इमरान खान की मौत की अफवाहों के बीच जनरल असीम मुनीर से दुश्मनी क्यों आई चर्चा में?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई, जिसमें दावा किया गया कि ISI ने उनकी हत्या कर दी. हालांकि AI चैटबॉट Grok और BBC सहित अन्य विश्वसनीय स्रोतों ने इन खबरों को अफवाह करार दिया है. वहीं, इमरान खान और सेना प्रमुख आसिम मुनीर की दुश्मनी की चर्चा फिर से होने लगी है.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों अफवाहों की बाढ़ सी आ गई है. कई यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इमरान खान की हत्या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI द्वारा कर दी गई है और सेना के भीतर जबरदस्त असंतोष पनप रहा है. यह खबर पाकिस्तानी आम जनता से छुपाई जा रही है. यह सनसनीखेज दावा विंग कमांडर पुष्कर विजय द्विवेदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर किया है, जिसके बाद यह मामला चर्चा में आ गया.
इमरान खान की कथित हत्या को लेकर जब एक यूजर ने AI चैटबॉट Grok से सवाल किया तो उसने साफ कहा कि यह दावा झूठा प्रतीत होता है. ग्रोक के मुताबिक, 10 मई 2025 तक विश्वसनीय स्रोत जैसे विकिपीडिया, बीबीसी और अल जज़ीरा की रिपोर्ट में इमरान खान के जीवित होने की पुष्टि की गई है. वह इस समय जेल में हैं और अल-कादिर ट्रस्ट मामले में 14 साल की सजा काट रहे हैं. इसके अलावा उन्हें तोशाखाना केस में भी दोषी पाया गया था और उनकी गिरफ्तारी अगस्त 2023 में हुई थी.
शारीरिक उत्पीड़न की भी उड़ी थी अफवाह
भारत-पाक तनाव के बीच सोशल मीडिया पर एक और चौंकाने वाला आरोप सामने आया कि जेल में बंद इमरान खान का यौन शोषण हुआ है. दावा किया गया कि 'डॉन' अखबार की रिपोर्ट और एक मेडिकल रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि पाकिस्तानी सेना के एक अस्पताल में उनके साथ शारीरिक उत्पीड़न किया गया. लेकिन यह रिपोर्ट भी फर्जी निकली और स्क्रीनशॉट की प्रामाणिकता पर सवाल उठे. इस पूरी घटना ने एक बार फिर इमरान खान और पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बीच पुराने तनाव को चर्चा में ला दिया है, जिसकी जड़ें 2019 के उस विवाद तक जाती हैं जब इमरान ने असीम मुनीर को DG ISI पद से हटाया था.
2019 से शुरू हुआ था टकराव
असीम मुनीर और इमरान खान की दुश्मनी का बीज जून 2019 में ही बो दिया गया था, जब इमरान खान ने प्रधानमंत्री रहते हुए मुनीर को DG ISI के पद से समय से पहले हटा दिया. कहा जाता है कि मुनीर ने इमरान खान की पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार के दस्तावेज पेश किए थे, जिससे नाराज़ होकर इमरान ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. यही वह क्षण था जब दोनों के रास्ते हमेशा के लिए अलग हो गए. इमरान ने मुनीर को सेना प्रमुख बनने से रोकने की हर कोशिश की. यहां तक कि जनरल बाजवा को सेवा विस्तार देने की पेशकश भी की, लेकिन अंततः बाजवा के रिटायर होते ही मुनीर को सेना की कमान मिल गई.
मुनीर ने लिखी थी इमरान की गिरफ्तारी की पटकथा
सेना की 'न्यूट्रल' भूमिका इमरान खान को कभी रास नहीं आई. सत्ता से बेदखली, गिरफ्तारी, पार्टी सिम्बल फ्रीज और उनके समर्थकों पर कार्रवाई ये सब इमरान के मुताबिक सेना के इशारे पर हुआ. उन्होंने खुलकर ISI के अधिकारियों पर हत्या की साज़िश रचने का आरोप लगाया, जिससे सेना के साथ उनका रिश्ता पूरी तरह टूट गया. फिर चाहे नवाज़ शरीफ की वापसी हो या चुनावों में धांधली के आरोप, हर मोर्चे पर इमरान खुद को सेना के खिलाफ लड़ते हुए दिखाते रहे. हालांकि, इसके बावजूद उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई. लेकिन जब उन्होंने मेजर जनरल फैसल नसीर पर दो बार हत्या की कोशिश का आरोप लगाया, तो माना गया कि इमरान ने सेना की 'रेड लाइन' पार कर दी और वहीं से उनकी गिरफ्तारी की पटकथा लिख दी गई.