सीजफायर के चक्कर में खुद उलझ गए सरपंच साहब! जब ट्रंप ने पुतिन की इस डिमांड को जेलेंस्की को बताया तो मिला ये जवाब
Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप 22 अगस्त से पहले पुतिन और जेलेंस्की से बात कर सकते हैं. इस बैठक का उद्देश्य रूस और यूक्रेन के बीच चलाे आ रहे युद्ध पर विराम लगाया है. हालांकि यूक्रेन ने रूस की मांग मानने से साफ इनकार कर दिया है.
Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त करने की पूरी ताकत लगाते नजर आ रहे हैं. वह चाहते हैं कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और वलोडिमिर जेलेंस्की उनकी बात मान जाएं. अब जानकारी सामने आई कि ट्रंप 22 अगस्त से पहले पुतिन और जेलेंस्की से बात कर सकते हैं.
अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच की त्रिपक्षीय बैठक वाशिंगटन में हो सकती है. अलास्का में पुतिन के साथ शिखर समिट के बाद, ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं के सामने एक योजना प्रस्तावित की. इसमें युद्धविराम और सुरक्षा गारंटी के बदले में डोनबास जैसे मुद्दे शामिल थे.
अपनी मांग पर अड़ा रूस
ट्रंप पुतिन की लंबे समय से बातचीत चली आ रही है. पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन से डोनबास ले लिया जाए. ट्रंप इस मांग का समर्थन कर रहे हैं. अगर रूस की मांग मान ली तो मास्को जापोरिज्जिया और खेरसॉन इलाकों में अपने युद्ध को रोक देगा. हालांकि बैठक में यूक्रेन इस मांग को मानता है या नहीं ये देखना लायक होगा. फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि पुतिन ने ट्रंप से कहा कि अगर उनकी मांगें मान ली गईं तो वे लड़ाई रोक सकते हैं.
जेलेंस्की का बयान
जेलेंस्की ने स्पष्ट किया है कि वह कोई भी क्षेत्रीय रियायत स्वीकार नहीं करेंगे. हालांकि वह वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन का संविधान ऐसा करने से रोकता है और चेतावनी दी है कि डोनबास को आगे रूसी आक्रमण के लिए लॉन्चपैड के रूप में इस्तेमाल किया गया है.
शनिवार को जेलेंस्की और ट्रंप की फोन पर बातचीत हुई. जेलेंस्की ने कहा, दोनों सोमवार को व्हाइट हाउस में मिलेंगे और युद्ध समाप्त करने के मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
ट्रंप और पुतिन की बैठक
अगस्त 15, 2025 को अलास्का के जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ‑रिचर्डसन में ट्रंप और पुतिन की बैठक हुई. यह बैठक करीब ढाई घंटे चली, लेकिन कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया. ट्रम्प ने बताया कि रूस ने यूक्रेन की सुरक्षा की जरूरत पर सहमति जताई, लेकिन युद्ध को समाप्त करने हेतु क्षेत्रीय रियायत पर कोई फाइनल डील नहीं हुई. पुतिन ने कहा कि अगर ट्रंप ही 2022 में अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो शायद यह युद्ध शुरू ही नहीं होता.





