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चीन से मिली खैरात को पाकिस्तान ने बताया शान, फिर ड्रैगन ने ही कर दी सरेआम बेइज्जती

Pakistan-China: बलूचिस्तान में हाल ही में शुरू हुए ग्वादर एयरपोर्ट को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने 'डोनेशन' करार दिया है. हालांकि, पाकिस्तान ने इस एयरपोर्ट को चीन-पाक की दोस्ती का प्रतीक बताया था. अब 'डोनेशन' की बात सुनकर उसके होश उड़ गए होंगे. वहीं आलोचक इसे बीजिंग की कर्ज-जाल कूटनीति का एक और हिस्सा बता रहे हैं.

चीन से मिली खैरात को पाकिस्तान ने बताया शान, फिर ड्रैगन ने ही कर दी सरेआम बेइज्जती
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Pakistan-China
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 21 Jan 2025 11:02 AM IST

Pakistan-China: भिख मांगना पाकिस्तान की आदत बन चुकी है. कभ वर्ल्ड बैंक तो कभी चीन से पैसे मांग पाकिस्तान खुद का सीना चौड़ा कर लेता है. फिर आतंक को पालने इस पैसे को भी बहा देता है. अभी हाल में ही पाकिस्तान के नए ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू हुई है, जिसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी शान बता रहे हैं.

ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने साल 2019 में रखी थी और पीएम शहबाज ने अक्टूबर 2024 में इसका उद्घाटन किया था. इस एयपोर्ट को पीएम शहबाज ने चीन के साथ दोस्ती की मिसाल बताया है, जबकि चीन ने उसकी हेकड़ी तोड़ते हुए, इसे महज एक दान कहा है.

खैरात को दोस्ती समझ बैठा चीन

दरअसल, चीन कम्यूनिस्ट पार्टी (CCP) का मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने इसे 'डोनेशन' लिखकर छापा. यानी कि चीन पाकिस्तान से दोस्ती नहीं, बल्कि इस एयरपोर्ट को महज एक दान बताया है. ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के लोग और सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों और आधुनिक सुविधाओं के साथ हवाई अड्डे के निर्माण के लिए चीन के आभारी हैं.

ग्वादर में चीनी प्रोजेक्ट

बलूचिस्तान में बंदरगाह शहर ग्वादर, चीन का वित्तपोषित है, जो इसकी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हिस्सा है. बीजिंग के BRI के तहत एक बंदरगाह और एक हवाई अड्डे के अलावा, रेलवे और राजमार्गों के विकास की प्लानिंग की गई थी.

ग्वादर शहर में चीन ने समुद्री बंदरगाह का निर्माण किया था, जिससे पश्चिमी चीन को अरब सागर से जोड़ा जा सके. ग्वादर को मलक्का जलडमरूमध्य के चोकपॉइंट को बायपास करने के लिए बीजिंग की कोशिश के तौर में देखा गया था. ग्वादर का उद्देश्य पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप के लिए चीन के व्यापार मार्ग को कम करना था.

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