'मैं काफी हूं...आपकी जरूरत नहीं', ट्रंप के किस प्रस्ताव को PM मोदी ने ठुकराया?
अमेरिका में पीएम मोदी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया. इस कॉन्फ्रेंस में दोनों महत्वपूर्ण समझौते पर चर्चा हुई. इसी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी झड़प का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह काफी क्रूर और हिंसक है. अगर इसे समाप्त करने में मैं मदद कर सकूं तो मुझे अच्छा लगेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिकी दौरे पर हैं. उन्होंने व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात की. वहीं इस मुलाकात के बाद पीएम और राष्ट्रपति ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बातचीत की. इस बातचीत में ट्रंप ने भारत-चीन बॉर्डर पर चल रहे विवाद का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मैं युद्ध को रोकने में मदद कर सकता हूं तो मुझे मदद करना अच्छा लगेगा.
ट्रंप ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि चीन, भारत, रूस और अमेरिका हम सभी एकसाथ मिलकर काम कर सकते हैं. एकसाथ मिलकर काम करना बहुत जरूरी है. वहीं इस दौरान ट्रंप ने कहा कि चीन दुनिया के महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से है. हालांकि इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ भी की है.
PM की तारीफ में क्या बोले ट्रंप?
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी की भी तारीफ की उन्होंने कहा कि हमारी बहुत अच्छी दोस्ती है. मुझे लगता है कि यह दोस्ती और भी अच्छी और नजदीक होने जा रही है. लेकिन इससे पहले एक चीज बहुत महत्वपूर्ण है वो कि हम एकजुट होकर रहें. हम दोस्त हैं और हम ऐसे ही बने रहेंगे.
खुद सुलझा सकते हैं विवाद
जब ट्रंप की ओर से ये विवाद सुलझाने की पेशकश की गई तो भारत से भी इस मामले पर सवाल किया गया. भारत ने अपना रुख साफ किया और इस सवाल का जवाब देते हुए कहा क हम इस मामले को खुद सुलझा सकते हैं. भारत ने चीन के साथ सीमा पर होने वाली झड़पों में मध्यस्थता करने वाले राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और कहा कि ऐसे मामलों से निपटने में द्विपक्षीय दृष्टिकोण की अपनी प्रतिबद्धता हम आगे भी बढ़ाते रहेंगे.
चीन के साथ अच्छे होंगे संबंध
इस बातचीत में उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कोविड-19 से पहले मेरे संबंध चीन के राष्ट्रपति शी-जिंपिंग के साथ अच्छे थे. उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारे संबंध अच्छे होंगे. इसी के साथ रूस युद्ध को रोकने का भी जिक्र करते हुए कहा कि इसे खत्म करने में चीन हमारी मदद कर सकता है. ऐसा मुझे लगता है. मैं भारत को देखता हूं, मैं सीमा पर झड़पों को देखता हूं जो काफी क्रूर हैं. अगर मैं मदद कर सकता हूं, तो मुझे मदद करना अच्छा लगेगा उन्होंने कहा कि मैं चीन और रूस से मिलने जा रहा हूं. यह देखना है कि क्या हम इसे कम कर सकते हैं.