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रूस में नहीं टला अभी खतरा! 600 साल बाद क्रैशेनिनिकोव ज्वालामुखी में हुआ विस्फोट, क्या फिर से हिलेगी धरती?

Russia Earthquake: रूस के ब्रांताव नागपुर में 600 साल बाद क्रैशेनिनिकोव ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ. विस्फोट से 6,000 मीटर तक राख का फैला काला गुबार ऊपर उठा, जबकि स्वयं ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 1,856 मीटर थी. प्रशासन ने इस घटना को ऑरेंज विमानन चेतावनी के तौर पर देख रही है, जिससे आसमान में उड़ते विमानों के लिए उच्च जोखिम खड़ा हुआ माना जाता है.

रूस में नहीं टला अभी खतरा! 600 साल बाद क्रैशेनिनिकोव ज्वालामुखी में हुआ विस्फोट, क्या फिर से हिलेगी धरती?
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( Image Source:  @WeatherMonitors )

Russia Earthquake: पिछले सप्ताह रूस के कामचटका में 8.8 तीव्रता के साथ भूकंप के झटके महसूस किए गए. इससे काफी तबाही मचाई और कई लोगों की जान चली गई. भूकंप ने लोगों के बसे-बसाए घर को भी तबाह कर दिया. अभी भी रूस में खतरा डला नहीं है. अभी भी भूकंप आ सकता है. इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

मॉस्को के सरकारी समाचार RIA और वैज्ञानिकों ने रविवार को बताया कि ब्रांताव नागपुर के क्रैशेनिनिकोव ज्वालामुखी में रातों-रात विस्फोट हुआ. 600 सालों के ऐसा हुआ है. रूस के उत्तरी क्षेत्र में रविवार दोपहर पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से करीब 282 किमी दूर उत्तरी प्रशांत महासागर में 7.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया.

भूकंप की तीव्रता काफी अधिक होने के कारण झटकों को बड़े क्षेत्र में महसूस किया गया. फिलहाल किसी तरह की जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है, और सुनामी की कोई चेतावनी भी जारी नहीं की गई है. संबंधित भूकंप विज्ञान संस्थान स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.

रूस में फटा ज्वालामुखी

क्रैशेनिनिकोव ज्वालामुखी में विस्फोट होने के बाद, प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. इसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. रूसी सरकारी मीडिया की ओर से पेश किए गए फुटेज में क्रैशेनिनिकोव ज्वालामुखी से राख का बड़ा सा गुबार निकल रहा है. इससे पहले यह 1550 में फटा था. कुछ का अंदाजा है कि 600 सालों बाद यह घटना घटी है.

जानें क्रैशेनिनिकोव ज्वालामुखी के बारे में

क्रैशेनिनिकोव को कामचटका में सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी माना जाता है. कामचटका के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि क्रैशेनिनिकोव विस्फोट से 6,000 मीटर तक राख का फैला काला गुबार ऊपर उठा, जबकि स्वयं ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 1,856 मीटर थी. राख की धुआं पूर्व की ओर, प्रशांत महासागर की ओर बहा, लेकिन उस रास्ते में कोई बसा हुआ क्षेत्र मौजूद नहीं था. रूस के मंत्रालय ने टेलीग्राम पर लिखा, राख का बादल पूर्व की ओर, प्रशांत महासागर की ओर बढ़ रहा है. रास्ते में कोई भी भारी आबादी वाला इलाका नहीं है.

प्रशासन ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

प्रशासन ने इस घटना को ऑरेंज विमानन चेतावनी के तौर पर देख रही है, जिससे आसमान में उड़ते विमानों के लिए उच्च जोखिम खड़ा हुआ माना जाता है. बता दें कि वर्तमान में वैज्ञानिक इस पर ध्यान दे रहे हैं कि कैसे एक ऐतिहासिक भूकंप गहरी पृथ्वी संरचनाओं को प्रभावित कर एक ऐसे ज्वालामुखी को सक्रिय कर सकता है जो शताब्दियों से शांत पड़ा था.

यह घटना भू‑भौतिकीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और कामचटका जैसे क्षेत्र को भूकंपीय-सक्रिय Pacfic Ring of Fire में शामिल करता है. यह विस्फोट न केवल भूकंपीय इतिहास का एक नया अध्याय जोड़ता है बल्कि वैश्विक मौसम, विमानी सुरक्षा व अस्थिर जलवायु संबंधित एक्टिविटीज को भी प्रभावित कर सकता है.

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