यूरो का संस्थापक भी रह चुका है.

पहले रह चुका है शिक्षक

सुसाइड बॉम्बर्स का मास्टरमाइंड होने के साथ-साथ शिक्षक के तौर पर भी खालिद मशाल काम कर चुका है. साल 1996 से 2017 तक उसने शिक्षक के पद की कमान संभाली. सन 1997 में इजराइल ने जहर का इंजेक्शन देते हुए खालिद मार्शल को मारने का भी प्रयास किया था. लेकिन उस दौरान वह बच गया. अब वह अपना अधिकतर समय दोहा और काहिरा में बिताता है, और वहीं से अपना काम करता है. एक राजनीतिक नेता के रूप में मेशाल ने दुनिभर की विदेशी सरकारों का प्रतिनीधित्व किया है.

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