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यहां कुत्तों की भी की जाती है पूजा, जानें कुकुर तिहार से जुड़ी कहानी

मनीषा कोयराला ने इस साल कुकुर तिहार त्योहार पर इस त्योहार का पर्व मनाया. इसका एक वीडियो भी उन्होंने सोशल मीडिया पर अपलोड किया है. इस वीडियो में अपने कु्त्ते के प्रति सम्मान दिखाती हुईं वह नजर आईं. साथ ही वीडियो में उन्हें माला पहनाते हुए देखा जा सकता है.

यहां कुत्तों की भी की जाती है पूजा, जानें कुकुर तिहार से जुड़ी कहानी
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( Image Source:  Social Media: X )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 5 Nov 2024 8:10 PM IST

नेपाल में हर साल कुकुर तिहार का पर्व मनाया जाता है. यह पर्व कुत्तों के प्रति हमारे प्रेम और सम्मान को दर्शाता है. दीवाली के दूसरे ही दिन इस त्योहार को धूम-धाम से मनाया जाता है. इस दिन, लोग अपने प्यारे पालतू कुत्तों के साथ विशेष व्यवहार करते हैं और उन्हें पूजा-अर्चना के जरिए सम्मानित करते हैं. यह कुत्तों की विशेषता और उनकी वफादारी का प्रतीक है.

इस त्योहार पर कुत्तों के लिए कई तरह की तैयारी की जाती है. बता दें कि सुंदर फूलों की माला इस दिन तैयार की जाती हैं. इतना ही नहीं अपने पालतू कुत्तों को इस दिन नए कपड़े पहनाए जाते हैं.

ऐसी होती हैं तैयार

नेपाल में मनाए जाने वाले इस त्योहार पर कुत्तों को सुंदर फूलों की मालाओं से सजाया जाता है. जो उनकी विशेषता को उजागर करता है. लोग अपने कुत्तों को नया पहनावा पहनाते हैं और उनके लिए खास खाना तैयार करते हैं. इस दिन भोजन खाने में आमतौर पर मांस, चावल, और अन्य स्वादिष्ट चीजों से भरा होता है, जिसे उनके लिए श्रद्धा और प्रेम से बनाया जाता है. इस दिन कुत्तों को पूजा की जाती है, जिसमें उन्हें तिलक लगाया जाता है और उनके आगे खाने की थाली रखी जाती है. इन सबको करने के पीछे का मकसद हमाली जिंदगी में कुत्तों की महत्वता को दर्शाता है.

जानवर नहीं परिवार का हिस्सा हैं

इस पर्व को मनाने के पीछे एक महत्वपूर्ण पहलू ये भी है कि जानवरों के प्रति जिम्मेदारी को समझा जा सके. साथ ही यह याद किया जा सके कि कुत्ते हमारे न केवल पालतू जानवर हैं, बल्कि हमारे परिवार का एक अहम हिस्सा हैं. इंसानों के प्रेम के बदले वह सिर्फ हमें प्यार, वफादारी और संरक्षण मिलता है. इस कारण जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है. कुकुर तिहार के इस दिन, लोग न केवल अपने पालतू कुत्तों का ध्यान रखते हैं, बल्कि उन बेजुबान कुत्तों की भी मदद करने की सोचते हैं, जो सड़कों पर जीवन बिताते हैं.

लोगों में है काफी उत्साह

इस साल होने वाली तैयारी की अगर बात की जाए तो इस बार लोगों में इस पर्व को मनाने का उत्साह है. लोग अपने घरों में विशेष योजनाएं तैयार कर रहे हैं. फोटोशूट, दावत और खेल की कई एक्टीविटीज आयोजित की जा रही हैं. यह पर्व एक ऐसा अवसर है जब परिवार अपने पालतू जानवरों के साथ समय बिताते हैं और उन्हें वह प्रेम देते हैं जिसके वे हकदार हैं. यह महज एक पर्व नहीं बल्कि प्रेम और उनकी अहमियत को दर्शाने का एक तरीका भी है. यह पर्व हर साल लोगों को कुत्तों के प्रति अपनी जिम्मेदारी और स्नेह को प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है.कुकुर तिहार का संदेश है कि हमें अपने कुत्तों का ख्याल रखना चाहिए और उन्हें हर संभव प्यार देना चाहिए.

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