कौन हैं जोनस मसेटी, जिन्होंने वैदिक मंत्रों से किया पीएम मोदी का स्वागत?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय ब्राजील में G-20 सम्मेलन में पहुंचे. इस दौरान भारतीय ट्रेडिशन को अपनाते हुए सांस्कृतिक वेद और मंत्रोच्चारण के साथ उनका स्वागत ब्राजील में रहने वाले जोनस मसेटी और उनके शिष्यों ने किया.

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को ब्राजील में जी-20 सम्मेलन में पहुंचे. इस दौरान जोनास मैसेटी जिन्हें विश्वनाथ' के नाम से भी जाना जाता है. उनके शिष्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार करते हुए पीएम मोदी का पारंपरि स्वागत किया. आपको बता दें कि जोनास मैसेटी वो व्यक्ति है जिनकी पीएम मोदी ने भारत में 'मन की बात' कार्यक्रम में खूब तारीफ की है.
पीएम के स्वागत के दौरान वैदिक विद्वानों के ग्रुप जिसमें सभी उम्र के महिला और पुरूष शामिल थे उन्होंने पीएम की उपस्थिती में संस्कृत श्लोक गाए. इस दौरान सभी ट्रेडिश्नल ड्रेस पहने पहुए दिखाई दिए. PM मोदी ने भी उत्सुक होकर इस श्लोक को सुना.
ब्राजील में बहुत लोग भारतीय संस्कृति से जुड़ते हैं
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान जोनास मसैटी ने कहा कि ब्राजील में बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो भारतीय संस्कृति से जुड़ते हैं. उन्होंने बताया कि जब पहली बार वह इन मंत्रोच्चार को सुनते हैं, तो उन्हें काफी खुशी और शांति महसूस होती है. उन्होंने कहा कि बहुत ही खुशी से कई छात्र संस्कृत, मंत्र, रामायण समेत महाभारत की कहानियां सुनते हैं.
कौन हैं जोनास मसेटी?
जॉनस मसैटी ब्राजील में लोगों को वेदांत और गीता का पाठ सिखाते हैं. ब्राजील में वह विश्वविद्या नाम की एक संस्था को चलाते हैं. यह संस्था Rio De Janeiro से कुछ ही देर की दूरी पर Petropolis के पहाड़ो में है. यह जानकर आपको हैरानी होगी कि जॉनस मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं. इसके बाद उन्होंने स्टॉक मार्केट में अपनी कंपनी में काम किया. लेकिन धीरे-धीरे उनकी रूचि संस्कृति और खासकर वेदांत की तरफ हो गई. स्टॉक मार्केट से लेकर स्पिरिचअल तक की यह यात्रा काफी लंबी रही.
हालांकि साल 2020 में पीएम मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में उकनी इस जर्नी का जिक्र किया था. पीएम ने बताया था कि किस तरह अपनी डिग्री पूरी करने के बाद जॉनस ने इसीरिचुएलिटी की ओर अपने कदमों को आगे बढ़ाया. PM ने कहा था कि उनमें एक ओर खासियत है कि वह अपने मैसेज को पहुंचाने के लिए अलग-अलग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं. यानी वह ऑनलाइन प्रोग्राम आयोजित करते हैं. इतना ही नहीं रोजाना पोडकास्ट करते हैं. पिछले कई सालों में जॉनस ने वेदांत पर फ्री कोर्स की मदद से डेढ़ लाख से भी अधिक छात्रों को पढ़ाया है.