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खालिस्तानियों का विरोध करने वाले सुखी चहल कौन? संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत

Who Was Sukhi Chahal: कैलिफोर्निया में 'The Khalsa Today' के संस्थापक और CEO सुखी चहल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. चहल अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन D.C. में 17 अगस्त को होने वाले 'Khalistan Referendum' कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे, उससे पहले ही उनका निधन हो गया.

खालिस्तानियों का विरोध करने वाले सुखी चहल कौन? संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत
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( Image Source:  @SubratUpadhyay4 )

Who Was Sukhi Chahal: अमेरिकी के कैलिफोर्निया में भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन और समुदाय नेता सुखी चहल की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई. शनिवार (2 अगस्त) को वह अपने दोस्त के घर डिनर पर गए थे, तभी अचानक तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद अस्पताल लेकर गए, वहां उन्होंने दम दौड़ दिया.

सुखी चहल 'The Khalsa Today' के संस्थापक और CEO थे. उनकी आकस्मिक और संदिग्ध मृत्यु ने वैश्विक प्रवासी समाज और अंतरराष्ट्रीय एंटी खालिसतानी संगठन में हड़कंप मचा दिया.

कौन थे सुखी चहल?

सुखी चहल का जन्म पंजाब के मानसा में हुआ था. उन्होंने लुधियाना के गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद 1992 में अमेरिका आकर Stanford और UC Berkeley से Executive Courses किया. वह सिलिकॉन वैली की टॉप टेक कंपनियों में वरिष्ठ पदों पर रहते हुए उन्होंने Punjab Foundation नामक एक गैर-लाभकारी संस्था स्थापित की, जो आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों की शिक्षा को समर्पित है.

चहल ने The Khalsa Today चैनल के माध्यम से कट्टरपंथी आंदोलनों के खिलाफ अपने विचार रखे. भारतीय व अमेरिकी विधायकों के साथ मिलकर उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों और भारतीय-प्रवासी समुदाय की सशक्त भागीदारी को बढ़ावा दिया. उन्होंने सार्वजनिक मंचों पर हमेशा घरेलू कानून का सम्मान करने और उच्च आदर्शों का पालन करने का संदेश दिया. हाल ही में उन्होंने X पोस्ट में लिखा था कि संयुक्त राज्य एक कानून का पालन करने वाला देश है. अगर कोई विदेशी आपराधिक गतिविधियों में संलग्न होता है तो वीजा रद्द हो सकता है और आजीवन प्रतिबंध हो सकता है.

कैसे हुई मौत?

चहल के खास दोस्त जसपाल सिंह ने बताया कि हम पिछले कुछ दिनों में एक-दूसरे से बातचीत कर चुके थे, वे पूरी तरह स्वस्थ लगते थे, लेकिन यह अचानक निधन खासकर उस समय हमें पूरी तरह हैरान कर गया और संदेह पैदा कर गया. चहल अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन D.C. में 17 अगस्त को होने वाले 'Khalistan Referendum' कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे, उससे पहले ही उनका निधन हो गया.

कार्यक्रम खिलाफ वे लगातार मुखर विरोध कर रहे थे. कैलिफोर्निया में बसे उनके सहयोगी बूटा सिंह कालर कहते हैं, चहल एक ऐसी आवाज थे जिन्होंने चरमपंथ के खिलाफ कभी पीछे नहीं झुके, खतरे में भी उनका हौसला अडिग रहा. उनकी मौत के समय को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

पुलिस ने शुरू की जांच

चहल की मौत की खबर सुनकर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी. उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, लेकिन अभी तक मौत का कारण नहीं बताया गया है. अधिकारी प्राकृतिक कारणों की संभावना से इनकार नहीं कर रहे, समुदाय विशेष पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है, क्योंकि चहल पहले से ही राजनीतिक रूप से हाई‑रिस्क प्रोफ़ाइल वाले नेता थे.

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