हादसे में महिला के कटे कान को डॉक्टर्स ने पैर से जोड़ा, 10 घंटे चली इस सर्जरी के बारें जानें सब कुछ
चीन के शानडोंग प्रांत के जिनान शहर में एक फैक्ट्री वर्कर महिला, जिनका उपनाम सन है, अप्रैल 2025 में एक भयानक दुर्घटना का शिकार हुईं। काम के दौरान उनके बाल मशीन में फंस गए, जिससे उनका बायां कान पूरी तरह कटकर अलग हो गया। साथ ही सिर की स्कैल्प, गर्दन और चेहरे की त्वचा कई टुकड़ों में फट गई, जो जानलेवा थी.
चीन के डॉक्टरों ने एक महिला के कटे हुए कान को बचाने के लिए एक अनोखा और हैरान करने वाला ऑपरेशन किया है. यह घटना अप्रैल महीने में एक फैक्ट्री में हुई दुर्घटना से शुरू हुई, जब महिला के बाल मशीन में फंस गए और उसका बायां कान पूरी तरह से अलग हो गया. साथ ही उसके सिर की चमड़ी, गर्दन और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं, जो जानलेवा थी. महिला का नाम सन है, जब उसे अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने देखा कि सिर पर इतनी ज्यादा क्षति हुई है कि कान को तुरंत वापस जोड़ना नामुमकिन था.
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ब्लड सेल्स बुरी तरह खराब हो चुकी थीं, और अगर कान को ऐसे ही छोड़ देते तो वह मर जाता. इसलिए डॉक्टरों ने एक नया तरीका अपनाया. उन्होंने कान को अस्थायी रूप से महिला के दाहिने पैर के ऊपरी हिस्से पर लगा दिया. पैर की स्किन पतली होती है और वहां की ब्लड वेसल्स कान की वेसल्स से अच्छी तरह मैच करती हैं, इसलिए यह जगह चुनी गई.
10 घंटे से ज्यादा सर्जरी
इस ऑपरेशन में करीब 10 घंटे से ज्यादा समय लगा और बहुत बारीक माइक्रो सर्जरी करनी पड़ी. इसके बाद, सिर की चोट ठीक करने के लिए महिला के पेट से स्किन निकालकर सिर पर लगाई गई. ब्लड सर्कुलेशन रेस्टोरेड (बहाल) करने के लिए कई छोटी-छोटी सर्जरियां की गईं. पांच महीने तक कान पैर पर ही लगा रहा, ताकि वह जिंदा रहे और अच्छी तरह ठीक हो जाए. इस दौरान महिला को ढीले जूते पहनने पड़े ताकि कान को कोई नुकसान न पहुंचे.
असली जगह पर लग जाएगा कान
अक्टूबर में, जब सिर पूरी तरह ठीक हो गया, तो डॉक्टरों ने दूसरी सर्जरी की और कान को सफलतापूर्वक उसके असली जगह पर वापस लगा दिया. यह दुनिया का पहला ऐसा ऑपरेशन था. अब महिला अस्पताल से घर लौट चुकी है और वह ठीक हो रही है. अभी उसे कुछ और छोटे ऑपरेशन करवाने हैं, जैसे भौंहों को फिर से बनवाना और पैर पर बने निशान को कम करना. यह मामला रिकंसट्रक्टिव सर्जरी के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है. इससे भविष्य में ऐसी जटिल चोटों का इलाज आसान हो सकता है. डॉक्टरों की यह मेहनत और नई सोच सचमुच तारीफें काबिल है!





