क्या ट्रूडो को भारत से रिश्ते खराब करने की चुकानी पड़ेगी कीमत? पार्टी के नेताओं ने ही दे दिया अल्टीमेटम
India-Canada tensions: भारत से बिगड़ते संबंधों के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कुर्सी पर खतरा बढ़ता जा रहा है. ट्रूडो के खिलाफ पार्टी के अंदर से आवाज उठने लगी है, जिसमें 24 सांसदों ने उनसे पार्टी प्रमुख पद छोड़ने की मांग की है और 28 अक्टूबर तक इस्तीफा देने का समय दिया है.

India-Canada tensions: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपने नौ साल के कार्यकाल की सबसे गंभीर राजनीतिक चुनौतियों में से एक का सामना कर रहे हैं. भारत के साथ सीधी दुश्मनी करना अब उन्हें भारी पड़ रहा है. अपनी देश की समस्याओं को दबाने के लिए भारत के साथ बैर करने और कनाडा के आम नागरिकों का ध्यान भटकाने का उनका आइडिया फेल होता दिख रहा है. यही नहीं उनके सांसदों ने उन्हें पद छोड़ने की अल्टीमेटम भी दे दिया है.
जस्टिन ट्रूडो जिस पार्टी के तले प्रधानमंत्री बन बैठे हैं, अब उसी लिबरल पार्टी के असंतुष्ट सदस्यों ने बुधवार को बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान अपनी निराशा व्यक्त की है. रिपोर्टों के मुताबिक, 24 सांसदों ने ट्रूडो से 28 अक्टूबर तक इस्तीफा देने का आग्रह करने वाले एक पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उनके नेतृत्व और चुनाव में पार्टी की खराब स्थिति से असंतुष्टि का हवाला दिया गया. कई सांसदों ने अगले चुनाव से पहले बदलाव की मांग की, जो अक्टूबर 2025 तक होना चाहिए.
चुनाव में हार के बाद इस्तीफे की मांग बढ़ी
अब ट्रूडो के पास दो ऑप्शन है- एक तो पार्टी और अपनी इमेज में सुधार लाना और दूसरा अपने समर्थक और सांसदों को अपने पाले करना. अगर ये करने में वह जीत हासिल कर लेते हैं, तो आने वाला समय उनके लिए आसान होगा. लेकिन ये इतना आसान होता दिख नहीं रहा है, क्योंकि ट्रूडो ने इन दोनों ऑप्शन को छोड़कर भारत को बदनाम करने का रास्ता चुना है.
जून और सितंबर 2024 में हुए उपचुनावों में लिबरल पार्टी ने अपनी दो सबसे सुरक्षित संसदीय सीटें हारने के बाद ट्रूडो के पद छोड़ने की मांग ने जोर पकड़ लिया है. कई सांसद अगले चुनाव की तैयारी की कमी को लेकर चिंतित हैं. खासकर तब जब मतदान के आंकड़ों से पता चलता है कि वह लिबरल्स कंजर्वेटिव से पीछे हैं. कई सांसदों ने संकेत दिया है कि अगर ट्रूडो पीएम पद पर बने रहे तो वे अगले चुनाव में भाग नहीं लेंगे.
ट्रूडो को अपनी पार्टी के भीतर से बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए अगले कुछ दिन महत्वपूर्ण होंगे. लिबरल एमपी वेन लॉन्ग इस साल की शुरुआत में ट्रूडो के इस्तीफे की मांग करने वाले पहले लोगों में से एक थे. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि उन्हें अभी भी पद छोड़ने की जरूरत है.' सांसद सीन केसी ने भी ट्रूडो को जल्द ही कोई निर्णय लेने की आवश्यकता जताई.