सेक्स डॉल के चक्कर में पांच घंटे पर उलझी रही पुलिस, फिर ऐसे हुआ खुलासा
जर्मनी के रोस्टॉक शहर में एक शख्स को जंगल में अधजली महिला की लाश दिखी, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई, घबराए व्यक्ति ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद जांच दल, फोरेंसिक टीम, डॉग स्क्वॉड, ड्रोन और 3D स्कैनर के साथ मौके पर पहुंचा. पांच घंटे तक गहन जांच के बाद, जब एक अधिकारी ने 'लाश' को छुआ, तो सच्चाई सामने आई—यह कोई शव नहीं, बल्कि एक सेक्स डॉल थी. इसे जानबूझकर जलाकर जंगल में फेंका गया था.

जर्मनी के एक जंगल में शनिवार शाम एक शख्स को अधजली महिला की लाश दिखाई दी, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई. रोस्टॉक शहर में कुत्ता टहला रहे इस शख्स ने जब जंगल में यह भयावह नजारा देखा, तो घबराकर तुरंत पुलिस को सूचना दी. मामला गंभीर लगने के कारण पुलिस ने इसे हत्या का मामला मानते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी.
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मर्डर केस सुलझाने के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया. जांच दल में फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ-साथ डॉग स्क्वॉड को भी शामिल किया गया. पुलिस ने ड्रोन और 3D स्कैनर की मदद से इलाके को खंगालना शुरू कर दिया और संभावित सबूतों की तस्वीरें ली गईं. जांच के दौरान पूरे इलाके को घेरकर सील कर दिया गया ताकि किसी भी महत्वपूर्ण सुराग को सुरक्षित रखा जा सके.
पुलिस के पांच घंटे बर्बाद
जांच तेजी से आगे बढ़ रही थी और पांच घंटे बीत चुके थे, जब अचानक एक अधिकारी ने 'शव' को छूकर देखा. उसी समय पूरी हकीकत सामने आ गई—जिसे अधजली महिला की लाश समझा जा रहा था, वह असल में एक इंसान जैसी दिखने वाली सेक्स डॉल थी! पुलिस अधिकारियों के लिए यह चौंकाने वाली बात थी कि जिस केस को लेकर वे पूरी तरह गंभीर थे, वह असल में एक नकली शव निकला. यह सेक्स डॉल महिला के रूप में बनाई गई थी और इसे कुछ हिस्सों में जलाया गया था, फिर एक नीले बैग में डालकर जंगल में फेंक दिया गया था.
जांचकर्ताओं का मानना है कि किसी ने जानबूझकर इस डॉल को जलाने के बाद सार्वजनिक स्थान पर छोड़ दिया था, जिससे यह एक हत्या का मामला लगे. हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि ऐसा किसने और क्यों किया. इस घटना ने पुलिस को पांच घंटे तक व्यस्त रखा और संसाधनों का भी काफी इस्तेमाल किया गया. हालांकि, यह मामला हत्या का नहीं निकला, फिर भी पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर यह सेक्स डॉल जंगल में कैसे और क्यों पहुंची. यह घटना जर्मनी में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि इससे पहले भी कई बार नकली शवों को असली समझकर पुलिस को बुलाया गया है. लेकिन इस बार की घटना ने अधिकारियों को पूरी तरह से चौंका दिया और उनके पांच घंटे व्यर्थ चले गए.