GF ने ठुकराया प्यार तो प्रेमी ने Viral कर दी महिला के Office की न्यूड तस्वीर, फिर मुआवजा लेने कोर्ट पहुंची तो...
कनाडा की सिविल ट्रिब्यूनल ने एक महिला की मुआवज़े की मांग खारिज कर दी, जिसने दावा किया था कि उसके एक्स बॉयफ्रेंड ने ऑफिस में खींची गई उसकी न्यूड तस्वीरें ब्रेकअप के बाद उसके एम्प्लॉयर को भेज दीं। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि ये कार्रवाई ‘जनहित’ में थी, क्योंकि तस्वीरें सार्वजनिक या कार्यस्थल के हिस्सों में ली गई थीं और 'इंटीमेट' की कानूनी परिभाषा में नहीं आतीं.

कनाडा की एक सिविल ट्राइब्यूनल ने उस महिला को झटका दिया है जिसकी निजी न्यूड तस्वीरें उसके एक्स-पार्टनर ने ब्रेकअप के बाद उसके ऑफिस को भेज दी थीं. महिला की मांग थी कि उसे इस मानसिक और सामाजिक नुकसान के लिए मुआवजा मिले, लेकिन ट्राइब्यूनल ने फैसला दिया कि यह तस्वीरें 'जनहित' के दायरे में आती हैं और ऐसे मामलों में निजता की अपेक्षा नहीं की जा सकती.
मामला उस वक्त सामने आया जब 'MR' नाम की महिला ने यह दावा किया कि उसके एक्स प्रेमी 'SS' ने ब्रेकअप के बाद बदले की भावना से उसकी न्यूड तस्वीरें उसके ऑफिस भेज दीं. वहीं ट्राइब्यूनल ने यह कहते हुए मामला खारिज कर दिया कि तस्वीरें ऑफिस के सार्वजनिक क्षेत्रों में ली गई थीं और इस तरह की रिपोर्टिंग सार्वजनिक हित में आती है.
ऑफिस में क्लिक की गईं न्यूड तस्वीरें बनी विवाद की जड़
महिला 'MR' ने अपने कार्यस्थल के ऐसे हिस्सों में तस्वीरें लीं जो आम जनता या अन्य कर्मचारियों के लिए खुले थे. इन तस्वीरों और वीडियो को उसने अपने बॉयफ्रेंड 'SS' को भेजा था. लेकिन ब्रेकअप के बाद SS ने इन्हें ऑफिस को यह कहते हुए भेज दिया कि वह "वर्कप्लेस मिसकंडक्ट" की रिपोर्ट कर रहा है.
सिविल रेजोल्यूशन ट्राइब्यूनल की सदस्य मेगन स्टीवर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, जो व्यक्ति अपने वर्कप्लेस में निजी तस्वीरें लेता है, वह यह अपेक्षा नहीं कर सकता कि यदि वह तस्वीरें ऑफिस को मिसकंडक्ट के लिए दी जाएं तो वह गोपनीय मानी जाएंगी. उन्होंने यह भी जोड़ा कि तस्वीरों को सोशल मीडिया या एडल्ट वेबसाइट पर शेयर करना गलत होता, लेकिन ऑफिस को देना जनहित में माना जा सकता है.
Intimate Images Protection Act के तहत याचिका खारिज
महिला ने मुआवजे की मांग IIPA कानून के तहत की थी, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह कानून उस परिस्थिति पर लागू नहीं होता जहां 'जनहित' जुड़ा हो. एक सख्त व्याख्या में भी यह मामला जनहित की श्रेणी में आता है,” स्टीवर्ट ने कहा.
फैसले में कहा गया कि किसी व्यक्ति को अपने पूर्व साथी से यह अपेक्षा हो सकती है कि वह निजी सामग्री को सार्वजनिक रूप से साझा न करे, लेकिन यह अपेक्षा कार्यस्थल को लेकर नहीं हो सकती. विशेषकर तब जब मामला आचरण से जुड़ा हो.