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ये कैसी है प्रभु तेरी लीला! बंजर रेगिस्तान में भी आई बाढ़, 50 साल बाद भारी बारिश से तबाही; देखें VIDEO

Sahara Desert flooded: दक्षिण-पूर्वी मोरक्को में दो दिनों से भारी बारिश हो रही है. इससे सहारा रेगिस्तान के कुछ हिस्सों में भयंकर बाढ़ आ गई. इस घटना को देखकर लोगों भविष्य का अंदाजा लगा सकते हैं. बदलते मौसम की मार तेजी से लोगों के जीवन पर देखने को मिल रही है.

ये कैसी है प्रभु तेरी लीला! बंजर रेगिस्तान में भी आई बाढ़, 50 साल बाद भारी बारिश से तबाही; देखें VIDEO
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Sahara Desert flooded
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 13 Oct 2024 6:47 PM IST

Sahara Desert flooded: मौसम बदल रहा और हवा का रूख कुछ और रहा. परिवर्तन ऐसा कि बंजर भुमी भी झील में बदल रही है. दक्षिण-पूर्वी मोरक्को में दो दिनों की भारी बारिश के बाद सहारा रेगिस्तान के कुछ हिस्सों में भयंकर बाढ़ आ गई, जिसकी तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल होने के साथ ही सभी को आश्चर्य कर रही है.

मोरक्को में आई यह बारिश क्षेत्र के सामान्य औसत से अधिक थी. मोरक्को की राजधानी रबात से 450 किलोमीटर दक्षिण में स्थित टैगौनाइट गांव में सितंबर के दौरान सिर्फ़ 24 घंटों में 100 मिमी की असाधारण बारिश दर्ज की गई, जिससे क्षेत्र के मौसम के पैटर्न में काफ़ी बदलाव आया है. इरिकि झील एक प्रसिद्ध झील है जो आधी सदी से सूखी थी. यह अब पूरी तरह से पानी से भर चुकी है.

जहां नहीं होती बारिश, वहां आई बाढ़

दक्षिण-पूर्वी मोरक्को में आमतौर पर गर्मियों के आखिर में बहुत कम या बिलकुल भी बारिश नहीं होती है. हालांकि, सितंबर में कई इलाकों में दो दिन की बारिश वार्षिक औसत से ज़्यादा रही, जहां हर साल 250 मिलीमीटर से भी कम बारिश होती है. मोरक्को के मौसम विज्ञान महानिदेशालय के हुसैन योआबेब ने कहा, '30 से 50 साल बाद हमने इतने कम समय में इतनी अधिक बारिश देखी है.'

बाढ़ ने 20 से अधिक लोगों को बनाया शिकार

भारी बारिश ने क्षेत्र में त्रासदी भी ला दी, जिससे मोरक्को और अल्जीरिया में 20 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई और किसानों की फसलें तबाह हो गईं. इसके अलावा दक्षिण-पूर्वी मोरक्को में बांध वाले जलाशयों में सितंबर के महीने में अभूतपूर्व रूप से फिर से भरने की दर देखी गई.

वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

9 मिलियन वर्ग किलोमीटर से ज़्यादा क्षेत्र में फैले सहारा रेगिस्तान को ग्लोबल वार्मिंग से जुड़ी मौसम के बदलाव से बढ़ते खतरे का सामना करना पड़ रहा है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बढ़ते तापमान के कारण तेज़ और अप्रत्याशित हाइड्रोलॉजिकल चक्र के कारण भविष्य में इस परिणाम के तूफ़ान अधिक बार आ सकते हैं.

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