जुकरबर्ग ने जुकरबर्ग पर क्यों ठोका मुकदमा? Meta हुआ Confuse, यूजर्स बोले- मजाक चल रहा है क्या
अमेरिका के इंडियाना में रहने वाले दिवालियापन मामलों के वकील मार्क एस. जुकरबर्ग ने मेटा और इसके सीईओ मार्क जुकरबर्ग पर मुकदमा ठोक दिया है. दरअसल, उनका फेसबुक अकाउंट बार-बार “सेलिब्रिटी की नकल” बताकर बंद किया जाता रहा है. इससे उनके क्लाइंट्स और करीब 11 हजार डॉलर के विज्ञापन खर्च का नुकसान हुआ. वकील का कहना है कि उन्होंने कई बार अपनी पहचान साबित की, लेकिन समस्या बनी रही. मामला सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोग बोले ये तो मजाक जैसा लग रहा है.

इंडियाना (अमेरिका) से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया और टेक जगत को हैरान कर दिया है. यहां के दिवालियापन मामलों के वकील मार्क एस. जुकरबर्ग ने Meta और उसके सीईओ मार्क जुकरबर्ग पर मुकदमा दायर कर दिया है. वजह है उनका नाम जो फेसबुक के संस्थापक से मिलता-जुलता है. इसी नाम की वजह से वकील के फेसबुक अकाउंट्स बार-बार बंद कर दिए जाते हैं, मानो वह किसी मशहूर शख्सियत की नकल कर रहे हों.
यह मामला किसी कॉमेडी शो की स्क्रिप्ट जैसा लग सकता है, लेकिन हकीकत बेहद गंभीर है. वकील का कहना है कि फेसबुक ने उनके पर्सनल और बिजनेस अकाउंट्स को बार-बार “फर्जी” बताकर सस्पेंड कर दिया, जिससे न सिर्फ उनकी पेशेवर छवि को नुकसान पहुंचा, बल्कि क्लाइंट्स और लाखों रुपये के विज्ञापन भी बर्बाद हो गए.
एक ही नाम, एक जैसी परेशानी
टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, वकील मार्क एस. जुकरबर्ग फेसबुक के अस्तित्व में आने से भी पहले से प्रैक्टिस कर रहे हैं. बावजूद इसके, Meta की ऑटोमैटिक मॉडरेशन सिस्टम ने उनके अकाउंट्स को बार-बार ब्लॉक किया. पिछले आठ सालों में उनकी लॉ फर्म की फेसबुक पेज को पांच बार हटाया जा चुका है.
साल 2020 में उन्होंने Meta को मेल लिखकर अपनी नाराजगी जताई थी और मजाकिया अंदाज में लिखा था कि 'अगर कभी आपकी मुलाकात उस छोटे और अमीर मार्क जुकरबर्ग से हो जाए, तो उसे मेरा नमस्ते कहना और यह भी बताना कि वह हर दिन मुझे बहुत परेशान करता है.'
क्लाइंट्स और विज्ञापनों का नुकसान
मार्क जुकरबर्ग (वकील) का कहना है कि इन बार-बार के बैन से उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ. सिर्फ विज्ञापन में लगाए गए 11,000 डॉलर (करीब 9 लाख रुपये) बर्बाद हो गए। उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि ये ऐसे है जैसे आपने हाईवे पर बड़ा होर्डिंग लगाया हो, लेकिन उसे किसी ने ढक दिया हो ताकि कोई देख ही न सके.'
कई बार पहचान साबित करने के लिए उन्होंने ID, क्रेडिट कार्ड और अपनी तस्वीरें भी जमा कराईं, लेकिन इसके बावजूद अकाउंट सस्पेंड होता रहा. मई 2025 में हुआ ताजा बैन तो सिर्फ तब हटाया गया जब उन्होंने Marion Superior Court में मुकदमा ठोक दिया.
Meta की सफाई
Meta ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अकाउंट 'गलती से' डिसेबल हो गया था और अब उसे बहाल कर दिया गया है. कंपनी का कहना है कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ी न हो, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं. अपनी पहचान पुख्ता करने के लिए वकील ने iammarkzuckerberg.com नाम की वेबसाइट भी बनाई है, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव साझा किए हैं. मजाकिया कॉल्स से लेकर इवेंट्स में हुई अजीबोगरीब घटनाओं तक. हालांकि कभी-कभी इस नाम का फायदा भी मिला, जैसे रेस्टोरेंट में बेहतर टेबल, लेकिन ज्यादातर बार यह नाम उनके लिए सिरदर्द ही साबित हुआ.