तेहरान से तेल अवीव तक तबाही ही तबाही! ईरान-इजराइल की खौफनाक जंग में किसका नुकसान बड़ा?
तेहरान से तेल अवीव तक फैली इस खौफनाक जंग में ईरान को भारी नुकसान हुआ है. इजराइली हमलों में ईरान के रक्षा मंत्रालय, परमाणु ठिकानों और सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया गया, जिसमें 215 मौतें और सैकड़ों घायल हुए. वहीं, ईरान के जवाबी हमलों में इजराइल के कई शहरों में तबाही हुई, जिसमें अब तक 8 लोगों की मौत हुई है.

मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की आग में जल रहा है. 13 जून की रात इजराइल द्वारा ईरान की परमाणु और सैन्य प्रतिष्ठानों पर किए गए हमले के बाद से दोनों देशों के बीच टकराव ने गंभीर और विनाशकारी रूप ले लिया है. अब तक 48 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन हालात शांत होने के बजाय और भयावह हो गए हैं. आइए, समझते हैं इस संघर्ष में अब तक किसको कितना नुकसान हुआ है, और पूरी स्थिति क्या है.
निशाना बना ईरान का ‘नर्व सेंटर’
13 जून की रात इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान सहित कई अहम ठिकानों पर मिसाइल हमले किए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइली हमलों में तेहरान स्थित रक्षा मंत्रालय, परमाणु प्रयोगशाला, न्यूक्लियर हेडक्वार्टर और दो प्रमुख रिफाइनरी को निशाना बनाया गया। इन हमलों में ईरान के करीब 215 नागरिकों और सैन्य कर्मियों की मौत हुई, जबकि 648 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं.
इजराइल ने दावा किया है कि उसने ईरान के 20 से ज्यादा शीर्ष सैन्य अधिकारियों को मार गिराया है. आईडीएफ (इजराइल डिफेंस फोर्स) ने यह भी कहा कि उसने ईरान की "सिक्योरिटी चैन" को लगभग तबाह कर दिया है, जिससे उसके साइबर और सैन्य ऑपरेशनों में भारी व्यवधान आया है. ईरानी जवाबी कार्रवाई में भी जबरदस्त हमले देखने को मिले. पिछले 48 घंटों में ईरान ने कम से कम 6 से 7 मिसाइल बैराज और कई सुसज्जित ड्रोन लॉन्च किए हैं. इन हमलों का मुख्य निशाना तेल अवीव, हाइफा और तमरा जैसे इजराइली शहर रहे.
इन हमलों में कई मिसाइलें इजराइल के अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम को भेदते हुए शहरों तक पहुंचीं. रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक ईरानी हमलों में इजराइल में 8 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक घायल हैं. तमरा शहर में एक बैलिस्टिक मिसाइल हमले में एक व्यक्ति की मौत और 13 अन्य घायल हुए. जबकि शुक्रवार को हुए एक ड्रोन हमले में तेल अवीव स्थित एक आईडीएफ बेस को नुकसान पहुंचा, जिसे ईरान ने अपनी "बड़ी कामयाबी" बताया है.
दोनों देशों की प्रतिक्रिया और मौजूदा स्थिति
इजराइल और ईरान दोनों ने एक-दूसरे पर आक्रामक रुख जारी रखा है। इजराइल का कहना है कि यह कार्रवाई उसकी "नेशनल सिक्योरिटी" और "डिटेरेंस पावर" को बनाए रखने के लिए ज़रूरी थी. वहीं ईरान इसे "सीधी युद्ध घोषणा" मानते हुए कह रहा है कि जवाबी कार्रवाई अभी खत्म नहीं हुई है. दुनिया के कई देशों ने इस युद्ध को तुरंत रोकने की अपील की है, लेकिन जमीनी हालात इसके उलट हैं. यमन के हूथी विद्रोहियों ने भी ईरान का समर्थन करते हुए दावा किया है कि उन्होंने इजराइल पर ईरान के साथ मिलकर मिसाइलें दागी हैं.