न ज्यादा, न कम, ट्रंप ने लागू किया रेसिप्रोकल टैरिफ, भारत पर क्या होगा इसका असर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिका व्यापार में संतुलन और निष्पक्षता लाने के लिए पारस्परिक टैरिफ लागू करेगा. उन्होंने कहा, 'जो देश अमेरिका से शुल्क वसूलते हैं, हम भी उन पर समान शुल्क लगाएंगे.' इस नीति का सीधा मतलब यह है कि अगर भारत अमेरिकी उत्पादों पर 20% टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी भारतीय उत्पादों पर 20% टैरिफ लगाएगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले रेसिप्रोकल टैरिफ का एलान किया है. ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यह नीति 'जैसे को तैसा' के सिद्धांत पर आधारित होगी. उन्होंने कहा, "जो देश अमेरिका पर जैसा टैरिफ लगाते हैं, हम भी उन पर वैसा ही टैरिफ लगाएंगे."
रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है कि यदि कोई देश अमेरिका पर आयात शुल्क (टैरिफ) लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश से आने वाले उत्पादों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा – न ज्यादा, न कम. इसे 'प्रतिस्पर्धात्मक समानता' (Competitive Parity) के सिद्धांत पर आधारित माना जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य व्यापारिक संतुलन बनाना और घरेलू उद्योगों को सुरक्षा देना है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिका व्यापार में संतुलन और निष्पक्षता लाने के लिए पारस्परिक टैरिफ लागू करेगा. उन्होंने कहा, 'जो देश अमेरिका से शुल्क वसूलते हैं, हम भी उन पर समान शुल्क लगाएंगे.' इस नीति का सीधा मतलब यह है कि अगर भारत अमेरिकी उत्पादों पर 20% टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी भारतीय उत्पादों पर 20% टैरिफ लगाएगा.
भारत पर इसका क्या असर होगा?
1. भारतीय निर्यात पर असर
मूल्य प्रतिस्पर्धा में कमी: भारतीय उत्पाद जो अभी तक अमेरिकी बाजार में कम टैरिफ के कारण प्रतिस्पर्धी कीमत पर उपलब्ध थे, उन पर समान टैरिफ लगने से उनकी कीमत बढ़ जाएगी. इससे भारतीय उत्पादों की मांग में कमी आ सकती है. प्रमुख उद्योग प्रभावित होंगे: विशेष रूप से वस्त्र, रत्न और आभूषण, आईटी सेवाएं, फार्मास्युटिकल्स और ऑटोमोबाइल पार्ट्स जैसे उद्योग प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि ये भारतीय निर्यात का बड़ा हिस्सा हैं.
2. व्यापार घाटे पर असर
भारत और अमेरिका के बीच वर्तमान में व्यापारिक असंतुलन है, जहां भारत अमेरिका को अधिक निर्यात करता है और कम आयात करता है. रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने से यह संतुलन और भी प्रभावित हो सकता है. अमेरिका भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश करेगा, जिससे भारतीय निर्यातकों को नुकसान हो सकता है.
3. उपभोक्ताओं पर असर
भारतीय उपभोक्ताओं पर प्रभाव- यदि भारत अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाता है तो अमेरिकी उत्पाद जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन, हाई-एंड कपड़े और अन्य उपभोक्ता वस्तुएं महंगी हो सकती हैं. अमेरिकी उपभोक्ताओं पर प्रभाव: भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ने से अमेरिकी बाजार में उनकी कीमत बढ़ेगी, जिससे वहां मांग में कमी आ सकती है.
4. कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों पर असर
रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है. व्यापारिक विवादों को सुलझाने के लिए द्विपक्षीय वार्ता की आवश्यकता बढ़ेगी, जिससे कूटनीतिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं. यूएस-इंडिया ट्रेड डील पर असर पड़ सकता है, क्योंकि दोनों देशों को टैरिफ को लेकर नए सिरे से बातचीत करनी होगी.