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आ गया स्वाद! मोदी सरकार ने बांग्लादेश को दिया झटका, ट्रांस-शिपमेंट सुविधा पर लगा ताला, अब क्या करेंगे यूनुस?

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में खटास साफ़ तौर पर दिखाई देने लगी है. नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश ने पाकिस्तान से नज़दीकियाँ बढ़ाने और अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों को रोकने में उदासीनता दिखाई है, जिसके चलते भारत ने अब सख्त रुख अपनाते हुए एक और बड़ा झटका दिया है.

आ गया स्वाद! मोदी सरकार ने बांग्लादेश को दिया झटका, ट्रांस-शिपमेंट सुविधा पर लगा ताला, अब क्या करेंगे यूनुस?
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 9 April 2025 8:04 PM

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में खटास साफ़ तौर पर दिखाई देने लगी है. नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश ने पाकिस्तान से नज़दीकियाँ बढ़ाने और अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों को रोकने में उदासीनता दिखाई है, जिसके चलते भारत ने अब सख्त रुख अपनाते हुए एक और बड़ा झटका दिया है. भारत सरकार ने बांग्लादेश को दी गई उस विशेष ट्रांस-शिपमेंट सुविधा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है, जिसके तहत वह अपने माल को भारतीय भूमि सीमा शुल्क केंद्रों के ज़रिए तीसरे देशों तक भेज सकता था.

भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश को दी गई ट्रांस-शिपमेंट सुविधा को खत्म करने के पीछे कई अहम कारण हैं, जिनमें प्रमुख भूमिका भारतीय निर्यातकों की आपत्तियों की मानी जा रही है. विशेष रूप से परिधान उद्योग से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि इस सुविधा से उन्हें काफी नुकसान हो रहा था. AEPC (अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) के अध्यक्ष सुधीर सेखरी के अनुसार, प्रतिदिन 20–30 ट्रक बांग्लादेशी माल लेकर दिल्ली हवाई अड्डे तक पहुंचते हैं, जिससे एयरलाइनों को लाभ तो होता है, लेकिन भारतीय निर्यातकों को कार्गो स्थान की कमी, अधिक मालभाड़ा और भीड़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

AEPC के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि इस निर्णय से मालभाड़ा दरों में संतुलन आएगा, लागत घटेगी और हवाई अड्डों पर भीड़ कम होगी, जिससे निर्यात प्रक्रिया और अधिक कुशल होगी. GTRI (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने इस फैसले को बांग्लादेश की लॉजिस्टिक प्रणाली के लिए एक बड़ा झटका बताया, क्योंकि अब तक वह भारत के रास्ते सस्ता और तेज ट्रांजिट करता था. इसके असर से नेपाल और भूटान जैसे लैंडलॉक देशों के व्यापार पर भी असर पड़ सकता है.

श्रीवास्तव का यह भी मानना है कि बांग्लादेश द्वारा चीन के साथ मिलकर भारत के संवेदनशील 'चिकन नेक' क्षेत्र में रणनीतिक गतिविधियों की योजना इस फैसले की एक बड़ी वजह हो सकती है. हालांकि भारत ने वर्षों तक बांग्लादेश को व्यापारिक छूटें दीं और लगभग सभी उत्पादों पर शुल्क-मुक्त व्यापार की सुविधा दी थी. लेकिन हाल ही में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों और अंतरिम सरकार की निष्क्रियता ने भारत-बांग्लादेश संबंधों को कमजोर किया है, जिसका असर अब नीतिगत फैसलों में भी दिख रहा है.

नरेंद्र मोदी
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