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भारत अब अकेला नहीं... QUAD की चेतावनी से पाकिस्तान के होश उड़े, कहा- आतंक के गढ़ में घुसेंगे और खत्म करेंगे

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ खड़े होकर कड़ा संदेश दिया है. क्वाड देशों ने संयुक्त बयान में हमले की निंदा करते हुए जिम्मेदारों को सजा दिलाने की मांग की. भारत के ऑपरेशन सिंदूर को भी आत्मरक्षा का सही कदम माना गया. विदेश मंत्री जयशंकर ने इसे ‘इकोनॉमिक वॉरफेयर’ करार दिया.

भारत अब अकेला नहीं... QUAD की चेतावनी से पाकिस्तान के होश उड़े, कहा- आतंक के गढ़ में घुसेंगे और खत्म करेंगे
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 2 July 2025 8:00 AM IST

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर क्वाड देशों अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने संयुक्त रूप से कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि इस हमले के जिम्मेदार आतंकियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए. यह पहली बार है जब क्वाड जैसे सामरिक मंच ने भारत के घरेलू आतंकी हमले पर इतनी स्पष्टता और मजबूती से अपनी बात रखी है.

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस हमले को सिर्फ मानवता पर हमला नहीं, बल्कि भारत की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था पर सुनियोजित हमला बताया. उन्होंने कहा कि पहलगाम की बैसरन घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाकर आतंकी भारत की छवि और आर्थिक समृद्धि को चोट पहुंचाना चाहते थे. यह आतंकवाद का एक नया चेहरा है- 'इकोनॉमिक वॉरफेयर.' भारत सरकार अब इसे केवल सुरक्षा का नहीं, बल्कि आर्थिक रणनीति से जुड़ा मसला मानकर कार्रवाई कर रही है.

ऑपरेशन सिंदूर था भारत का तीखा जवाब

पहलगाम आतंकी हमले के महज 15 दिनों बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया. इस ऑपरेशन ने भारत की बदलती सैन्य नीति पर फोकस करते हुए कहा कि अब सिर्फ जवाब नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई की जाएगी. क्वाड देशों ने इस आत्मरक्षात्मक कार्रवाई पर भारत के रुख को जायज बताया है और आतंक के खिलाफ वैश्विक सहयोग की बात दोहराई है.

वाशिंगटन में द्विपक्षीय और सामरिक मुलाकातों की झड़ी

विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अमेरिका यात्रा के दौरान क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में यह मुद्दा प्रमुख रूप से उठा. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के साथ जयशंकर ने भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग, इंडो-पैसिफिक सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबले पर गंभीर बातचीत की. इन बैठकों में भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह आतंक के खिलाफ वैश्विक मोर्चा बनाने में अग्रणी भूमिका निभाना चाहता है.

पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय घेराव का संदेश

इस हमले के पीछे पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों की संलिप्तता सामने आने के बाद भारत की रणनीति अब केवल सैन्य नहीं, बल्कि कूटनीतिक भी हो गई है. क्वाड का समर्थन, अमेरिका के साथ सामरिक साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की घेराबंदी भारत की स्पष्ट नीति का हिस्सा बन रही है. एस. जयशंकर ने कहा कि 'भारत न्यूक्लियर ब्लैकमेल से डरने वाला देश नहीं है'. इस संदेश ने साफ कर दिया है कि अब भारत रक्षात्मक मोड में नहीं रहेगा.

वैश्विक समर्थन से बढ़ी भारत की कूटनीतिक ताकत

पहलगाम हमले पर क्वाड देशों की सामूहिक प्रतिक्रिया भारत की बढ़ती कूटनीतिक ताकत का संकेत है. जहां पहले ऐसे आतंकी हमलों पर केवल निंदा तक सीमित प्रतिक्रिया मिलती थी, अब वैश्विक मंचों से ठोस समर्थन सामने आ रहा है. इससे पाकिस्तान पर दबाव और भारत को सामरिक व कूटनीतिक बढ़त मिली है. आने वाले समय में भारत अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ और भी आक्रामक भूमिका निभा सकता है.

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