ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी नेटवर्क को ख़त्म करेगा पाकिस्तान! न्यूक्लियर लीकेज पर क्या बोला अमेरिका?
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया युद्धविराम को अमेरिका ने सराहा है. प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने संवाद को जरूरी बताया, जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते का श्रेय खुद को और अमेरिकी नेतृत्व को दिया. ट्रंप ने व्यापार के ज़रिए तनाव कम करने का दावा किया। अमेरिका ने परमाणु रिसाव संबंधी रिपोर्ट पर फिलहाल टिप्पणी से इनकार किया है.

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया युद्धविराम को लेकर अमेरिका ने सकारात्मक रुख अपनाया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा कि अमेरिका इस संघर्ष विराम का स्वागत करता है और शांति का रास्ता चुनने के लिए दोनों देशों की सराहना करता है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.
प्रवक्ता से जब पूछा गया कि क्या अमेरिका को पाकिस्तान से कोई ठोस आश्वासन मिला है, विशेषकर आतंकी ढांचे के सफाए को लेकर, तो उन्होंने कोई सीधा उत्तर नहीं दिया. उन्होंने केवल इतना कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच शांति की दिशा में हुए इस कदम को सराहता है और संवाद को बढ़ावा देना चाहता है. उन्होंने न्यूक्लियर लीकेज पर भी सवाल का जवाब दिया.
ट्रंप के सीजफायर करवाने का लिया क्रेडिट
इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस-सऊदी निवेश फोरम में दावा किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम करवाने में उनका अहम योगदान रहा. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने व्यापार को माध्यम बनाकर दोनों देशों को समझौते के लिए प्रेरित किया. उन्होंने इसे 'ऐतिहासिक संघर्ष विराम' बताते हुए दोनों देशों को मजबूत नेतृत्व वाला बताया.
दोनों देशों को डिनर के लिए किया इनवाइट
ट्रंप ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को भी इस प्रयास के लिए श्रेय दिया और उम्मीद जताई कि यह शांति लंबे समय तक बनी रहेगी. उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज़ में यह भी कहा कि दोनों देशों को साथ बैठकर अच्छा भोजन करना चाहिए ताकि यह मेल-जोल का प्रतीक बन सके.
न्यूक्लियर लीकेज पर क्या बोले?
एक सवाल के जवाब में कि क्या अमेरिका ने पाकिस्तान में परमाणु विकिरण रिसाव की किसी रिपोर्ट के बाद कोई टीम भेजी है, पिगॉट ने कहा कि इस मुद्दे पर फिलहाल वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. अमेरिकी रुख से स्पष्ट है कि वह क्षेत्रीय स्थिरता चाहता है, लेकिन संवेदनशील मुद्दों पर फिलहाल सतर्कता बरत रहा है.