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कौन हैं Jeffrey Goldberg? जिन्हें पता चल गया ट्रंप प्रशासन का सबसे बड़ा सीक्रेट

Who is Jeffrey Goldberg: अमेरिकी सेना ने हाल ही में यमन में ईरान-समर्थित हौती विद्रोहियों पर हमला किया था. इस हमले में 30 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया गया. द अटलांटिक पत्रिका के चीफ एडिटर जेफ्री गोल्डबर्ग ने दावा किया कि मुझे इस पहले की जानकारी घटना से 2 घंटे पहले ही मिल गई थी. अमेरिका सरकार में अधिकारी ने मुझे एक ग्रुप में जोड़ा था, जिसमें यमन हमले की प्लानिंग की जा रही थी.

कौन हैं Jeffrey Goldberg? जिन्हें पता चल गया ट्रंप प्रशासन का सबसे बड़ा सीक्रेट
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( Image Source:  @DisavowTrump20, @instablog9ja )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 28 March 2025 8:46 AM IST

Who is Jeffrey Goldberg: अमेरिका की ट्रम्प सरकार से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है. एक पत्रकार को प्रशासन की सीक्रेट जानकारी मिल गई, जिसके बारे में अमेरिकी सरकार की ओर से एलान भी नहीं किया गया था. दरअसल द अटलांटिक पत्रिका के चीफ एडिटर जेफ्री गोल्डबर्ग को एक ऐसी ग्रुप में जोड़ लिया गया, जिसमें यमन में हौती ठिकानों पर हमले की बात की जा रही थी.

जानकारी के अनुसार, जेफ्री गोल्डबर्ग ने खुद इस बात को कबूल किया कि मुझे पहले ग्रुप में जोड़ा गया था, उसमें यमन हमले की योजना की प्लानिंग बनाई जा रही थी. उन्होंने कहा पहले मुझे यह झूठ लगा, लेकिन जब बमबारी शुरू हुई तो मुझे यकीन हो गया कि जानकारी सही थी. ट्रम्प सरकार में अधिकारियों की इस लापरवाही को लेकर हंगामा मच रहा है.

कौन हैं जेफ्री गोल्डबर्ग?

जेफ्री गोल्डबर्ग द अटलांटिक पत्रिका के चीफ एडिटर हैं. इससे पहले वह वाशिंगटन में द न्यू यॉर्कर के रिपोर्टर के रूप में काम करते थे. उन्होंने द न्यू यॉर्क टाइम्स मैगजीन के लिए 15 कवर आर्टिकल लिखे हैं. गोल्डबर्ग द वाशिंगटन पोस्ट से अपने करियर की शुरुआत की, यहां वह पुलिस रिपोर्टर में काम करते थे.

गोल्डबर्ग ने कई किताबें भी लिखीं हैं, जिनमें गोल्डबर्ग की पुस्तक प्रिज़नर्स- ए स्टोरी ऑफ़ फ्रेंडशिप एंड टेरर अंतरराष्ट्रीय संघर्षों, कूटनीतिक प्रयासों और सुरक्षा चुनौतियों में उनकी गहरी रुचि को दर्शाती है. बर्लिन में अमेरिकन अकादमी में फेलो रहे. उन्होंने कई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है, जिनमें ओवरसीज़ प्रेस क्लब अवार्ड, डैनियल पर्ल अवार्ड और रिपोर्टिंग के लिए नेशनल मैगज़ीन अवार्ड शामिल हैं.

यमन हमले की पहले मिली थी जानकारी

जेफ्री गोल्डबर्ग ने दावा किया कि अमेरिका द्वारा यमन हमले के बारे में मुझे पहले से पता था. गोल्डबर्ग ने द अटलांटिक में लिखा कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने मुझे एक ग्रुप चैट में जोड़ दिया, जिसमें यमन पर हमलों की योजना बनाई जा रही थी. मुझे लगा कि यह असली नहीं हो सकता, लेकिन फिर बम गिरने लगे. यह एक ओपन-सोर्स मैसेजिंग ऐप है, जो गोपनीयता पर केंद्रित है.

किसकी थी गलती?

गोल्डबर्ग ने बताया कि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति ने ग्रुप में जोड़ा था, जिसने खुद को माइकल वॉल्ट्ज (राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) के रूप में बताया था. गोल्डबर्ग ने कहा कि उन्हें हमले के बारे में सरकारी घोषणा से दो घंटे पहले ही पता चल गया था.

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने शुरू की जांच

इस गलती को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने जांच शुरू कर दी है. उनके प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा कि यह चैट असली लगती है, और हम जांच कर रहे हैं कि गलती से गलत नंबर कैसे जुड़ गया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इससे अमेरिकी सैनिकों या राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं हुआ. बता दें कि कुछ दिन पहले अमेरिकी सेना ने यमन में ईरान-समर्थित हौती विद्रोहियों पर हमला किया था. इस हमले में 30 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया गया.

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