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अमेरिका की यही मिसाइल बन सकती है तीसरे विश्‍व युद्ध की वजह, रूस के पास भी नहीं है इसकी काट

युक्रेन को युद्ध में अमेरिका ही बैलिस्टिक मिसाइल देकर मदद कर रहा है और बाइडन ने यूक्रेन को रूस के अंदर इस हथियार का उपयोग करने की अनुमति दे दी है. अमेरिका की बैलिस्टिक मिसाइल ATACMS कम दूरी वाली मिसाइल है. यह 375 पाउंट विस्फोट वारहोड के साथ 190 मील दूर स्थित दुश्मन के ठिकाने पर हमला कर सकती है. बता दें कि रूस और यूक्रेन 1000 से अधिक दिनों से युद्ध में उलझे हुए हैं.

अमेरिका की यही मिसाइल बन सकती है तीसरे विश्‍व युद्ध की वजह, रूस के पास भी नहीं है इसकी काट
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( Image Source:  canva )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 19 Nov 2024 6:50 PM IST

Ukraine-Russia War: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का हालिया फैसला साफ तौर पर अमेरिका के इरादे साफ झलक रहे हैं. इस फैसले से भड़के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने परमाणु हमले के नियम ही बदल डाले. उन्होंने ये साफ कर दिया कि रुस पर अगर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया जाता है, तो सहयोग करने वाले देश भी रुस के निशाने पर होंगे, चाहे वो अमेरिका ही क्यों नहीं हो.

दरअसल, युक्रेन को युद्ध में अमेरिका ही बैलिस्टिक मिसाइल देकर मदद कर रहा है और बाइडन ने यूक्रेन को रूस के अंदर इस हथियार का उपयोग करने की अनुमति दे दी है. रूस और यूक्रेन 1000 से अधिक दिनों से युद्ध में उलझे हुए हैं. आईए यहां हम बैलिस्टिक मिसाइल की खासियत पर एक नजर डालते हैं.

क्या है अमेरिका की बैलिस्टिक मिसाइल?

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की बैलिस्टिक मिसाइल ATACMS कम दूरी वाली मिसाइल है. यह 375 पाउंट विस्फोट वारहोड के साथ 300 किमी (186 मील) दूर स्थित दुश्मन के ठिकाने पर हमला कर सकती है. ये मिसाइलें आर्टिलरी रॉकेट की तुलना में वायमंडल में बहुत ऊपर उड़ने की क्षमता रखती है और उससे भी अधिक दूरी पर उड़ सकती है. गुरुत्वाकर्षण की वजह से बहुत तेज स्पीड से जमीन पर आती है.

क्या है ATACMS की खासियत?

ATCMS मिसाइलों को HIMARS मोबाइल लांचरों की मदद से आसानी से दागा जा सकता है. साथ ही पुराने M270 लांचरों की मदद से भी मिसाइल को दागा जा सकता है. बता दें कि इन मिसाइलों को ब्रिटेन और जर्मनी ने युद्ध का सामना कर रहे राष्ट्र को भेजा है. ATACMS लंबी दूरी तय करने की मिसाइल है लेकिन वे क्रूज मिसाइलों या अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों जितनी दूर तक नहीं जा सकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ATACMS को वर्ष 1980 में सोवियत लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लॉन्च किया गया था. अभी अमेरिका के पास दो ATACMS संस्करण हैं. एक क्लस्टर हथियार और दूसरा एकल विस्फोटक चार्ज वाला हथियार.

भारत आएंगे पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बहुत जल्द भारत दौरे पर आने वाले हैं. उनकी यात्रा को लेकर क्रेमलिन के प्रेस सचिव दिमित्र पेस्कोव ने बताया कि हम जल्द उनकी यात्रा की तारीखों के बारे में घोषणा करेंगे. यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के बाद पुतिन ने अब तक सिर्फ मंगोलिया और उत्तर कोरिया की यात्रा की है. लेकिन उनकी भारत यात्रा काफी अहम मानी जा रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस यात्रा से भारत और रूस के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.

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