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क्रिसमस पर बधाई या यूनुस को चेतावनी! बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ पहली बार बोली शेख हसीना

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से हटने के बाद पहली बार क्रिसमस की बधाई देते हुए अपने देश में माइनॉरिटी पर बढ़ते अत्याचार की चेतावनी दी है. हसीना ने अपने संदेश में यह भी कहा कि इन हालात में, देश को एकजुट करने के लिए मानवता के मूल्यों को अपनाने की जरूरत है.

क्रिसमस पर बधाई या यूनुस को चेतावनी! बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ पहली बार बोली शेख हसीना
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( Image Source:  ANI )

पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश में माइनॉरिटी की स्थिति पर आवाज उठाई है. सत्ता से हटने के बाद ईसाई समुदाय को क्रिसमस की बधाई देते हुए अपने देश में माइनॉरिटी के उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने अपने संदेश में कहा कि बांग्लादेश आज डिवीजन, नफरत और सांप्रदायिक तनाव (कम्युनल टेंशन)के दौर से गुजर रहा है.

“हसीना ने अपने संदेश में कहा- ईसा मसीह की शिक्षाएं मानवता और प्रेम का संदेश देती हैं. उनके आदर्श हमें क्षमा, दया और सभी के लिए एक बेहतर समाज बनाने की प्रेरणा देते हैं. लेकिन आज बांग्लादेश में स्थिति इससे बिल्कुल अलग है. माइनॉरिटी समुदायों का उत्पीड़न बढ़ रहा है और कम्युनल हार्मनी खतरे में है”.

ईसा मसीह के आदर्शों का महत्व

हसीना ने क्रिसमस पर अपने संदेश में ईसा मसीह के जीवन और उनकी शिक्षाओं को याद किया. उन्होंने कहा, "ईसा मसीह ने मानवता को प्रेम, दया और एकता का मार्ग दिखाया. उनके विचार आज भी लोगों को इंस्पायर करते हैं, खासकर जब समाज को विभाजनकारी ताकतों से बचाने की जरूरत हो."

उन्होंने आगे कहा, "यह क्रिसमस, जो ईसाई समुदाय के लिए सबसे बड़ा त्योहार है, हमें यह याद दिलाने का मौका देता है कि प्रेम से ही एक बेहतर दुनिया बनाई जा सकती है."

राजनीतिक उथल-पुथल के बीच माइनॉरिटी पर हमले

शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा की घटनाएं तेज हो गई हैं. अगस्त 2024 में उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के बाद सरकार गिरा दी गई, जिससे माइनॉरिटी और विपक्षी नेताओं पर हमलों की घटनाएं बढ़ गईं. हसीना ने अपने संदेश में यह भी कहा कि इन हालात में, देश को एकजुट करने के लिए मानवता के मूल्यों को अपनाने की जरूरत है.

मुहम्मद यूनुस ने भारत को लिखा लेटर

मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है. बांगलादेश ने इस पर भारत को एक लेटर भी लिखा है, जिसमें भारत मे जवाब दिया है कि 'नो कमेंट'. इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसका खुलासा किया और कहा कि फिलहाल नई दिल्ली के पास इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं है.

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