बेशुमार दौलत के मालिक 'मेटा' किंग! मार्क जुकरबर्ग बने दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति, तो पहले नंबर पर कौन?
Mark Zuckerberg Become world’s Second-Richest Person: मार्क जुकरबर्ग की कुल संपत्ति 206.2 बिलियन डॉलर यानी कि 20,620 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जिससे वे जेफ बेजोस को पीछे छोड़कर दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं. ये एक बिजनेसमैन के तौर पर उनकी बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.

Mark Zuckerberg Become world’s Second-Richest Person: मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपने नाम एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. उन्होंने दौलत के मामले में पूर्व अमेज़न के सीईओ और अध्यक्ष जेफ बेजोस को पटखनी दे दी है और दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन चुके हैं. उनकी कुल संपत्ति 206.2 बिलियन डॉलर यानी कि 20,620 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, पूर्व अमेज़न के सीईओ जेफ बेजोस की की कुल संपत्ति 205.1 बिलियन डॉलर यानी कि 20,510 करोड़ रुपये है. इसी के साथ जेफ अब दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं.
इंडेक्स के अनुसार, वर्तमान में फेसबुक के सह-संस्थापक टेस्ला के सीईओ एलन मस्क से लगभग 50 बिलियन डॉलर पीछे हैं और इसी के साथ एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति में से एक हैं. वहीं लुई विटॉन मोएट हेनेसी (LVMH) के अध्यक्ष और सीईओ बर्नार्ड अरनॉल्ट 193 बिलियन डॉलर के साथ चौथे नंबर के दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं. अगर बात पांचवें नंबर की करें तो ओरेकल के पूर्व सीईओ लैरी एलिसन 179 बिलियन डॉलर के साथ इस स्थान पर काबिज हैं.
मार्क जुकरबर्ग के लिए 2024 कैसा रहा?
कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क स्थित कंपनी में 13% हिस्सेदारी रखने वाले मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति इस साल अब तक 78 बिलियन डॉलर बढ़ चुकी है और इस साल संपत्ति सूचकांक में उन्हें चार स्थान का फायदा हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में मार्क जुकरबर्ग की कुल संपत्ति 78 बिलियन डॉलर बढ़ जाएगी.
2024 में शेयर बाजार में मेटा का प्रदर्शन कैसा रहेगा?
इस साल की शुरुआत से मेटा के शेयरों में लगभग 70% की उछाल आई है, जिसका कारण मार्क जुकरबर्ग की निजी संपत्ति में वृद्धि और इनवेस्टर्स का भरोसा है. मेटा ने बार-बार अपनी बिक्री वृद्धि के लिए अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) निवेश को एक कारण बताया है. यह कंपनी के लिए एक बहुत बड़ा बदलाव है, जिसने 2022 के अंत में 21,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी. मार्क जुकरबर्ग ने एक प्रमुख लागत-कटौती योजना शुरू की थी, जिससे इनवेस्टर्स को लगता है कि कंपनी को फिर से उभरने में मदद मिली.