तेहरान को छोड़ मकरान को क्यों नई राजधानी बनाना चाहता है ईरान?
Iran relocate Capital Tehran to Makran: अधिक जनसंख्या, जल एवं बिजली की कमी के कारण ईरान अपनी राजधानी तेहरान को दक्षिणी तटीय क्षेत्र मकरान में ट्रांसफर करने की की प्लानिंग कर रहा है. तेहरान की आबादी 90 लाख से अधिक हो चुकी है. ये दो शताब्दियों से ज़्यादा समय से ईरान की राजधानी रहा है.
Iran relocate Capital Tehran to Makran: ईरान अब अपनी राजधानी बदलने की तैयारी में लगा है. ये देश अपनी राजधानी को उत्तरी महानगर तेहरान से हटाकर दक्षिणी तटीय मकरान क्षेत्र में बनान चाहता है. लेकिन सवाल ये है कि ईरान को अचानक ये फैसला क्यों लेना पड़ा और राजधानी के लिए तेहरान को ही क्यों चुना.
सरकारी स्पोकपर्शन फतेमेह मोहजेरानी ने कहा, 'नई राजधानी निश्चित तौर पर देश के साउथ विशेष रूप से मकरान क्षेत्र में होगा. तेहरान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, लेकिन यह अभी भी इस पर मुहर नहीं लगी है.'
डॉलर के मुकाबले रियाल हो रहा कमजोर
ईरान की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है. डॉलर के मामले मुकाबले ईरानी रियाल लगातार कमजोर हो रहा है. 1 डॉलर की कीमत 42,087 रियाल के बराबर है. मीडिल ईस्ट में चल रहे युद्ध के बाद ही ईरान की स्थिति इतनी खराब हुई है. 2015 में अमेरिका से जब ईरान का परमाणु समझौता हुआ था तो एक डॉलर की कीमत 32 हजार रियाल थी.
जनसंख्या बढ़ने से तेहरान का खास्ताहाल
तेहरान की आबादी 90 लाख से अधिक हो चुकी है. ये दो शताब्दियों से ज़्यादा समय से ईरान की राजधानी रहा है. इसकी स्थापना कजर राजवंश के आगा मोहम्मद खान के शासनकाल से हुई थी. अपने ऐतिहासिक महत्व के बावजूद यह शहर अत्यधिक जनसंख्या, वायु प्रदूषण, पानी की कमी और बार-बार बिजली कटौती जैसी पुरानी समस्याओं से जूझ रहा है.
अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई देना है मकसद
चूंकि मकरान समुद्री तट पर स्थित है. समुद्री अर्थव्यवस्था से जुड़े व्यापार को नई ऊंचाई देने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है. यहां इसके लिए दो परिषदों की स्थापना भी की गई है. मोहजेरानी ने कहा, 'हम इंजीनियरों और अर्थशास्त्रियों सहित एक्सपर्ट्स की सहायता मांग रहे हैं.'
ओमान की खाड़ी के पास सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में स्थित मकरान क्षेत्र रणनीतिक तौर पर भी काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि, राजधानी को ट्रांसफर करने में कई चुनौतियां हैं, जिनमें उच्च लागत, लंबी समयसीमा और सांस्कृतिक बदलाव शामिल हैं.





