इजरायल की एजेंसी मोसाद ने 3 ग्राम विस्फोटक से कैसे की हिजबुल्लाह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई!
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने लेबनानी आतंकी समूह हिजबुल्लाह के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है. पेजरों के माध्यम से एक बड़े पैमाने पर विस्फोट किया गया जिससे करीब 3000 लोग घायल हो गए और 9 लोगों की मौत हो गई है.

हाल ही में एक घटना में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने लेबनानी आतंकी समूह हिजबुल्लाह के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है. रिपोर्टों के अनुसार, हिजबुल्लाह ने ताइवान निर्मित 5,000 पेजर मंगवाए थे, जिन्हें मोसाद ने पहले ही विस्फोटकों से लैस कर दिया था. प्रत्येक पेजर में लगभग तीन ग्राम विस्फोटक सामग्री थी. इन पेजरों के माध्यम से एक बड़े पैमाने पर विस्फोट हुआ, जिससे 17 सितंबर को हुई घटना में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और करीब 3,000 लोग घायल हो गए. हिजबुल्लाह के लड़ाके और बेरूत में मौजूद ईरान के दूत इस विस्फोट से प्रभावित हुए.
मोसाद की साजिश
हिजबुल्लाह ने ताइवान स्थित कंपनी गोल्ड अपोलो से इन पेजरों को मंगवाया था, जो केवल टेक्स्ट संदेश प्राप्त करने और प्रदर्शित करने में सक्षम थे. इस वजह से, यह कम तकनीकी उपकरण हिजबुल्लाह के लड़ाकों के लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि वे इजरायली ट्रैकिंग से बचने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे थे. हालांकि, मोसाद ने पेजरों के निर्माण के दौरान इनमें छोटे विस्फोटक उपकरण डाल दिए थे, जिन्हें कोडित संदेश के माध्यम से सक्रिय किया जा सकता था.
कितना खतरनाक था ये हमला
विस्फोट के समय लगभग 3,000 पेजर एक साथ फट गए, जिससे भारी तबाही मची. प्रत्येक पेजर में लगभग तीन ग्राम विस्फोटक सामग्री थी, जिसे महीनों तक हिजबुल्लाह नहीं पकड़ सका. इस विस्फोट से हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ और यह उनकी सुरक्षा में अब तक का सबसे बड़ा उल्लंघन माना जा रहा है. फुटेज में घायलों की गंभीर चोटें दिखाई गईं, जिनमें उंगलियों का कटना, चेहरे पर चोटें, और कूल्हों के आसपास गहरे जख्म शामिल थे, जहां पेजर पहने हुए थे.
यह घटना तब हुई जब पहले से ही इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव बढ़ रहा था. गाजा युद्ध के बाद हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच सीमा पर लगातार संघर्ष हो रहा था. हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ इस हमले का बदला लेने की शपथ ली है, लेकिन इजरायली सेना ने इस हमले में अपनी भागीदारी की न तो पुष्टि की है और न ही उसे खारिज किया है.