मेरा बेटा ईरान के लिए शहीद हो जाए तो गम नहीं... लखनऊ के पिता की दिल दहला देने वाली ख्वाहिश- Video
अगर मेरा बेटा क़ौम की हिफ़ाज़त में शहीद होता है तो हमें ग़म नहीं, फख्र होगा. रवीश पिछले 13 साल से ईरान में हैं और एक प्रमुख ईरानी न्यूज़ चैनल में रिपोर्टर के तौर पर कार्यरत हैं. उनके पिता का कहना है कि ईरान में इंटरनेट बाधित है, इसलिए बेटे से संपर्क मुश्किल हो गया है, लेकिन अगर शहादत मिलती है तो वह उस पर नाज़ करेंगे.
इज़राइल और ईरान के बीच जारी युद्ध का असर केवल इन दोनों देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी चपेट में वो भारतीय भी आ गए हैं जो काम, ज़ियारत या यात्रा के सिलसिले में ईरान में मौजूद हैं. ऐसे समय में जब अधिकांश लोग अपने परिजनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं, लखनऊ के एक बुज़ुर्ग पिता ने अपने बेटे की शहादत की कामना करके सबको चौंका दिया है.
बेटे की शहादत पर गर्व- लखनऊ के अब्बास ज़ैदी की कहानी
ईरान के जिस न्यूज़ चैनल पर हाल ही में हमला हुआ, वहां काम करने वाले भारतीय रिपोर्टर रवीश ज़ैदी उस वक़्त सिर्फ 20 सेकंड पहले बिल्डिंग से बाहर निकले थे. उनके पिता अमीर अब्बास ज़ैदी ने NDTV से बात करते हुए कहा कि 'अगर मेरा बेटा क़ौम की हिफ़ाज़त में शहीद होता है तो हमें ग़म नहीं, फख्र होगा. रवीश पिछले 13 साल से ईरान में हैं और एक प्रमुख ईरानी न्यूज़ चैनल में रिपोर्टर के तौर पर कार्यरत हैं. उनके पिता का कहना है कि ईरान में इंटरनेट बाधित है, इसलिए बेटे से संपर्क मुश्किल हो गया है, लेकिन अगर शहादत मिलती है तो वह उस पर नाज़ करेंगे.
डर और बेचैनी: ज़ियारत पर गए सैकड़ों लोग फंसे
दूसरी ओर, लखनऊ से गए 90 से अधिक ज़ायरीन (ज़ियारत पर गए श्रद्धालु) 13 जून को लौटने वाले थे, लेकिन युद्ध के कारण फंसे रह गए। अली मोहम्मद की पत्नी और तीन बेटियाँ भी उन्हीं में शामिल हैं. अब सिर्फ व्हाट्सएप से ही बात हो पाती है, होटल में हैं, पैसे भी खत्म हो गए हैं,” अली मोहम्मद ने बताया. उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि जैसे यूक्रेन युद्ध के दौरान फंसे भारतीयों को सुरक्षित लाया गया था, वैसे ही ईरान में फंसे भारतीयों को भी निकाला जाए.
शिया धर्मगुरु ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
लखनऊ के शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि ईरान में फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जाए. मौलाना ने कहा कि हालात दिन-ब-दिन बिगड़ रहे हैं और लखनऊ के ही सैकड़ों लोग ईरान में संकट में हैं.





