साउथ कोरिया में हो क्या रहा है? 2 हफ्ते के अंदर दूसरे राष्ट्रपति पर लगा महाभियोग
South Korea Political Crisis: दक्षिण कोरिया में इमरजेंसी लागू होने के बाद दो हफ्ते से भी कम समय में दूसरे राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाया गया है. अब कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ महाभियोग चलाया जाएगा. हान के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) द्वारा पेश किया गया था.

South Korea Political Crisis: दक्षिण कोरिया में इस समय राजनीतिक उथल पुथल जारी है. यहां दो हफ्ते से भी कम समय में दूसरे राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाया गया है. अब कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ महाभियोग चलाया जाएगा. इससे पहले संसद ने राष्ट्रपति यून सूक येओल के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए मतदान किया था.
बता दें कि नेशनल असेंबली में उस समय हंगामा मच गया, जब स्पीकर ने घोषणा की कि महाभियोग विधेयक को पारित करने के लिए 300 में से केवल 151 वोटों की आवश्यकता होगी, जबकि राष्ट्रपति यून पर महाभियोग चलाने के लिए 200 वोटों की आवश्यकता होती है. यूं और हान की सत्तारूढ़ पार्टी पीपीपी के सांसदों ने विरोध स्वरूप स्पीकर की कुर्सी के चारों ओर जमा होकर मतदान का बहिष्कार किया. कुल 192 सांसदों ने हान के महाभियोग के पक्ष में मतदान किया.
हान पर विपक्षी सांसदों ने लगाया गंभीर आरोप
3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के नाकाम प्रयास के बाद राष्ट्रपति यून पर संसद द्वारा महाभियोग चलाए जाने के बाद प्रधानमंत्री हान ने यह पदभार संभाला, लेकिन विपक्षी सांसदों ने हान पर यूं के महाभियोग मुकदमे के लिए न्यायाधीशों की नियुक्ति करने से इनकार करने का आरोप लगाया है, जिससे कार्यवाही प्रभावी रूप से बाधित हो रही है. हान ने पद छोड़ने पर सहमति जता दी है, जिसका अर्थ है कि देश के वित्त मंत्री व उप प्रधानमंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति बनेंगे.
दक्षिण कोरिया में इस समय इमरजेंसी लागू है. चोई सांग को आशंका है कि उत्तर कोरिया हमला कर सकता है. इसलिए उन्होंने सेना को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है. उन्होंने राजनयिकों को अमेरिका और जापान जैसे सियोल के प्रमुख सहयोगियों को आश्वस्त करने का भी आदेश दिया है. वहीं, दक्षिण कोरिया के अभियोजकों ने पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है, ताकि राष्ट्रपति यूं सुक योल द्वारा मार्शल लॉ लागू किए जाने के दौरान उनके द्वारा की गई फोन कॉल्स तक पहुंच बनाई जा सके.
वाशिंगटन स्थित सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी के वरिष्ठ विश्लेषक दुयेओन किम ने कहा कि हान के महाभियोग से अब बाहरी खतरों के लिए अवसर पैदा हो रहा है, जबकि कोरिया के विदेशी साझेदार उसे वैश्विक समुदाय से अलग-थलग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया अब नेतृत्व और शासन के मामले में कहीं अधिक गंभीर संकट में है.
हान पर महाभियोग क्यों लगाया गया?
हान पर महाभियोग इसलिए लगाया गया क्योंकि वे मुख्य उदारवादी विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ राजनीतिक संघर्ष में शामिल थे, जिसके पास असेंबली में बहुमत है. हान ने यून के महाभियोग पर अपने फैसले में निष्पक्षता और जनता के विश्वास को बढ़ाने के लिए संवैधानिक न्यायालय में तीन रिक्त न्यायाधीशों की सीटों की नियुक्ति के संबंध में डीपी की मांग को मानने से भी इनकार कर दिया था.
कोर्ट के पैनल को बहाल करने का महत्व
विशेष रूप से, न्यायालय के पूर्ण नौ-सदस्यीय पैनल को बहाल करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यूं को पद से हटाने के लिए न्यायालय के फैसले को कम से कम छह न्यायाधीशों के समर्थन की आवश्यकता होती है, और पूर्ण पीठ से यूं के पद से हटने की संभावना बढ़ जाएगी. हान ने कहा कि वह द्विदलीय सहमति के बिना न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करेंगे, लेकिन आलोचकों को संदेह है कि वह सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) में यूं के वफादारों का पक्ष ले रहे हैं, जो यूं को पुनः सत्ता में देखना चाहते हैं .
पीपीपी ने क्या कहा?
पीपुल्स पावर पार्टी ने हान के खिलाफ विपक्ष द्वारा चलाए गए महाभियोग की निंदा करते हुए कहा कि यह सरकार को गिराने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि महाभियोग को रद्द किया जाना चाहिए. पीपीपी की प्रवक्ता सेओ जी-यंग ने कहा कि हान के महाभियोग को रद्द कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह कार्यवाहक राष्ट्रपति के महाभियोग के लिए आवश्यक शर्तों और अनुमोदन के लिए कोरम को पूरा नहीं करता है. उन्होंने कहा कि हम सरकार को गिराने के डेमोक्रेटिक के प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं.
नेशनल असेंबली के अध्यक्ष की सेओ ने की निंदा
महाभियोग प्रस्ताव को साधारण बहुमत से आगे बढ़ाने के लिए नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वू वोन-शिक की सेओ ने निंदा की. उन्होंने कहा कि उनके निर्णय से प्रशासन को अक्षम करने का रास्ता खुल गया है. यह विधायी शक्तियों का दुरुपयोग है. पीपीपी का कहना है कि 27 दिसंबर का मतदान अवैध था, क्योंकि वू ने घोषणा की कि महाभियोग के लिए कोरम 300 सदस्यीय नेशनल असेंबली में साधारण बहुमत था, न कि दो-तिहाई बहुमत.
पीपीपी ने कहा कि कैबिनेट सदस्यों के लिए साधारण बहुमत लागू होता है, जबकि राष्ट्रपति के महाभियोग के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है. बता दें कि दक्षिण कोरिया के इतिहास में पहली बार संसद द्वारा किसी कार्यवाहक राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाया गया