Begin typing your search...

पीएम मोदी से मिले फिर भारत को दिया झटका, एलन मस्क की DOGE ने क्यों रोकी 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग?

एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने भारत में मतदान बढ़ाने के लिए आवंटित 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग रद्द कर दी, जिस पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. अमेरिका ने बांग्लादेश सहित कई देशों में वित्तपोषण में कटौती की. यह निर्णय ट्रम्प प्रशासन की बजट नीतियों के तहत लिया गया और वैश्विक राजनीतिक प्रभाव डाल सकता है.

पीएम मोदी से मिले फिर भारत को दिया झटका, एलन मस्क की DOGE ने क्यों रोकी 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग?
X
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 16 Feb 2025 4:19 PM IST

पीएम मोदी से मिलने के बाद एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने भारत को झटका दे दिया है. उसने विभिन्न देशों में किए जाने वाले वित्तपोषण में कटौती की घोषणा की है. इस फैसले के तहत भारत में मतदान बढ़ाने के लिए आवंटित 21 मिलियन डॉलर की अमेरिकी फंडिंग भी रद्द कर दी गई है. इस कदम पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे 'भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप' करार दिया और सवाल उठाया कि इससे किसे लाभ होगा?

DOGE के अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से बनाए गए 21 मिलियन डॉलर के कार्यक्रम और बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता को मजबूत करने के लिए बनाए गए 29 मिलियन डॉलर के कार्यक्रम में कटौती करने का निर्णय लिया है. एलन मस्क के विभाग ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिकी करदाताओं के पैसे इन योजनाओं पर खर्च किए जाने वाले थे, लेकिन अब उन्हें रद्द कर दिया गया है.

अमेरिका हो जाएगा दिवालिया?

एलन मस्क ने पहले भी कहा है कि अगर बजट में कटौती नहीं की गई तो अमेरिका दिवालिया हो जाएगा. यह निर्णय ट्रंप प्रशासन द्वारा बजट में किए जा रहे व्यापक बदलावों के अनुरूप माना जा रहा है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से द्विपक्षीय वार्ता कर भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कर चुके हैं. हालांकि, इस बैठक के संयुक्त बयान या प्रेस कॉन्फ्रेंस में DOGE की इस पहल का कोई उल्लेख नहीं किया गया.

बांग्लादेश को झटका

बांग्लादेश में रद्द हुए 29 मिलियन डॉलर की इस फंडिंग का उद्देश्य देश में राजनीतिक स्थिरता और लोकतांत्रिक शासन को मजबूत करना था. वहां वर्तमान में एक राजनीतिक संकट चल रहा है, जिसमें सेना ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को हटा दिया है.

इन देशों के फंड में हुई कटौती

DOGE द्वारा की गई यह फंडिंग कटौती सिर्फ भारत और बांग्लादेश तक ही सीमित नहीं है. अन्य प्रभावित देशों में लाइबेरिया शामिल है, जहां मतदाताओं के विश्वास को बढ़ाने के लिए 1.5 मिलियन डॉलर का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. माली में सामाजिक सामंजस्य पहलों के लिए निर्धारित 14 मिलियन डॉलर की राशि भी रोक दी गई. नेपाल में राजकोषीय संघवाद के लिए निर्धारित 20 मिलियन डॉलर की फंडिंग समाप्त कर दी गई, जबकि दक्षिणी अफ्रीका में सीखने के परिणामों में सुधार के लिए आवंटित 47 मिलियन डॉलर की राशि भी रद्द कर दी गई. इसके अलावा, कंबोडिया और सर्बिया भी DOGE की इन नीतियों से प्रभावित हुए देशों में शामिल हैं.

बीजेपी का क्या है कहना?

भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया सुदृढ़ीकरण के लिए 486 मिलियन डॉलर आवंटित किए गए थे, जिसमें मोल्दोवा में समावेशी और भागीदारीपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया के लिए 22 मिलियन डॉलर और भारत में मतदाता मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर भी शामिल थे. उन्होंने इस फंडिंग को भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप बताते हुए सवाल किया कि इसका लाभ किसे मिलेगा, क्योंकि यह सत्तारूढ़ दल के हित में नहीं है.

वर्ल्‍ड न्‍यूज
अगला लेख