PM मोदी की BRICS में फटकार- आतंकवाद पर 'चुप समर्थन' भी गुनाह के बराबर! पहलगाम हमला भारत पर नहीं पूरी मानवता पर
PM नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बिना किसी देश का नाम लिए आतंकवाद पर दोहरे मापदंड अपनाने वालों को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की निंदा सुविधा नहीं बल्कि सिद्धांत होना चाहिए. मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि आतंकवाद पर 'चुप समर्थन' भी अपराध के बराबर है और पीड़ितों और आतंक के समर्थकों को एक तराजू से तौलना मानवता के साथ धोखा होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 17वें BRICS सम्मेलन के मंच से आतंकवाद को लेकर दुनिया को स्पष्ट और सख्त संदेश दिया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की निंदा किसी देश की सुविधा या राजनीति के अनुसार नहीं, बल्कि सिद्धांतों के आधार पर होनी चाहिए. पीएम मोदी ने अपने भाषण में किसी देश या नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन यह बयान हाल ही में पाकिस्तान सेना प्रमुख से मुलाकात करने वाले एक पश्चिमी नेता पर परोक्ष रूप से कटाक्ष माना जा रहा है.
सम्मेलन के 'शांति, सुरक्षा और वैश्विक शासन में सुधार' सत्र में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने आतंकवाद पर दोहरा मापदंड अपनाने वालों को कड़ी चेतावनी दी। मोदी ने स्पष्ट किया कि अगर हम आतंकवाद पर शब्दों और कर्मों में भेद करेंगे, तो यह मानवता से विश्वासघात होगा, आतंकवाद की निंदा सिद्धांत होनी चाहिए, सुविधा नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद की निंदा हमारा सिद्धांत होना चाहिए, सुविधा नहीं. अगर हम पहले यह देखने लगें कि हमला किस देश में हुआ, किसके खिलाफ हुआ, तो यह मानवता से धोखा होगा.
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए. आतंक के शिकार और समर्थन करने वालों को एक तराजू में नहीं तोला जा सकता. राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद को मौन सहमति देना, समर्थन देना या आतंकवादियों को बढ़ावा देना किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकता. मोदी का दो टूक सवाल: क्या हम आतंकवाद के खिलाफ वास्तव में गंभीर हैं?
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने एक अहम सवाल उठाया कि अगर हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी बात और कार्रवाई में अंतर रखते हैं, तो यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या हम इस लड़ाई के प्रति वाकई गंभीर हैं?" उन्होंने आतंकवाद पर प्रतिबंधों और वैश्विक स्तर पर साझा नीति की आवश्यकता पर बल दिया.
BRICS का कड़ा रुख: पहलगाम आतंकी हमले की निंदा
BRICS देशों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और भारत के 'जीरो टॉलरेंस' रुख को समर्थन दिया. नेताओं ने 'रियो डि जेनेरो घोषणा पत्र' जारी कर आतंकवाद, पश्चिम एशिया की स्थिति, व्यापार और टैरिफ से जुड़े अहम मुद्दों पर साझा रुख अपनाया. घोषणा पत्र में कहा गया कि "हम जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हम आतंकवाद के लिए ज़ीरो टॉलरेंस की मांग करते हैं और इसे रोकने के लिए दोहरे मापदंडों को खारिज करते हैं.
सोशल मीडिया पर भी दोहराया भारत का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी भारत की भूमिका स्पष्ट की. उन्होंने लिखा कि BRICS शिखर सम्मेलन में 'शांति, सुरक्षा और वैश्विक शासन में सुधार' सत्र में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया, आखिरकार, विश्व शांति और सुरक्षा हमारे साझा हितों और भविष्य की नींव हैं.