गाजा में अब शांति! डोनाल्ड ट्रंप बोले- युद्ध हुआ ख़त्म, इजरायल-हमास जल्द करेंगे कैदियों की अदला बदली
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि गाजा में चल रहा युद्ध अब समाप्त हो गया है. इजरायल और हमास के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते पर सहमति बन गई है, जिसके तहत कैदियों और बंधकों की अदला-बदली जल्द होगी. मिस्र के शर्म अल शेख में आयोजित पीस समिट में 20 से अधिक देशों के नेता शामिल हुए, जिनमें भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह भी मौजूद रहे. ट्रंप ने कहा कि “अब यहूदी हों या मुसलमान, सभी खुश हैं.” यह समझौता पश्चिम एशिया में स्थायी शांति की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. गाजा में अब गोलियों की जगह उम्मीद की आवाज गूंज रही है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक बयान देते हुए कहा कि गाजा में जारी युद्ध अब समाप्त हो गया है. उन्होंने बताया कि इजरायल और हमास के बीच बंधकों और कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बन गई है. ट्रंप ने कहा, “अब हर कोई खुश है. यहूदी हों या मुसलमान, अरब देश हों या पश्चिमी राष्ट्र. दुनिया शांति की ओर बढ़ रही है.”
ट्रंप ने कहा कि यह समझौता सिर्फ इजरायल और हमास के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए राहत की खबर है. उन्होंने बताया कि अमेरिका, मिस्र, सऊदी अरब और अन्य अरब देशों के नेता इस डील में शामिल हैं. ट्रंप ने कहा, “हम मिस्र जा रहे हैं, जहां हम शक्तिशाली और समृद्ध देशों के नेताओं से मिलेंगे ताकि यह शांति समझौता स्थायी हो सके.”
लोग थक चुके हैं हिंसा से
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह युद्धविराम स्थायी रहेगा, तो ट्रंप ने आत्मविश्वास के साथ कहा, “मुझे यकीन है कि यह कायम रहेगा. लोग अब हिंसा से थक चुके हैं. वे अब सुकून और विकास चाहते हैं.” यह बयान संकेत देता है कि अमेरिका मध्य पूर्व में अपनी शांति-स्थापना की भूमिका को और मजबूत करना चाहता है.
मिस्र में विश्व नेताओं की शांति बैठक
मिस्र के लोकप्रिय रिसॉर्ट शहर शर्म अल शेख में “पीस समिट” का आयोजन किया गया, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता शामिल हुए. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के अलावा भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने भी इसमें भाग लिया. इस समिट का मकसद सिर्फ गाजा में शांति बहाल करना नहीं, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया में स्थायी स्थिरता लाना है.
हमास की सहमति लेकिन शर्तें बाकी
हालांकि इजरायल ने ट्रंप की “पीस डील” को पूरी तरह स्वीकार कर लिया है, लेकिन हमास ने कुछ शर्तों पर असहमति जताई है. संगठन ने गाजा की सत्ता छोड़ने के संकेत तो दिए हैं, पर हथियार छोड़ने से साफ इनकार कर दिया है. यह बिंदु भविष्य में शांति प्रक्रिया की सबसे बड़ी चुनौती बन सकता है.
बंधकों की रिहाई से खुलेगी उम्मीद की खिड़की
समझौते के तहत हमास सोमवार तक 20 जीवित इजरायली बंधकों को रिहा करेगा, जबकि 28 मृतकों के शवों की वापसी में समय लग सकता है. इसके बदले इजरायल करीब 2000 फलस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा. यह अदला-बदली दोनों पक्षों के बीच भरोसा कायम करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
ट्रंप के दूतों की सक्रिय भूमिका
ट्रंप ने इस शांति प्रक्रिया के लिए अपनी बेटी इवांका ट्रंप, दामाद जैरेड कुश्नर, और विशेष दूत स्टीव विटकाफ को सीधे तौर पर जिम्मेदारी दी. विटकाफ ने गाजा का दौरा किया और स्थानीय हालात की समीक्षा की थी. अमेरिकी टीम की सक्रिय भागीदारी ने इस समझौते को संभव बनाने में अहम भूमिका निभाई.
गाजा की गलियों में लौटती जिंदगी
गाजा में अब धीरे-धीरे जीवन पटरी पर लौटने लगा है. लोग अपने खंडहर हो चुके घरों की ओर लौट रहे हैं, भले ही उनमें सिर्फ राख और टूटे दीवारें बची हैं. राहत शिविरों में अभी भी हजारों लोग हैं, लेकिन उम्मीद की एक नई किरण दिख रही है क्योंकि अब वहां गोलियों की जगह शांति की आवाज़ गूंज रही है.