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कितना खतरनाक है S-500 एयर डिफेंस सिस्टम, जो जिगरी भारत को देना चाहता है रूस? पाक से टेंशन के बीच यार बना ढाल

पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमलों को भारत ने अपने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम से सफलतापूर्वक नाकाम किया. अब रूस ने अपने करीबी मित्र भारत को इससे भी उन्नत S-500 एयर डिफेंस सिस्टम की पेशकश की है. रूस चाहता है कि भारत हर संभावित खतरे से सुरक्षित रहे—चाहे वह पारंपरिक हवाई हमले हों या आधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइलें.

कितना खतरनाक है S-500 एयर डिफेंस सिस्टम, जो जिगरी भारत को देना चाहता है रूस? पाक से टेंशन के बीच यार बना ढाल
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सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 12 May 2025 11:31 AM IST

दोस्त संकट में हो और जिगरी सामने न आए... भाई ये तो असंभव है. हाल में ही नापाक पाकिस्तान के हर वार को एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने हवा में मार गिराया, लेकिन अब रूस जिगरी भारत को और भी सुरक्षित देखना चाहता है. रूस चाहता है कि उसके मित्र पर किसी की भी बुरी नजर न हो. यही कारण है कि रूस ने भारत को S500 एयर डिफेंस सिस्टम की पेशकश की, पलक झपकते दुश्मनों के हर वार को फूस्स कर देगा.

पाकिस्‍तान के साथ मौजूदा तनाव में भारत के सुदर्शन चक्र यानी एयर डिफेंस सिस्‍टम S-400 खूब चर्चा में रहा. लेकिन अब रूस ने उससे भी बड़ा ऑफर भारत को दे दिया है. दुनिया के सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्‍टम S-500 के ज्‍वाइंट प्रोडक्‍शन का ऑफर रूस ने भारत को दिया है. रूस ने अपने इस S500 एयर डिफेंस सिस्टम से युक्रेन के हमले के अपने देश की रक्षा कर चुका है और अब चाहता है कि भारत भी उतनी ही सुरक्षित रहे.

कितना खतरनाक है S-500 एयर डिफेंस सिस्टम?

S-400 से कहीं आगे S-500

S-500 को रूस की रक्षा कंपनी Almaz-Antey ने विकसित किया है, जिसे S-400 Triumf प्रणाली का नेक्सट जेनेरेशन माना जा रहा है. यह प्रणाली पारंपरिक हवाई लक्ष्यों के साथ-साथ हाइपरसोनिक और बैलिस्टिक मिसाइलों को भी निशाना बना सकती है.

  • हवाई लक्ष्यों के लिए अधिकतम रेंज: लगभग 600 किमी
  • बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्शन रेंज: 500 किमी तक
  • टारगेट की ऊंचाई: 200 किमी तक (लगभग निचली कक्षा के उपग्रहों तक)

हाइपरसोनिक खतरों का दुश्मन – मात्र 3 सेकंड में रिएक्शन

S-500 की सबसे खास बात यह है कि यह Mach 5 से अधिक गति से उड़ने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी रोक सकता है. इसकी प्रतिक्रिया समय मात्र 3-4 सेकंड है, जो इसे किसी भी हाई स्पीड, हाई हाइट वाले खतरे का तुरंत जवाब देने में सक्षम बनाती है. यह प्रणाली एक साथ 10 बैलिस्टिक टारगेट्स को ट्रैक और इंटरसेप्ट कर सकती है, जिनकी गति 7 किमी/सेकंड (करीब 25,000 किमी/घंटा) तक हो सकती है.

टेक्नोलॉजी से भरपूर

S-500 प्रणाली में उन्नत रडार सिस्टम 91N6A(M) एक्विजिशन रडार और 96L6-TsP मल्टीफंक्शनल रडार शामिल है. ये सिस्टम स्टील्थ एयरक्राफ्ट और कम विजीवलिटी वाले लक्ष्यों को भी ट्रैक करने की क्षमता रखते हैं, जो पारंपरिक वायु रक्षा प्रणालियों के लिए बड़ी चुनौती रहे हैं. यह प्रणाली S-400, S-300 और Pantsir-S1 जैसे मौजूदा रूसी डिफेंस सिस्टम के साथ मिलकर लेयर्ड डिफेंस नेटवर्क बनाती है.

कहीं भी और कभी भी तैनाती

S-500 को एक मोबाइल व्हील्ड चेसिस पर लगाया गया है, जिससे इसे युद्ध क्षेत्र में तेजी से तैनात और ट्रांसफर किया जा सकता है. साथ ही इसे रूस के स्पेस-बेस्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम के साथ इंटीग्रेटेड किया गया है, जो अंतरिक्ष से ही संभावित खतरों का पता लगाकर रक्षा को और अधिक शक्तिशाली बनाता है.

विशेषज्ञ मानते हैं कि S-500 Prometheus से रूस को नए रक्षा सौदे हासिल करने और अपने सैन्य सहयोगियों के साथ संबंध मजबूत करने में मदद कर सकती है. यह प्रणाली उन देशों के लिए आकर्षण बन सकती है जो खुद को बदलते वैश्विक सुरक्षा परिवेश में मजबूत करना चाहते हैं.

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