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शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्‍लादेश में एक लाख से ज्‍यादा लोग क्यों हो गए बेरोजगार? पढ़ें इनसाइड स्टोरी

बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट होने और मोहम्मद युनुस के अंतरिम सरकार के सलाहकार के रूप में काम करने के बाद से बांग्लादेश में कई गारमेंट फैक्ट्रियों को बंद कर दिया है, जिससे एक लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए हैं. ​बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में वस्त्र उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन क्या वजह है कि अब यह संकट के दौर से गुजर रही है. आइए, इस खास रिपोर्ट में जानते हैं...

शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्‍लादेश में एक लाख से ज्‍यादा लोग क्यों हो गए बेरोजगार? पढ़ें इनसाइड स्टोरी
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Bangladesh Garment Industry Unemployment: बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के कारण गारमेंट उद्योग को भारी नुकसान हुआ है, जिससे एक लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अगस्त 2024 में इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ. इसके बाद से कई फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं, जिसकी वजह से बेरोजगारी में इजाफा हुआ है.

पिछले सात महीनों में बांग्लादेश में 140 से अधिक गारमेंट फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं, जिससे एक लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं. इन फैक्ट्रियों के बंद होने से बड़ी संख्या में श्रमिक, विशेषकर महिलाएं, बेरोजगार हो गई हैं, जिससे देश में बेरोजगारी दर में वृद्धि हुई है

बांग्लादेश में फैक्ट्रियों को क्यों किया गया बंद?

  • बांग्लादेश में फैक्ट्रियों के बंद होने के पीछे राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक चुनौतियां जिम्मेदार हैं.
  • शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी. इससे निवेशकों का विश्वास कम हुआ, जिसका असर गारमेंट उद्योग पर पड़ा.
  • न्यूनतम वेतन में वृद्धि न होने और बिगड़ते कामकाजी हालातों के कारण श्रमिकों में असंतोष बढ़ गया, जिससे उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा.
  • इसके अलावा, मशीनों के इस्तेमाल से उत्पादन में इजाफा हुआ है, जिसमें श्रमिकों की जरूरत कम हो गई है. ऐसे में कई फैक्ट्रियों में कर्मचारियों की छंटनी हुई है.
  • बांग्लादेश के वस्त्र उद्योग को अन्य देशों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. विशेष रूप से, गुरुग्राम जैसे भारतीय शहरों के कपड़ा उद्योगों को बांग्लादेश में संकट के चलते 20 फीसदी नए ऑर्डर मिले हैं. जापान, यूरोप और अमेरिका से कपड़े के ऑर्डर भारत की ओर स्थानांतरित हो रहे हैं, जिससे बांग्लादेश की गारमेंट इंडस्ट्रीज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है

ढाका में गारमेंट मजदूरों ने किया विरोध प्रदर्शन

कारखानों के बंद होने, वेतन न मिलने और छंटनी से आक्रोशित हजारों गारमेंट मजदूरों ने ढाका में विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कारखानों को फिर से खोलने, वार्षिक अवकाश और बोनस की मांग की है. कुल मिलाकर, बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक चुनौतियों के कारण गारमेंट उद्योग गंभीर संकट का सामना कर रहा है, जिससे एक लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में इस स्थिति को सुधारने के लिए स्थिर राजनीतिक वातावरण और श्रमिकों के हितों की रक्षा आवश्यक है.

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