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महिला टीचर का ‘थ्रीसम’ कांड, दो स्टूडेंट संग सेक्स और तीसरा देख रहा था! शिक्षा मंत्रालय ने दी ये सजा

एक 43 साल की अंग्रेज़ी शिक्षिका को छात्रों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया है. शिक्षा मंत्रालय और सिविल सर्विस कमिशन ने इस मामले को छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा प्रणाली पर जनता के भरोसे के खिलाफ “गंभीर अपराध” बताते हुए सख्त कार्रवाई की है.

महिला टीचर का ‘थ्रीसम’ कांड, दो स्टूडेंट संग सेक्स और तीसरा देख रहा था! शिक्षा मंत्रालय ने दी ये सजा
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( Image Source:  AI Perplexity )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 22 Aug 2025 5:38 PM IST

इज़रायल के एक मशहूर स्कूल में पढ़ाने वाली 43 साल की एक महिला टीचर पर गंभीर आरोप लगे हैं. जांच में पता चला कि उन्होंने स्कूल के दो छात्रों को अपने घर बुलाया और उनके साथ सेक्स किया. इतना ही नहीं, तीसरा बच्चा यह सबकुछ होते हुए देख रहा था. हालांकि टीचर का नाम पब्लिक नहीं किया गया है, लेकिन यह मामला सामने आने के बाद लोगों में हैरानी है.

जब इस मामले की पूरी जांच हुई तो सिविल सर्विस कमिशन ने टीचर को दोषी माना. इसके बाद तुरंत उन्हें उनकी नौकरी से हटा दिया गया. अब यह मामला इज़रायल में चर्चा का विषय बना हुआ है और शिक्षा विभाग भी इस पर गंभीरता से नजर रखे हुए है.

टीचर को किया फायर

सरकारी वकील ने मामला इसलिए बंद कर दिया क्योंकि उनके और छात्र के बीच संबंध दोनों की सहमति से था और वह छात्र उनकी क्लास में नहीं पढ़ता था. इज़राइल में 16 साल की उम्र के बाद सहमति से संबंध बनाना कानूनी माना जाता है. फिर भी, ट्रिब्यूनल ने कहा कि एक टीचर के लिए यह बड़ी गलती थी क्योंकि उसने छात्र के साथ भरोसे का रिश्ता तोड़ा. इसलिए सिविल सर्विस कमिशन ने उस टीचर को तीन साल तक सरकारी नौकरी करने से रोका और अगले आठ साल तक बच्चों और युवाओं से जुड़े काम से दूर रहने को कहा.

जांच के दौरान खुले कई राज

इस पूरी सुनवाई में यह भी सामने आया कि टीचर अक्सर छात्रों के साथ अकेले समय बिताने लगी थीं. शुरूआत उन्होंने छात्रों के साथ सिगरेट पीने से की और धीरे-धीरे पर्सनल रिश्ता बनाया. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, एक मौके पर उन्होंने दो छात्रों को अपने घर बुलाया, जहां उन्होंने संबंध बनाए और एक अन्य छात्र ने यह सब होते देखा. यह घटनाएं सितंबर से जनवरी के बीच हुईं.

टीचर की सफाई और पछतावा

हिब्रू मीडिया से बातचीत में टीचर ने माना कि उन्होंने बड़ी गलती की. उन्होंने इसे वन-टाइम घटना बताया और कहा कि वह नहीं चाहतीं कि इस मामले से उनके परिवार पर आंच आए. उनके वकील ने भी तर्क दिया कि यह यह सब कुछ आपसी सहमति से हुआ था और टीचर सीधे उन्हीं छात्रों को नहीं पढ़ाती थीं. शिक्षिका ने दलील दी कि वे अकेलापन महसूस कर रही थीं क्योंकि उनके पति उस समय रिज़र्व ड्यूटी पर थे.

शिक्षा मंत्रालय का कड़ा रुख

इज़रायल के शिक्षा मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर बेहद सख्त रवैया अपनाया. मंत्रालय ने साफ किया कि एजुकेशन सिस्टम में बच्चों और टीचर के बीच भरोसा सबसे अहम है और किसी भी तरह का पर्सनल या आपत्तिजनक संबंध इस भरोसे को तोड़ देता है.

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